< 1 John 5 >
1 Everyone who is believing that Jesus is the Christ of God has been born, and everyone who is loving the [One] having begotten [Him] loves also the [one] begotten from Him.
जिसका यो बिश्वास सै, के यीशु ही मसीह सै, वो परमेसवर पिता की ऊलाद सै; अर जो कोए परमेसवर तै प्यार करै सै, वो उसके माणसां तै भी प्यार करैगा।
2 By this we know that we love the children of God, when God we may love and the commandments of Him (we may perform. *N(k)O*)
जिब हम परमेसवर तै प्यार करां सां अर उसकै हुकम नै मान्ना सां, तो इस्से तै हम जाणा सां, के हम परमेसवर अर उसके माणसां तै प्यार करां सां।
3 This for is the love of God, that the commandments of Him we may keep; and the commandments of Him burdensome not are.
परमेसवर तै प्यार करण का मतलब यो सै के हम उसकै हुकमां नै मान्नै; अर उसके हुकम मुश्किल कोन्या।
4 For everyone who born of God overcomes the world; and this is the victory which having overcome the world: the faith of us.
क्यूँके जो परमेसवर पिता की ऊलाद सै, उसनै दुनिया पै जीत हासिल करी सै; अर वा जीत दुनिया ताहीं हरा देवै सै, वो म्हारा बिश्वास ए सै।
5 who (now *no*) is the [one] overcoming the world only except the [one] believing that Jesus is the Son of God?
दुनिया पै जीत पावैण आळा कौण सै? सिर्फ वो जिसका यो बिश्वास सै के यीशु ए परमेसवर का बेट्टा सै।
6 This is the [One] having come through water and blood, Jesus (*k*) Christ; not by water only, but by water and (by *no*) blood; And the Spirit is the [One] testifying, because the Spirit is the truth;
मसीह यीशु ए सै, जिसनै बपतिस्मा लिया अर म्हारे खात्तर सूळी पै अपणा लहू भी बहाया।
7 For three there are those bearing testimony: (in the heaven the Father the Word and the Holy Spirit and these three one are *K*)
गवाही देण आळे तीन सै।
8 (and three are those bearing testimony in the earth: *K*) the Spirit and the water and the blood — and these three in one are.
आत्मा, पाणी अर लहू; ये तीन्नु एके बात पै सहमत सै।
9 If the testimony of men we receive, the testimony of God greater is, For this is the testimony of God (that *N(k)O*) He has testified concerning the Son of Him.
जिब हम माणसां की गवाही मान ल्यां सां, तो परमेसवर की गवाही तो उसतै बढ़कै सै; अर परमेसवर की गवाही या सै के उसनै अपणे बेट्टै कै बारें म्ह गवाही दी सै।
10 The [one] believing in the Son of God has the testimony in (himself; *NK(o)*) The [one] not believing in God a liar has made Him, because not he has believed in the testimony that has testified God concerning the Son Him.
जो परमेसवर कै बेट्टै पै बिश्वास करै सै, वो अपणे मन म्ह ए बिश्वास राक्खै सै। जिसनै परमेसवर पै बिश्वास न्ही करया उसनै परमेसवर ताहीं झूठ्ठा बताया, क्यूँके उसनै उस गवाही पै बिश्वास न्ही करया जो परमेसवर नै अपणे बेट्टै कै बारें म्ह दी सै।
11 And this is the testimony that life eternal has given to us God; and this the life in the Son of Him is. (aiōnios )
अर वा गवाही या सै के परमेसवर के बेट्टे के जरिये हमनै अनन्त जीवन पाया सै, अर यो जीवन उसकै बेट्टै म्ह सै। (aiōnios )
12 The [one] having the Son has life; the [one] not having the Son of God life not has.
उसके बेट्टे तै म्हारा गहरा रिश्ता सै, उसकै धोरै अनन्त जीवन सै; अर जिसका परमेसवर के बेट्टे तै रिश्ता कोनी, उसकै धोरै अनन्त जीवन भी कोनी।
13 These things have I written to you (to those believing into the name of the Son of God *K*) so that you may know that life you have eternal (and so that *K*) (to those *no*) (believing *N(k)O*) in the name of the Son of God. (aiōnios )
मै या चिट्ठी थारे ताहीं लिखूँ सूं, जो परमेसवर कै बेट्टै कै नाम पै बिश्वास करो सों, ताके थम जाणो के अनन्त जीवन थारा सै। (aiōnios )
14 And this is the confidence that we have toward Him, that if anything we shall ask according to the will of Him He hears us;
हमनै परमेसवर कै स्याम्ही यो होसला मिलै सै, वो होसला यो सै, के जो हम उसकी इच्छा के मुताबिक माँग्गा सां, तो वो म्हारी सुणै सै।
15 And if we know that He hears us whatever (maybe *N(k)O*) we shall ask, we know that we have the requests that we have asked (from *N(k)O*) Him.
जिब हम जाणा सां, के जो कुछ परमेसवर तै मांग्या सै, वो म्हारी सुणै सै, तो यो भी जाणा सां, के जो कुछ हमनै परमेसवर तै मांग्या, वो पाया सै।
16 If anyone shall see the brother of him sinning a sin not unto death, he will ask and He will give to him life, to those sinning not unto death. There is a sin unto death; not concerning that [one] do I say that he may implore.
जै कोए अपणे बिश्वासी भाई नै इसा पाप करते देक्खै, जिसका नतिज्जा मौत ना हो, तो बिनती करै, अर परमेसवर उस ताहीं उन खात्तर, जिन नै इसा पाप करया सै, जिसका कारण मौत ना हो, जीवन देगा। जिस पाप का नतिज्जा मृत्यु सै; मै इसकै बारें म्ह बिनती करण खात्तर न्ही कहन्दा
17 All unrighteousness sin is, and there is sin not unto death.
सारी ढाळ के बुरे काम तो पाप सै, पर इसा पाप भी सै जिसका नतिज्जा मृत्यु कोनी।
18 We know that everyone who born of God not continues to sin; but the [One] having been begotten of God protects (himself, *NK(o)*) and the evil [one] not does touch him.
हम जाणा सां, के जो कोए परमेसवर ऊलाद सै, वो बार-बार पाप न्ही करते; क्यूँके परमेसवर का बेट्टा यीशु मसीह उसनै पाप तै बचाई राक्खैगा, अर शैतान उसनै छू भी न्ही पांदा।
19 We know that of God we are and the world whole in the evil [one] lies.
हम जाणा सां, के हम परमेसवर तै सां, अर सारी दुनिया उस शैतान कै बस म्ह पड़ी सै।
20 We know now that the Son of God is come and has given us understanding so that (we may know *NK(o)*) Him who [is] true, and we are in Him who [is] true, in the Son of Him Jesus Christ. He is the true God and (*k*) life eternal. (aiōnios )
हम यो भी जाणा सां, के परमेसवर का बेट्टा यीशु मसीह आ ग्या सै, उसनै म्हारे ताहीं उस सच्चे परमेसवर नै पिच्छाणण की समझ दी सै; के म्हारा परमेसवर का करीबी रिश्ता सै, क्यूँके म्हारा उसके बेट्टे कै गेल्या करीबी रिश्ता सै। सच्चा परमेसवर अर अनन्त जीवन योए सै। (aiōnios )
21 Little children, do keep (yourselves *N(k)O*) from idols (Amen. *KO*)
हे बाळकों हरेक उस चीज तै दूर रहों जो थमनै परमेसवर तै दूर करै सै।