< Jeremiah 35 >
1 The word which came unto Jeremiah from Yahweh, —in the days of Jehoiakim son of Josiah king of Judah saying:
योशियाह के पुत्र यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के राज्य-काल में येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश भेजा गया:
2 Go unto the house of the Rechabites, and speak with them, and bring them into the house of Yahweh, into one of the chambers, —and give them, wine, to drink.
“रेखाबियों के वंशजों के निकट जाकर उनसे याहवेह के भवन में आने का आग्रह करो, उन्हें भवन के किसी कक्ष में ले जाकर उन्हें पीने के लिए द्राक्षारस देना.”
3 So I took Jaazaniah, son of Jeremiah son of Habazziniah, and his brethren, and all his sons, —and all the house of the Rechabites;
इसलिये मैं यात्सानिया को, जो येरेमियाह का पुत्र हाबाज़ीनियाह का पौत्र था तथा उसके भाइयों एवं उसके सारे पुत्रों तथा रेखाबियों के संपूर्ण वंश को
4 and brought them into the house of Yahweh, into the chamber of the sons of Hanan son of Igdaliah, a man of God, —which was beside the chamber of the princes, which was above the chamber of Maaseiah son of Shallum keeper of the porch;
याहवेह के भवन में परमेश्वर के बर्तन इगदालिया के पुत्र हनान के पुत्रों के कक्ष में ले गया. यह अधिकारियों के कक्ष के निकट और यह शल्लूम के पुत्र, द्वारपाल मआसेइयाह के कक्ष के ऊपर था.
5 and I set before the sons of the house of the Rechabites bowls full of wine, and cups, —and said unto them Drink ye wine.
वहां मैंने रेखाब के वंशजों के समक्ष द्राक्षारस से भरे हुए बर्तन एवं प्याले रख दिए और उनसे कहा, “इनका सेवन करो.”
6 Then said they, —We will not drink wine, —for Jonadab son of Rechab, our father, laid command upon us, saying, Ye shall not drink wine, ye, nor your sons, unto times age-abiding;
किंतु उन्होंने कहा, “हम द्राक्षारस का सेवन नहीं करेंगे, क्योंकि रेखाब के पुत्र योनादाब का हमारे लिए आदेश यह है: ‘तुम और तुम्हारी संतान कभी भी द्राक्षारस का सेवन नहीं करोगे.
7 nor house, shall ye build nor, seed, shall ye sow, nor vineyard, shall ye plant, neither shall ye have them, —but in tents, shall ye dwell, all your days, that ye may live many days on the face of the soil where ye are sojourning.
न तो तुम अपने लिए आवास का निर्माण करोगे, न तुम बीजारोपण करोगे; न तुम द्राक्षाउद्यान रोपित करोगे और न कभी किसी द्राक्षाउद्यान का स्वामित्व प्राप्त करोगे, बल्कि तुम आजीवन तंबुओं में निवास करोगे, कि जिस देश में तुम प्रवास करो, उसमें तुम दीर्घायु हो.’
8 So we have hearkened unto the voice of Jonadab, son of Rechab, our father, in all that he commanded us, —not to drink wine all our days, we, our wives, our sons nor our daughters;
हमने रेखाब के पुत्र योनादाब के सभी आदेशों का पालन किया है. हमने, हमारी पत्नियों ने, हमारी संतान ने कभी भी द्राक्षारस का सेवन नहीं किया
9 and not to build houses for us to dwell in, —and so, vineyard or field or seed, have we none;
और हमने अपने निवास के लिए आवासों का निर्माण नहीं किया, न तो कोई द्राक्षोद्यान का, न कोई खेत, न ही हमने अनाज संचित कर रखा है.
10 but we have dwelt in tents, —and have hearkened and done, according to all that Jonadab our father commanded us.
हमारा निवास मात्र तंबुओं में ही रहा है, हमने आज्ञाकारिता में अपने पूर्वज योनादाब के आदेश के अनुरूप ही सब कुछ किया है.
11 And so it came to pass when Nebuchadrezzar king of Babylon came up into the land, that we said, —Let us even enter, Jerusalem, because of the force of the Chaldeans and because of the force of the Syrians: So have we dwelt in Jerusalem.
किंतु जब बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने देश पर आक्रमण किया, तब हमने विचार किया, ‘चलो, हम कसदियों तथा अरामी सेना के आगे-आगे येरूशलेम चले जाएं.’ इस प्रकार हम येरूशलेम ही में निवास करते आ रहे हैं.”
12 Then came the word of Yahweh unto Jeremiah, saying:
तब येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्राप्त हुआ:
13 Thus, saith Yahweh of hosts, God of Israel, Go and say to the men of Judah, and to the inhabitants of Jerusalem, —Will ye not receive correction by hearkening unto my words? Demandeth Yahweh:
“इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का आदेश यह है: जाकर सारे यहूदियावासियों तथा येरूशलेम वासियों से कहो, ‘क्या मेरा वचन सुनकर तुम अपने लिए शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते?’ यह याहवेह की वाणी है.
14 Confirmed are the words of Jonadab son of Rechab—which he commanded his sons that they should not drink, wine, and they have not drunk until this day, for they have hearkened unto the command of their father, But, I, have spoken unto you, betimes, speaking, and ye have not hearkened, unto me.
‘रेखाब के पुत्र योनादाब द्वारा आदेशित द्राक्षरस सेवन निषेध आज्ञा का उसके वंशजों ने पालन किया. फिर उन्होंने आज तक द्राक्षरस सेवन नहीं किया, क्योंकि उन्होंने अपने पूर्वजों के आदेश का पालन किया है. किंतु मैंने तुम्हें बार-बार आदेश दिया है, फिर भी तुमने मेरा आदेश सुना ही नहीं.
15 And I sent unto you all my servants the prophets, betimes, sending, saying, Return I pray you—every man from his wicked way, And amend your doings, And do not go after other gods to serve them, So shall ye remain on the soil which I gave to you, and to your fathers, —but ye have not inclined your ear, nor hearkened, unto me.
इसके सिवा मैंने बार-बार तुम्हारे हित में अपने सेवक, अपने भविष्यद्वक्ता भेजे. वे यह चेतावनी देते रहे, “तुममें से हर एक अपनी संकट नीतियों से विमुख हो जाए और अपने आचरण में संशोधन करे; परकीय देवताओं का अनुसरण कर उनकी उपासना न करे. तभी तुम इस देश में निवास करते रहोगे, जो मैंने तुम्हें एवं तुम्हारे पूर्वजों को दिया है.” किंतु तुमने मेरे आदेश पर न तो ध्यान ही दिया और न उसका पालन ही किया.
16 Because the sons of Jonadab son of Rechab have, confirmed, the commandment of their father which he commanded them, —whereas, this people, have not hearkened unto me,
वस्तुतः रेखाब के पुत्र योनादाब के वंशजों ने अपने पूर्वज के आदेश का पालन किया है, किंतु इन लोगों ने मेरे आदेश का पालन नहीं किया है.’
17 Therefore, Thus, saith Yahweh, God of hosts, God of Israel, Behold me! bringing in against Judah and against all the inhabitants of Jerusalem, all the calamity, which I have spoken concerning them, —Because I spake unto them and they did not hearken, And I called to them and they did not answer.
“इसलिये इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: ‘यह देख लेना! कि मैं सारे यहूदियावासियों तथा येरूशलेम वासियों पर उनके लिए पूर्वघोषित विपत्तियां प्रभावी करने पर हूं. क्योंकि मैंने उन्हें आदेश दिया किंतु उन्होंने उसकी उपेक्षा की; मैंने उन्हें पुकारा, किंतु उन्होंने उत्तर नहीं दिया.’”
18 But to the house of the Rechabites, said Jeremiah: Thus, saith Yahweh of hosts, God of Israel, Because ye have hearkened unto the commandment of Jonadab your father, and have kept all his commandments, and done according to all that he commanded you
तब येरेमियाह ने रेखाब के वंशजों को संबोधित करते हुए कहा, “सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: ‘इसलिये कि तुमने अपने पूर्वज योनादाब के आदेश का पालन किया है, सभी कुछ उसके आदेशों के अनुरूप ही किया है तथा वही किया जिसका उन्होंने तुम्हें आदेश दिया था.’
19 Therefore, Thus, saith Yahweh of hosts, God of Israel, —Jonadab son of Rechab shall not want one to stand before me, all the days!
इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की यह वाणी है: ‘रेखाब के पुत्र योनादाब के वंश में मेरी सेवा के निमित्त किसी पुरुष का अभाव कभी न होगा.’”