< 1 Kings 14 >
1 At the time that he became sick Abijah [the] son of Jeroboam.
१उस समय यारोबाम का बेटा अबिय्याह रोगी हुआ।
2 And he said Jeroboam to wife his arise please and you will disguise yourself and not people will know that (you *Q(K)*) [are] [the] wife of Jeroboam and you will go Shiloh there! [is] there Ahijah the prophet he he spoke on me to king over the people this.
२तब यारोबाम ने अपनी स्त्री से कहा, “ऐसा भेष बना कि कोई तुझे पहचान न सके कि यह यारोबाम की स्त्री है, और शीलो को चली जा, वहाँ अहिय्याह नबी रहता है जिसने मुझसे कहा था ‘तू इस प्रजा का राजा हो जाएगा।’
3 And you will take in hand your ten bread[s] and cakes and a jar of honey and you will go to him he he will tell to you what? will it happen to the lad.
३उसके पास तू दस रोटी, और टिकियाँ और एक कुप्पी मधु लिये हुए जा, और वह तुझे बताएगा कि लड़के का क्या होगा।”
4 And she did thus [the] wife of Jeroboam and she arose and she went Shiloh and she went [the] house of Ahijah and Ahijah not he was able to see for they were fixed eyes his from old age his.
४यारोबाम की स्त्री ने वैसा ही किया, और चलकर शीलो को पहुँची और अहिय्याह के घर पर आई: अहिय्याह को तो कुछ सूझ न पड़ता था, क्योंकि बुढ़ापे के कारण उसकी आँखें धुन्धली पड़ गई थीं।
5 And Yahweh he had said to Ahijah here! [the] wife of Jeroboam [is] about to come to seek a word from with you concerning son her for [is] sick he like this and like this you will speak to her and it may be when comes she and she [will be] acted as a stranger.
५और यहोवा ने अहिय्याह से कहा, “सुन यारोबाम की स्त्री तुझ से अपने बेटे के विषय में जो रोगी है कुछ पूछने को आती है, तू उससे ये-ये बातें कहना; वह तो आकर अपने को दूसरी औरत बताएगी।”
6 And it was when heard Ahijah [the] sound of feet her coming in the entrance and he said come O wife of Jeroboam why? this [are] you acting as a stranger and I [have been] sent to you hard.
६जब अहिय्याह ने द्वार में आते हुए उसके पाँव की आहट सुनी तब कहा, “हे यारोबाम की स्त्री! भीतर आ; तू अपने को क्यों दूसरी स्त्री बनाती है? मुझे तेरे लिये बुरा सन्देशा मिला है।
7 Go say to Jeroboam thus he says Yahweh [the] God of Israel because that I raised up you from among the people and I made you a ruler over people my Israel.
७तू जाकर यारोबाम से कह कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा तुझ से यह कहता है, ‘मैंने तो तुझको प्रजा में से बढ़ाकर अपनी प्रजा इस्राएल पर प्रधान किया,
8 And I tore away the kingdom from [the] house of David and I gave it to you and not you have been like servant my David who he kept commandments my and who he walked after me with all heart his to do only the right in view my.
८और दाऊद के घराने से राज्य छीनकर तुझको दिया, परन्तु तू मेरे दास दाऊद के समान न हुआ जो मेरी आज्ञाओं को मानता, और अपने पूर्ण मन से मेरे पीछे-पीछे चलता, और केवल वही करता था जो मेरी दृष्टि में ठीक है।
9 And you have done evil to act more than all [those] who they were before you and you have gone and you have made for yourself gods other and molten images to provoke to anger me and me you have cast behind back your.
९तूने उन सभी से बढ़कर जो तुझ से पहले थे बुराई, की है, और जाकर पराए देवता की उपासना की और मूरतें ढालकर बनाईं, जिससे मुझे क्रोधित कर दिया और मुझे तो पीठ के पीछे फेंक दिया है।
10 Therefore here I [am] about to bring calamity to [the] house of Jeroboam and I will cut off to Jeroboam [one who] urinates on a wall shut up and freed in Israel and I will sweep away behind [the] house of Jeroboam just as someone sweeps away dung until is complete it.
१०इस कारण मैं यारोबाम के घराने पर विपत्ति डालूँगा, वरन् मैं यारोबाम के कुल में से हर एक लड़के को और क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन इस्राएल के मध्य हर एक रहनेवाले को भी नष्ट कर डालूँगा: और जैसा कोई गोबर को तब तक उठाता रहता है जब तक वह सब उठा नहीं लिया जाता, वैसे ही मैं यारोबाम के घराने की सफाई कर दूँगा।
11 The [one who] dies of Jeroboam in the city they will devour the dogs and the [one who] dies in the open country they will devour [the] bird[s] of the heavens for Yahweh he has spoken.
११यारोबाम के घराने का जो कोई नगर में मर जाए, उसको कुत्ते खाएँगे; और जो मैदान में मरे, उसको आकाश के पक्षी खा जाएँगे; क्योंकि यहोवा ने यह कहा है।’
12 And you arise go to house your when go feet your the city towards and he will die the child.
१२इसलिए तू उठ और अपने घर जा, और नगर के भीतर तेरे पाँव पड़ते ही वह बालक मर जाएगा।
13 And they will mourn for him all Israel and they will bury him for this [one] to only him he will go of Jeroboam into a grave because it was found in him something good to Yahweh [the] God of Israel in [the] house of Jeroboam.
१३उसे तो समस्त इस्राएली छाती पीटकर मिट्टी देंगे; यारोबाम के सन्तानों में से केवल उसी को कब्र मिलेगी, क्योंकि यारोबाम के घराने में से उसी में कुछ पाया जाता है जो यहोवा इस्राएल के प्रभु की दृष्टि में भला है।
14 And he will raise up Yahweh for himself a king over Israel who he will cut off [the] house of Jeroboam this the day and what? also now.
१४फिर यहोवा इस्राएल के लिये एक ऐसा राजा खड़ा करेगा जो उसी दिन यारोबाम के घराने को नाश कर डालेगा, परन्तु कब? यह अभी होगा।
15 And he will strike down Yahweh Israel just as it sways reed in the water and he will pluck up Israel from on the ground good this which he gave to ancestors their and he will scatter them from [the] other side of the River because that they have made Asherah poles their provoking to anger Yahweh.
१५क्योंकि यहोवा इस्राएल को ऐसा मारेगा, जैसा जल की धारा से नरकट हिलाया जाता है, और वह उनको इस अच्छी भूमि में से जो उसने उनके पुरखाओं को दी थी उखाड़कर फरात के पार तितर-बितर करेगा; क्योंकि उन्होंने अशेरा नामक मूरतें अपने लिये बनाकर यहोवा को क्रोध दिलाया है।
16 So he may give up Israel on account of [the] sins of Jeroboam which he has sinned and which he has caused to sin Israel.
१६और उन पापों के कारण जो यारोबाम ने किए और इस्राएल से कराए थे, यहोवा इस्राएल को त्याग देगा।”
17 And she arose [the] wife of Jeroboam and she went and she came Tirzah towards she [was] coming at [the] threshold of the house and the lad he died.
१७तब यारोबाम की स्त्री विदा होकर चली और तिर्सा को आई, और वह भवन की डेवढ़ी पर जैसे ही पहुँची कि वह बालक मर गया।
18 And they buried him and they mourned for him all Israel according to [the] word of Yahweh which he spoke by [the] hand of servant his Ahijah the prophet.
१८तब यहोवा के वचन के अनुसार जो उसने अपने दास अहिय्याह नबी से कहलाया था, समस्त इस्राएल ने उसको मिट्टी देकर उसके लिये शोक मनाया।
19 And [the] rest of [the] matters of Jeroboam which he waged war and which he reigned there they [are] written on [the] scroll of [the] matters of the days of [the] kings of Israel.
१९यारोबाम के और काम अर्थात् उसने कैसा-कैसा युद्ध किया, और कैसा राज्य किया, यह सब इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखा है।
20 And the days which he reigned Jeroboam [were] twenty and two year[s] and he lay down with ancestors his and he became king Nadab son his in place of him.
२०यारोबाम बाईस वर्ष तक राज्य करके मर गया और अपने पुरखाओं के संग जा मिला और नादाब नामक उसका पुत्र उसके स्थान पर राजा हुआ।
21 And Rehoboam [the] son of Solomon he reigned in Judah [was] a son of forty and one year[s] Rehoboam when became king he and seven-teen year[s] - he reigned in Jerusalem the city where he had chosen Yahweh to put name his there from all [the] tribes of Israel and [the] name of mother his [was] Naamah the Ammonite [woman].
२१सुलैमान का पुत्र रहबाम यहूदा में राज्य करने लगा। रहबाम इकतालीस वर्ष का होकर राज्य करने लगा; और यरूशलेम जिसको यहोवा ने सारे इस्राएली गोत्रों में से अपना नाम रखने के लिये चुन लिया था, उस नगर में वह सत्रह वर्ष तक राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम नामाह था जो अम्मोनी स्त्री थी।
22 And it did Judah the evil in [the] eyes of Yahweh and they made jealous him more than all that they had done ancestors their by sins their which they sinned.
२२और यहूदी लोग वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और अपने पुरखाओं से भी अधिक पाप करके उसकी जलन भड़काई।
23 And they built also they for themselves high places and sacred pillars and Asherah poles on every hill high and under every tree luxuriant.
२३उन्होंने तो सब ऊँचे टीलों पर, और सब हरे वृक्षों के तले, ऊँचे स्थान, और लाठें, और अशेरा नामक मूरतें बना लीं।
24 And also cult prostitute[s] he was in the land they did according to all the abominations of the nations which he had dispossessed Yahweh from before [the] people of Israel.
२४और उनके देश में पुरुषगामी भी थे; वे उन जातियों के से सब घिनौने काम करते थे जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के सामने से निकाल दिया था।
25 And it was in the year fifth of the king Rehoboam he came up (Shishak *Q(K)*) [the] king of Egypt on Jerusalem.
२५राजा रहबाम के पाँचवें वर्ष में मिस्र का राजा शीशक, यरूशलेम पर चढ़ाई करके,
26 And he took [the] treasures of [the] house of Yahweh and [the] treasures of [the] house of the king and everything he took and he took all [the] shields of gold which he had made Solomon.
२६यहोवा के भवन की अनमोल वस्तुएँ और राजभवन की अनमोल वस्तुएँ, सब की सब उठा ले गया; और सोने की जो ढालें सुलैमान ने बनाई थी सब को वह ले गया।
27 And he made the king Rehoboam in place of them shields of bronze and he entrusted [them] on [the] hand of [the] commanders of the runners who guarded [the] entrance of [the] house of the king.
२७इसलिए राजा रहबाम ने उनके बदले पीतल की ढालें बनवाई और उन्हें पहरुओं के प्रधानों के हाथ सौंप दिया जो राजभवन के द्वार की रखवाली करते थे।
28 And it was as often as went the king [the] house of Yahweh they carried them the runners and they returned them to [the] guardroom of the runners.
२८और जब जब राजा यहोवा के भवन में जाता था तब-तब पहरुए उन्हें उठा ले चलते, और फिर अपनी कोठरी में लौटाकर रख देते थे।
29 And [the] rest of [the] matters of Rehoboam and all that he did ¿ not [are] they written on [the] scroll of [the] matters of the days of [the] kings of Judah.
२९रहबाम के और सब काम जो उसने किए वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
30 And war it was between Rehoboam and between Jeroboam all the days.
३०रहबाम और यारोबाम में तो सदा लड़ाई होती रही।
31 And he lay down Rehoboam with ancestors his and he was buried with ancestors his in [the] city of David and [the] name of mother his [was] Naamah the Ammonite [woman] and he became king Abijam son his in place of him.
३१और रहबाम जिसकी माता नामाह नामक एक अम्मोनिन थी, वह मरकर अपने पुरखाओं के साथ जा मिला; और उन्हीं के पास दाऊदपुर में उसको मिट्टी दी गई: और उसका पुत्र अबिय्याम उसके स्थान पर राज्य करने लगा।