< Psalms 8 >

1 To the Chief Musician. On "the Gittith." A Melody of David. O Yahweh, our Lord! How majestic is thy Name, in all the earth, Who hast set thy splendour upon the heavens.
ऐ ख़ुदावन्द हमारे रब तेरा नाम तमाम ज़मीन पर कैसा बुज़ु़र्ग़ है! तूने अपना जलाल आसमान पर क़ाईम किया है।
2 Out of the mouth of children and sucklings, hast thou laid a foundation of strength, —because of thine adversaries, to make foe and avenger be still.
तूने अपने मुखालिफ़ों की वजह से बच्चों और शीरख़्वारों के मुँह से कु़दरत को क़ाईम किया, ताकि तू दुश्मन और इन्तक़ाम लेने वाले को ख़ामोश कर दे।
3 When I view thy heavens, the work, of thy fingers, moon and stars, which thou hast established,
जब मैं तेरे आसमान पर जो तेरी दस्तकारी है, और चाँद और सितारों पर जिनको तूने मुक़र्रर किया, ग़ौर करता हूँ।
4 What was weak man, that thou shouldst make mention of him? or the son of the earthborn, that thou shouldst set him in charge?
तो फिर इंसान क्या है कि तू उसे याद रख्खे, और बनी आदम क्या है कि तू उसकी ख़बर ले?
5 That thou shouldst make him little less than messengers of God, with glory and honour, shouldst crown him?
क्यूँकि तूने उसे ख़ुदा से कुछ ही कमतर बनाया है, और जलाल और शौकत से उसे ताजदार करता है।
6 Shouldst give him dominion over the works of thy hands, —All things, shouldst have put under his feet:
तूने उसे अपनी दस्तकारी पर इख़्तियार बख़्शा है; तूने सब कुछ उसके क़दमों के नीचे कर दिया है।
7 Sheep and oxen, all of them, —yea even the beasts of the field;
सब भेड़ — बकरियाँ, गाय — बैल बल्कि सब जंगली जानवर
8 The bird of the heavens, and the fishes of the sea, — the passer-by on the paths of the seas?
हवा के परिन्दे और समन्दर की और जो कुछ समन्दरों के रास्ते में चलता फिरता है।
9 O Yahweh, our Lord! How majestic is thy Name, in all the earth.
ऐ ख़ुदावन्द, हमारे रब्ब! तेरा नाम पूरी ज़मीन पर कैसा बुज़ु़र्ग़ है!

< Psalms 8 >