< Matthew 1 >
1 [The] book of [the] genealogy of Jesus Christ son of David son of Abraham.
ये यीशु मसीह के पूर्वजां के नाम सै। वो राजा दाऊद का वंशज था, अर राजा दाऊद अब्राहम का वंशज था।
2 Abraham begat Isaac; Isaac then begat Jacob; Jacob then begat Judah and the brothers of him;
अब्राहम का बेट्टा इसहाक था, अर इसहाक का बेट्टा याकूब था, फेर याकूब तै यहूदा अर उसके भाईयाँ का जन्म होया।
3 Judah then begat Perez and Zerah out of Tamar; Perez then begat Hezron; Hezron then begat Ram;
यहूदा के बेट्टे फिरिस अर जोरह थे। (फिरिस अर जोरह की माँ का नाम तामार था।) फिरिस का बेट्टा हिस्रोन था। हिस्रोन का बेट्टा एराम था,
4 Ram then begat Amminadab; Amminadab then begat Nahshon; Nahshon then begat Salmon;
एराम का बेट्टा अम्मीनादाब था। अम्मीनादाब तै नहशोन, अर नहशोन तै सलमोन का जन्म होया,
5 Salmon then begat Boaz out of Rahab; Boaz then begat Obed out of Ruth; Obed then begat Jesse;
सलमोन का बेट्टा बोआज था। (बोआज की माँ का नाम राहाब था।) बोआज अर रुत तै ओबेद का जन्म होया, अर ओबेद का बेट्टा यिशै था।
6 Jesse then begat David the king; David then (the king *k*) begat Solomon out of the [wife] of Uriah;
अर यिशै का बेट्टा राजा दाऊद था। (राजा सुलैमान दाऊद का बेट्टा था।) जो उस बिरबान्नी तै जन्मा था जो पैहले उरिय्याह की घरआळी थी,
7 Solomon then begat Rehoboam; Rehoboam then begat Abijah; Abijah then begat Asaph;
सुलैमान का बेट्टा रहबाम था। अर रहबाम का बेट्टा अबिय्याह था। अर अबिय्याह तै आसा का जन्म होया।
8 Asaph then begat Jehoshaphat; Jehoshaphat then begat Joram; Joram then begat Uzziah;
आसा का बेट्टा यहोशाफात था। फेर यहोशाफात तै योराम अर योराम तै उज्जियाह का जन्म होया।
9 Uzziah then begat Jotham; Jotham then begat Ahaz; Ahaz then begat Hezekiah;
उज्जियाह का बेट्टा योताम था अर योताम, आहाज का। फेर आहाज तै हिजकिय्याह का जन्म होया।
10 Hezekiah then begat Manasseh; Manasseh then begat (Amos; Amos *N(k)O*) then begat Josiah;
हिजकिय्याह तै मनश्शिह का जन्म होया। मनश्शिह का बेट्टा आमोन था, अर आमोन तै योशिय्याह का जन्म होया।।
11 Josiah then begat Jeconiah and the brothers of him at [the time] of the carrying away to Babylon.
फेर इस्राएल के माणसां नै कैदी बणाकै बेबीलोन देश ले जाण के बखत योशिय्याह तै यकुन्याह, अर उसके भाईयाँ का जन्म होया।
12 After then the carrying away to Babylon Jeconiah begat Shealtiel; Shealtiel then begat Zerubbabel;
बेबीलोन देश म्ह पोहचाये जाये पाच्छै यकुन्याह तै शालतियेल का जन्म होया, फेर शालतियेल तै जरुब्बाबिल का जन्म होया।
13 Zerubbabel then begat Abiud; Abiud then begat Eliakim; Eliakim then begat Azor;
जरुब्बाबिल तै अबीहूद का जन्म होया, अबीहूद तै एलयाकीम का अर एलयाकीम तै अजोर का जन्म होया।
14 Azor then begat Zadok; Zadok then begat Achim; Achim then begat Eliud;
अजोर का बेट्टा सदोक था। सदोक तै अखीम अर अखीम तै इलीहूद का जन्म होया।
15 Eliud then begat Eleazar; Eleazar then begat Matthan; Matthan then begat Jacob;
इलीहूद का बेट्टा इलियाजार था। अर इलियाजार मत्तान का। मत्तान का बेट्टा याकूब था।
16 Jacob then begat Joseph the husband of Mary out of whom was born Jesus who is being named Christ.
अर याकूब तै यूसुफ का जन्म होया, जो मरियम का धणी था। अर मरियम तै यीशु जो मसीह कुह्वावै सै, पैदा होया।
17 All therefore the generations from Abraham to David [were] generations fourteen and from David until the carrying away to Babylon generations fourteen and from the carrying away to Babylon until the Christ generations fourteen.
इस तरियां अब्राहम तै दाऊद तक चौदहा पीढ़ी होई, अर दाऊद तै लेकै इस्राएलियाँ नै कैदी बणाकै बेबीलोन देश भेज्जे जाण तक चौदहा पीढ़ी, अर इस्राएलियाँ कैदी बणाकै बेबीलोन देश म्ह भेज्जे जाण कै बखत तै मसीह तक चौदहा पीढ़ी और होई।
18 Now of Jesus Christ the (origin *N(k)O*) thus was happening: At the pledging (for *k*) of the mother of Him Mary to Joseph, before than to come together by them she was found in womb [pregnancy] having out of [the] Spirit Holy.
यीशु मसीह का जन्म इस तरियां होया, कै जिब उसकी माँ मरियम की सगाई यूसुफ कै गैल होग्यी, तो उनका ब्याह होण तै पैहल्याए बेरा पाट्या के वा पवित्र आत्मा की शक्ति तै गर्भवती सै।
19 Joseph now the husband of her, righteous being and not willing her (to disgrace, *N(k)O*) he purposed secretly to send away her.
पर उसका धणी यूसुफ जो एक धर्मी माणस था, उसनै बदनाम न्ही करणा चाहवै था, इस खात्तर उस ताहीं चुपके तै छोड़ण का विचार करया।
20 These things now when he was pondering behold an angel of [the] Lord in a dream appeared to him saying; Joseph son of David, not may you fear to receive Mary [as] the wife of you; that for in her having been conceived from [the] Spirit [which] is Holy.
जिब वो इन बात्तां नै सोच्चै ए था तो परमेसवर का सुर्गदूत उसनै सपनै म्ह आकै कहण लाग्या, “हे यूसुफ! दाऊद के वंशज, तू अपणी घरआळी मरियम नै अपणे उरै ल्याण तै ना डरै, क्यूँके जो उसकी कोख म्ह सै, वो पवित्र आत्मा की ओड़ तै सै।
21 She will bear then a son, and you will call the name of Him Jesus; He himself for will save the people of Him from the sins of them.
वो बेट्टा जाम्यैगी अर तू उसका नाम यीशु धरिये, क्यूँके वो अपणे माणसां का उनकै पापां तै उद्धार करैगा।”
22 This then all has come to pass that may be fulfilled that [which] having been spoken by (the *k*) Lord through the prophet saying;
यो सारा इस खात्तर होया के जो वचन प्रभु नै यशायाह नबी कै जरिये कह्या था, वो पूरा हो
23 Behold the virgin in womb [pregnancy] will have and she will bear a son, and they will call the name of Him Immanuel, which is being translated; With us God.
देक्खो एक कुँवारी गर्भवती होगी अर एक छोरा जण्येगी, अर उसका नाम इम्मानुएल धरया जावैगा, जिसका मतलब सै “परमेसवर म्हारै गैल सै।”
24 (Having been awoken *N(k)O*) then Joseph from the sleep he did as he commanded him the angel of [the] Lord; and received the wife of him
फेर यूसुफ नींद तै जाग कै परमेसवर कै सुर्गदूत के हुकम कै मुताबिक मरियम नै अपणी घरआळी बणाकै अपणे याड़ै ले आया।
25 and not he was knowing her until that she had brought forth (the *k*) a son (of her firstborn, *K*) and (s)he called the name of Him Jesus.
अर जिब ताहीं उसनै छोरा ना जण्या जिब तक यूसुफ उसकै धोरै न्ही गया अर उसनै बाळक का नाम यीशु धरया।