< Job 1 >

1 A man he was in [the] land of Uz [was] Job name his and he was - the man that blameless and upright and fearing God and turning aside from evil.
उज़ देश में अय्योब नामक एक व्यक्ति थे. वे सीधे, खरे, परमेश्वर के श्रद्धा युक्त तथा बुराई से दूर थे.
2 And they were born to him seven sons and three daughters.
उनके सात पुत्र एवं तीन पुत्रियां थीं,
3 And it was livestock his seven thousand sheep and three thousand camels and five hundred pair[s] of ox[en] and five hundred female donkeys and service much very and he was the man that great more than all [the] people of [the] east.
उनके पास सात हजार भेड़ें, तीन हजार ऊंट, पांच सौ जोड़े बैल, पांच सौ गधियां तथा अनेक-अनेक दास-दासियां थीं. पूर्वी देशों में कोई भी उनके तुल्य धनवान न था.
4 And they went sons his and they made a feast [the] house of each one day his and they sent and they invited [the] three (sisters their *Q(k)*) to eat and to drink with them.
उनके पुत्र अपने-अपने जन्मदिन पर अपने घरों में दावत का आयोजन करते थे, जिसमें वे अपनी तीनों बहनों को भी आमंत्रित किया करते थे, कि वे भी भोज में सम्मिलित हों.
5 And it was that they had gone round [the] days of the feast and he sent Job and he sanctified them and he rose early in the morning and he offered up burnt offerings [the] number of all of them for he said Job perhaps they have sinned children my and they have blessed God in heart their thus he did Job all the days.
जब उत्सवों का समय समाप्‍त हो जाता था, तब अय्योब अपनी इन संतानों को अपने यहां बुलाकर उन्हें पवित्र किया करते थे. वह बड़े भोर को उठकर उनकी संख्या के अनुरूप होमबलि अर्पित करते थे. उनकी सोच थी, “संभव है मेरे पुत्रों से कोई पाप हुआ हो और उन्होंने अपने हृदय में ही परमेश्वर के प्रति अनिष्ट किया हो और परमेश्वर को छोड़ दिया हो.” अय्योब यह सब नियमपूर्वक किया करते थे.
6 And it was the day and they came [the] sons of God to present themselves on Yahweh and he came also the adversary in midst of them.
यह वह दिन था, जब परमेश्वर के पुत्र ने स्वयं को याहवेह के सामने प्रस्तुत किया और शैतान भी उनके साथ आया हुआ था.
7 And he said Yahweh to the adversary from where? are you coming and he answered the adversary Yahweh and he said from roving about on the earth and from going about on it.
याहवेह ने शैतान से पूछा, “तुम कहां से आ रहे हो?” शैतान ने याहवेह को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते हुए तथा डोलते-डालते आया हूं.”
8 And he said Yahweh to the adversary ¿ have you set heart your on servant my Job for there not [is] like him on the earth a man blameless and upright fearing God and [who] turns aside from evil.
याहवेह ने शैतान से प्रश्न किया, “क्या तुमने अय्योब, मेरे सेवक पर ध्यान दिया है? कि सारी पृथ्वी पर कोई भी उसके तुल्य नहीं है. वह सीधा, खरा, परमेश्वर के प्रति श्रद्धा युक्त तथा बुराई से दूर है.”
9 And he answered the adversary Yahweh and he said ¿ in vain has he feared Job God.
शैतान ने याहवेह से पूछा, “क्या अय्योब परमेश्वर के प्रति श्रद्धा बिना लाभ के मानता है?
10 ¿ Not (you *Q(K)*) have you put a hedge behind him and behind house his and behind all that [belongs] to him from round about [the] work of hands his you have blessed and livestock his it has spread out in the land.
आपने उसके घर के और उसकी संपत्ति के चारों ओर अपनी सुरक्षा का बाड़ा बांध रखा है? आपने उसके श्रम को समृद्ध किया है. उसकी संपत्ति इस देश में फैलती जा रही है.
11 And but stretch out please hand your and touch all that [belongs] to him if not on face your he will bless you.
आप हाथ बढ़ाकर उसकी समस्त संपत्ति को छुएं, वह निश्चय आपके सामने आपकी निंदा करने लगेगा.”
12 And he said Yahweh to the adversary there! all that [belongs] to him [is] in hand your only against him may not you stretch out hand your and he went out the adversary from with [the] presence of Yahweh.
याहवेह ने शैतान से कहा, “अच्छा सुनो, उसकी समस्त संपत्ति पर मैं तुम्हें अधिकार दे रहा हूं, मात्र ध्यान दो, तुम उसको स्पर्श मत करना.” शैतान याहवेह की उपस्थिति से चला गया.
13 And it was the day and sons his and daughters his [were] eating and drinking wine in [the] house of brother their the firstborn.
जिस दिन अय्योब के पुत्र-पुत्रियां ज्येष्ठ भाई के घर पर उत्सव में व्यस्त थे,
14 And a messenger he came to Job and he said the ox[en] they were plowing and the female donkeys [were] grazing on hands their.
एक दूत ने अय्योब को सूचित किया, “बैल हल चला रहे थे तथा निकट ही गधे चर रहे थे,
15 And it fell Sabean[s] and it took them and the servants they struck to [the] mouth of [the] sword and I have escaped! only I to alone me to tell to you.
कि शीबाईयों ने आक्रमण किया और इन्हें लूटकर ले गए. उन्होंने तो हमारे दास-दासियों का तलवार से संहार कर दिया है, मात्र मैं बचते हुए आपको सूचित करने आया हूं!”
16 Still - this [one] [was] speaking and this [one] he came and he said [the] fire of God it fell from the heavens and it burned the sheep and the servants and it consumed them and I have escaped! only I to alone me to tell to you.
अभी उसका कहना पूर्ण भी न हुआ था, कि एक अन्य दूत ने आकर सूचना दी, “आकाश से परमेश्वर की ज्वाला प्रकट हुई और हमारी भेड़ें एवं दास-दासियां भस्म हो गए, मैं बचते हुए आपको सूचित करने आया हूं!”
17 Still - this [one] [was] speaking and this [one] he came and he said [the] Chaldeans they formed - three companies and they made a raid on the camels and they took them and the servants they struck to [the] mouth of [the] sword and I have escaped! only I to alone me to tell to you.
उसका कहना अभी पूर्ण भी न हुआ था, कि एक अन्य दूत भी वहां आ पहुंचा और कहने लगा, “कसदियों ने तीन दल बनाकर ऊंटों पर छापा मारा और उन्हें ले गए. दास-दासियों का उन्होंने तलवार से संहार कर दिया है, मात्र मैं बचते हुए आपको सूचित करने आया हूं!”
18 Until this [one] [was] speaking and this [one] he came and he said sons your and daughters your [were] eating and drinking wine in [the] house of brother their the firstborn.
वह अभी कह ही रहा था, कि एक अन्य दूत भी वहां आ पहुंचा और उन्हें सूचित करने लगा, “आपके ज्येष्ठ पुत्र के घर पर आपके पुत्र-पुत्रियां उत्सव में खा-पी रहे थे,
19 And there! a wind great it came - from [the] other side of the wilderness and it touched [the] four [the] corners of the house and it fell on the youths and they died and I have escaped! only I to alone me to tell to you.
कि एक बड़ी आंधी चली, जिसका प्रारंभ रेगिस्तान क्षेत्र से हुआ था, इसने उस घर पर चारों ओर से ऐसा प्रहार किया कि दब कर समस्त युवाओं की मृत्यु हो गई. मात्र मैं बचकर आपको सूचना देने आया हूं!”
20 And he arose Job and he tore robe his and he shaved head his and he fell [the] earth towards and he bowed down.
अय्योब यह सुन उठे, और अपने वस्त्र फाड़ डाले, अपने सिर का मुंडन किया तथा भूमि पर दंडवत किया.
21 And he said naked (I came out *Q(k)*) from [the] womb of mother my and naked I will return there towards Yahweh he gave and Yahweh he has taken may it be [the] name of Yahweh blessed.
उनके वचन थे: “माता के गर्भ से मैं नंगा आया था, और मैं नंगा ही चला जाऊंगा. याहवेह ने दिया था, याहवेह ने ले लिया; धन्य है याहवेह का नाम.”
22 In all this not he sinned Job and not he ascribe unseemliness to God.
समस्त घटनाक्रम में अय्योब ने न तो कोई पाप किया और न ही उन्होंने परमेश्वर की किसी भी प्रकार की निंदा की.

< Job 1 >