< Psalms 94 >
1 O GOD of avenging—Yahweh, GOD of avenging, shine forth:
याहवेह, बदला लेनेवाले परमेश्वर, बदला लेनेवाले परमेश्वर, अपने तेज को प्रकट कीजिए.
2 Lift up thyself, O judge of the earth, Render a recompense unto the proud.
पृथ्वी का न्यायाध्यक्ष, उठ जाइए; अहंकारियों को वही प्रतिफल दीजिए, जिसके वे योग्य हैं.
3 How long shall the lawless, O Yahweh, How long shall the lawless exult?
दुष्ट कब तक, याहवेह, कब तक आनंद मनाते रहेंगे?
4 They pour forth [words], they speak arrogantly, All the workers of iniquity, do boast:
वे डींग मारते चले जा रहे हैं; समस्त दुष्ट अहंकार में फूले जा रहे हैं.
5 Thy people, O Yahweh, they will crush, And, thine inheritance, tread down;
वे आपकी प्रजा को कुचल रहे हैं, याहवेह; वे आपकी निज भाग को दुःखित कर रहे हैं.
6 The widow and sojourner, they will slay, And, the fatherless, murder.
वे विधवा और प्रवासी की हत्या कर रहे हैं; वे अनाथों की हत्या कर रहे हैं.
7 Yet have they said—Yah, doth not see, The God of Jacob, doth not understand.
वे कहे जा रहे हैं, “कुछ नहीं देखता याहवेह; याकोब के परमेश्वर ने इसकी ओर ध्यान नहीं देते है.”
8 Understand, ye brutish among the people, And, ye dullards, when will ye show discretion?
मन्दमतियो, थोड़ा विचार तो करो; निर्बुद्धियो, तुममें बुद्धिमत्ता कब जागेगी?
9 He that planteth the ear, shall he not hear? Or, that fashioneth the eye, shall he not have power to see?
जिन्होंने कान लगाए हैं, क्या वे सुनते नहीं? क्या वे, जिन्होंने आंखों को आकार दिया है, देखते नहीं?
10 He that correcteth nations, shall he not reprove? He that teacheth man knowledge!
क्या वे, जो राष्ट्रों को ताड़ना देते हैं, वे दंड नहीं देंगे? क्या वे, जो मनुष्यों को शिक्षा देते हैं, उनके पास ज्ञान की कमी है?
11 Yahweh, knoweth the plans of men, That, they, are a breath!
याहवेह मनुष्य के विचारों को जानते हैं; कि वे विचार मात्र श्वास ही हैं.
12 How happy the man whom thou correctest, O Yah! And whom, out of thy law, thou instructest!
याहवेह, धन्य होता है वह पुरुष, जो आपके द्वारा प्रताड़ित किया जाता है, जिसे आप अपनी व्यवस्था से शिक्षा देते हैं;
13 That thou mayest give him rest from the days of misfortune, Until there be digged—for the lawless one—a pit.
विपत्ति के अवसर पर आप उसे चैन प्रदान करते हैं, दुष्ट के लिए गड्ढा खोदे जाने तक.
14 For Yahweh, will not abandon, his people, And, his inheritance, will he not forsake;
कारण यह है कि याहवेह अपनी प्रजा का परित्याग नहीं करेंगे; वह कभी भी अपनी निज भाग को भूलते नहीं.
15 For, unto righteousness, shall the judicial sentence return, Then shall follow it—all the upright in heart.
धर्मियों को न्याय अवश्य प्राप्त होगा और सभी सीधे हृदय इसका अनुसरण करेंगे.
16 Who will rise up for me, against the evil-doers? Who will make a stand for me, against the workers of iniquity?
मेरी ओर से बुराई करनेवाले के विरुद्ध कौन खड़ा होगा? कुकर्मियों के विरुद्ध मेरा साथ कौन देगा?
17 If, Yahweh, had not been a help to me, Soon had sunk into silence—my soul!
यदि स्वयं याहवेह ने मेरी सहायता न की होती, शीघ्र ही मृत्यु की चिर-निद्रा मेरा आवास हो गई होती.
18 If I say, My foot, hath slipped, Thy lovingkindness, O Yahweh, supporteth me.
यदि मैंने कहा, “मेरा पांव फिसल गया है,” याहवेह, आपका करुणा-प्रेम मुझे थाम लेगा.
19 In the multitude of my cares within me, Thy consolations, delight my soul.
जब मेरा हृदय अत्यंत व्याकुल हो गया था, आपकी ही सांत्वना ने मुझे हर्षित किया है.
20 Shall the throne that inflicteth ruin, have fellowship with thee, That frameth oppression, by statute?
क्या दुष्ट शासक के आपके साथ संबंध हो सकते हैं, जो राजाज्ञा की आड़ में प्रजा पर अन्याय करते हैं?
21 They make an attack on the life of the righteous one, —And, innocent blood, they condemn.
वे सभी धर्मी के विरुद्ध एकजुट हो गए हैं और उन्होंने निर्दोष को मृत्यु दंड दे दिया है.
22 But, Yahweh, hath become for me a high tower, And my God, my rock of refuge.
किंतु स्थिति यह है कि अब याहवेह मेरा गढ़ बन गए हैं, तथा परमेश्वर अब मेरे आश्रय की चट्टान हैं.
23 Thus hath he brought back on them their iniquity, And, by their own wickedness, will he destroy them, Destroy them, will Yahweh our God.
वही उनकी दुष्टता का बदला लेंगे, वही उनकी दुष्टता के कारण उनका विनाश कर देंगे; याहवेह हमारे परमेश्वर निश्चयतः उन्हें नष्ट कर देंगे.