< Ezra 10 >
1 Now, when Ezra had prayed and when he had made confession, weeping and casting himself down, before the house of God, there gathered unto him out of Israel, an exceeding large convocation—men and women and children, for the people wept with a very bitter weeping.
१जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की एक बहुत बड़ी मण्डली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलख-बिलख कर रो रहे थे।
2 Then responded Shecaniah son of Jehiel of the sons of Elam, and said unto Ezra, We, have been faithful with our God, and have married foreign women from among the peoples of the land, —yet, now, there is hope for Israel concerning this thing.
२तब यहीएल का पुत्र शकन्याह जो एलाम के वंश में का था, एज्रा से कहने लगा, “हम लोगों ने इस देश के लोगों में से अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह कर अपने परमेश्वर का विश्वासघात तो किया है, परन्तु इस दशा में भी इस्राएल के लिये आशा है।
3 Now, therefore, let us solemnize a covenant unto our God—to put away all the women and such as have been born of them, in the counsel of my lord, and them who tremble at the commandment of our God, —and, according to the law, let it be done.
३अब हम अपने परमेश्वर से यह वाचा बाँधे, कि हम अपने प्रभु की सम्मति और अपने परमेश्वर की आज्ञा सुनकर थरथरानेवालों की सम्मति के अनुसार ऐसी सब स्त्रियों को और उनके बच्चों को दूर करें; और व्यवस्था के अनुसार काम किया जाए।
4 Arise, for, upon thee, resteth the thing, but, we, are with thee, —be strong, and act.
४तू उठ, क्योंकि यह काम तेरा ही है, और हम तेरे साथ हैं; इसलिए हियाव बाँधकर इस काम में लग जा।”
5 Then arose Ezra and made the rulers of the priests, the Levites, and all Israel, swear to do according to this word—and they sware.
५तब एज्रा उठा, और याजकों, लेवियों और सब इस्राएलियों के प्रधानों को यह शपथ खिलाई कि हम इसी वचन के अनुसार करेंगे; और उन्होंने वैसी ही शपथ खाई।
6 Then arose Ezra from before the house of God, and went into the chamber of Jehohanan son of Eliashib, —and, when he came thither, bread, did he not eat, and, water, did he not drink, for he was mourning over the unfaithfulness of them of the Exile.
६तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र यहोहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा।
7 Then made they a proclamation throughout Judah and Jerusalem, unto all the Sons of the Exile, to gather themselves together unto Jerusalem;
७तब उन्होंने यहूदा और यरूशलेम में रहनेवाले बँधुआई में से आए हुए सब लोगों में यह प्रचार कराया, कि तुम यरूशलेम में इकट्ठे हो;
8 and, whosoever should not come within three days, according to the counsel of the rulers and the elders, all his goods should be devoted, —and, himself, be separated from the convocation of them of the Exile.
८और जो कोई हाकिमों और पुरनियों की सम्मति न मानेगा और तीन दिन के भीतर न आए तो उसकी समस्त धन-सम्पत्ति नष्ट की जाएगी और वह आप बँधुआई से आए हुओं की सभा से अलग किया जाएगा।
9 Then were gathered together all the men of Judah and Benjamin unto Jerusalem, within three days, the same, was the ninth month, on the twentieth of the month, —and all the people remained in the broadway of the house of God, trembling concerning the thing, and because of the heavy rains.
९तब यहूदा और बिन्यामीन के सब मनुष्य तीन दिन के भीतर यरूशलेम में इकट्ठे हुए; यह नौवें महीने के बीसवें दिन में हुआ; और सब लोग परमेश्वर के भवन के चौक में उस विषय के कारण और भारी वर्षा के मारे काँपते हुए बैठे रहे।
10 Then arose Ezra the priest, and said unto them, Ye, have acted unfaithfully, and have married foreign women, —to add unto the guilt of Israel.
१०तब एज्रा याजक खड़ा होकर, उनसे कहने लगा, “तुम लोगों ने विश्वासघात करके अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह लीं, और इससे इस्राएल का दोष बढ़ गया है।
11 Now, therefore, make confession unto Yahweh God of your fathers, and do his pleasure, —and separate yourselves from the peoples of the land, and from the foreign women.
११सो अब अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के सामने अपना पाप मान लो, और उसकी इच्छा पूरी करो, और इस देश के लोगों से और अन्यजाति स्त्रियों से अलग हो जाओ।”
12 Then responded all the convocation and said, with a loud voice, —Thus, according to thy word concerning us, must it be done.
१२तब पूरी मण्डली के लोगों ने ऊँचे शब्द से कहा, “जैसा तूने कहा है, वैसा ही हमें करना उचित है।
13 Nevertheless, the people, are many, and, the season, is that of the heavy rains, and we are not able to stand outside, —and, the business, is not one for a single day, nor yet for two, for we have abundantly transgressed, in this thing.
१३परन्तु लोग बहुत हैं, और वर्षा का समय है, और हम बाहर खड़े नहीं रह सकते, और यह दो एक दिन का काम नहीं है, क्योंकि हमने इस बात में बड़ा अपराध किया है।
14 Let, we beseech thee, our rulers take up their station for all the convocation, and, all who, throughout our cities, have married foreign women, let them come in at times appointed, and, with them, the elders of every city, and the judges thereof, until the glow of the anger of our God be turned from us, concerning this matter.
१४समस्त मण्डली की ओर से हमारे हाकिम नियुक्त किए जाएँ; और जब तक हमारे परमेश्वर का भड़का हुआ कोप हम से दूर न हो, और यह काम पूरा न हो जाए, तब तक हमारे नगरों के जितने निवासियों ने अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह ली हों, वे नियत समयों पर आया करें, और उनके संग एक नगर के पुरनिये और न्यायी आएँ।”
15 Only Jonathan son of Asahel and Jahzeiah son of Tikvah, made a stand against this, —and, Meshullam and Shabbethai the Levite, helped them.
१५इसके विरुद्ध केवल असाहेल के पुत्र योनातान और तिकवा के पुत्र यहजयाह खड़े हुए, और मशुल्लाम और शब्बतै लेवियों ने उनकी सहायता की।
16 But the Sons of the Exile, did thus, and Ezra the priest separated to himself certain men—ancestral heads by their ancestral houses, and all of them by name, —and they took their seats on the first day of the tenth month to search into the matter;
१६परन्तु बँधुआई से आए हुए लोगों ने वैसा ही किया। तब एज्रा याजक और पितरों के घरानों के कितने मुख्य पुरुष अपने-अपने पितरों के घराने के अनुसार अपने सब नाम लिखाकर अलग किए गए, और दसवें महीने के पहले दिन को इस बात की तहकीकात के लिये बैठे।
17 and they made an end with all the men who had married foreign women, —by the first day of the first month.
१७और पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सब पुरुषों की जाँच पूरी कर ली, जिन्होंने अन्यजाति स्त्रियों को ब्याह लिया था।
18 Now there were found, of the sons of the priests, who had married foreign women, —of the sons of Jeshua son of Jozadak, and his brethren, Maaseiah, and Eliezer, and Jarib, and Gedaliah;
१८याजकों की सन्तान में से; ये जन पाए गए जिन्होंने अन्यजाति स्त्रियों को ब्याह लिया था: येशुअ के पुत्र, योसादाक के पुत्र, और उसके भाई मासेयाह, एलीएजेर, यारीब और गदल्याह।
19 and they gave their hand, that they would put away their wives, —and, being guilty, [they offered] a ram of the flock for their guilt.
१९इन्होंने हाथ मारकर वचन दिया, कि हम अपनी स्त्रियों को निकाल देंगे, और उन्होंने दोषी ठहरकर, अपने-अपने दोष के कारण एक-एक मेढ़ा बलि किया।
20 And, of the sons of Immer, Hanani, and Zebadiah.
२०इम्मेर की सन्तान में से हनानी और जबद्याह।
21 And, of the sons of Harim, Maaseiah and Elijah and Shemaiah, and Jehiel, and Uzziah.
२१हारीम की सन्तान में से मासेयाह, एलिय्याह, शमायाह, यहीएल और उज्जियाह।
22 And, of the sons of Passhur, Elioenai, Maaseiah, Ishmael, Nethanel, Jozabad, and Elasar.
२२पशहूर की सन्तान में से एल्योएनै, मासेयाह, इश्माएल, नतनेल, योजाबाद और एलासा।
23 And, of the Levites, Jozabad and Shimei, and Kelaiah, the same, is Kelita, Pethahiah, Judah, and Eliezer.
२३फिर लेवियों में से योजाबाद, शिमी, केलायाह जो कलीता कहलाता है, पतह्याह, यहूदा और एलीएजेर।
24 And, of the singers, Eliashib. And, of the doorkeepers, Shallum and Telem and Uri.
२४गवैयों में से एल्याशीब; और द्वारपालों में से शल्लूम, तेलेम और ऊरी।
25 And, of Israel, of the sons of Parosh, Ramiah and Izziah and Malchijah and Mijamin and Eleazar, and Malchijah, and Benaiah.
२५इस्राएल में से परोश की सन्तान में रम्याह, यिज्जियाह, मल्किय्याह, मिय्यामीन, एलीआजर, मल्किय्याह और बनायाह।
26 And, of the sons of Elam, Mattaniah, Zechariah, and Jehiel and Abdi, and Jeremoth, and Elijah.
२६एलाम की सन्तान में से मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल अब्दी, यरेमोत और एलिय्याह।
27 And, of the sons of Zattu, Elioenai, Eliashib, Mattaniah and Jeremoth, and Zabad, and Aziza.
२७और जत्तू की सन्तान में से एल्योएनै, एल्याशीब, मत्तन्याह, यरेमोत, जाबाद और अज़ीज़ा।
28 And, of the sons of Bebai, Jehohanan, Hananiah, Zabbai, Athlai.
२८बेबै की सन्तान में से यहोहानान, हनन्याह, जब्बै और अतलै।
29 And, of the sons of Bani, Meshullam, Malluch, and Adaiah, Jashub, and Sheal, Jeremoth.
२९बानी की सन्तान में से मशुल्लाम, मल्लूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत।
30 And, of the sons of Pahath-moab, Adna and Chelal, —Benaiah, Maaseiah, Mattaniah, Bezalel, and Binnui, and Manasseh.
३०पहत्मोआब की सन्तान में से अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई और मनश्शे।
31 And, [of] the sons of Harim, Eliezer, Isshijah, Malchijah, Shemaiah, Shimeon;
३१हारीम की सन्तान में से एलीएजेर, यिश्शियाह, मल्किय्याह, शमायाह, शिमोन;
32 Benjamin, Malluch, Shemariah.
३२बिन्यामीन, मल्लूक और शेमर्याह।
33 Of the sons of Hashum, Mattenai, Mattattah, Zabad, Eliphelet, —Jeremai, Manasseh, Shimei.
३३हाशूम की सन्तान में से; मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनश्शे और शिमी।
34 Of the sons of Bani, Maadai, Amram, and Uel;
३४और बानी की सन्तान में से; मादै, अम्राम, ऊएल;
35 Benaiah, Bedeiah, Cheluhu;
३५बनायाह, बेदयाह, कलूही;
36 Vaniah, Meremoth, Eliashib;
३६वन्याह, मरेमोत, एल्याशीब;
37 Mettaniah, Mattenai, and Jaasu;
३७मत्तन्याह, मत्तनै, यासू;
38 and Bani, and Binnui, Shimei;
३८बानी, बिन्नूई, शिमी;
39 and Shelemiah, and Nathan, and Adaiah;
३९शेलेम्याह, नातान, अदायाह;
40 Machnadebai, Shashai, Sharai;
४०मक्नदबै, शाशै, शारै;
41 Azarel, and Shelemiah, Shemariah;
४१अजरेल, शेलेम्याह, शेमर्याह;
42 Shallum, Amariah, Joseph.
४२शल्लूम, अमर्याह और यूसुफ।
43 Of the sons of Nebo, Jeiel, Mattithiah, Zabad, Zebina, —Iddo, and Joel, Benaiah.
४३नबो की सन्तान में से; यीएल, मत्तित्याह, जाबाद, जबीना, यद्दई, योएल और बनायाह।
44 All these, had taken foreign women, —and had begotten of them children.
४४इन सभी ने अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह ली थीं, और बहुतों की स्त्रियों से लड़के भी उत्पन्न हुए थे।