< Psalms 115 >

1 Not unto us, O Yahweh, not unto us, —but, unto thine own Name, give glory, concerning thy lovingkindness, concerning thy faithfulness.
हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने ही नाम की महिमा, अपनी करुणा और सच्चाई के निमित्त कर।
2 Wherefore should the nations say, Pray where is their God?
जाति-जाति के लोग क्यों कहने पाएँ, “उनका परमेश्वर कहाँ रहा?”
3 When, our God, is in the heavens, Whatsoever he pleased, hath he done.
हमारा परमेश्वर तो स्वर्ग में हैं; उसने जो चाहा वही किया है।
4 Their idols, are silver and gold, the works of the hands of men, —
उन लोगों की मूरतें सोने चाँदी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाई हुई हैं।
5 A mouth, have they, but they speak not, Eyes, have they, but they see not;
उनके मुँह तो रहता है परन्तु वे बोल नहीं सकती; उनके आँखें तो रहती हैं परन्तु वे देख नहीं सकती।
6 Ears, have they, but they hear not, A nose, have they, but they smell not:
उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकती; उनके नाक तो रहती हैं, परन्तु वे सूँघ नहीं सकती।
7 Their hands! but they feel not Their feet! but they walk not, No sound make they in their throat.
उनके हाथ तो रहते हैं, परन्तु वे स्पर्श नहीं कर सकती; उनके पाँव तो रहते हैं, परन्तु वे चल नहीं सकती; और उनके कण्ठ से कुछ भी शब्द नहीं निकाल सकती।
8 Like unto them, shall be they who make them, Every one who trusteth in them.
जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे।
9 O Israel! trust thou in Yahweh, Their help and their shield, is he!
हे इस्राएल, यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है।
10 O house of Aaron! trust ye in Yahweh, Their help and their shield, is he!
१०हे हारून के घराने, यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है।
11 Ye that revere Yahweh! trust in Yahweh, Their help and their shield, is he!
११हे यहोवा के डरवैयों, यहोवा पर भरोसा रखो! तुम्हारा सहायक और ढाल वही है।
12 Yahweh, hath remembered us, he will bless—He will bless the house of Israel, He will bless the house of Aaron;
१२यहोवा ने हमको स्मरण किया है; वह आशीष देगा; वह इस्राएल के घराने को आशीष देगा; वह हारून के घराने को आशीष देगा।
13 He will bless them who revere Yahweh, the small with the great.
१३क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा।
14 Yahweh multiply you, You, and your children.
१४यहोवा तुम को और तुम्हारे वंश को भी अधिक बढ़ाता जाए।
15 Blessed are ye of Yahweh, who made the heavens and the earth:
१५यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, उसकी ओर से तुम आशीष पाए हो।
16 As for the heavens, the heavens, belong to Yahweh, but the earth, hath he given to the sons of men.
१६स्वर्ग तो यहोवा का है, परन्तु पृथ्वी उसने मनुष्यों को दी है।
17 The dead, cannot praise Yah, nor any that go down into silence;
१७मृतक जितने चुपचाप पड़े हैं, वे तो यहोवा की स्तुति नहीं कर सकते,
18 But, we, will bless Yah, from henceforth even unto times age-abiding. Praise ye Yah.
१८परन्तु हम लोग यहोवा को अब से लेकर सर्वदा तक धन्य कहते रहेंगे। यहोवा की स्तुति करो!

< Psalms 115 >