< Deuteronomy 13 >
1 When there shall arise in thy midst—a prophet, or a dreamer of dreams, —and he shall give unto thee a sign or a wonder;
१“यदि तेरे बीच कोई भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाला प्रगट होकर तुझे कोई चिन्ह या चमत्कार दिखाए,
2 and the sign or the wonder shall come in, whereof he spake unto thee, saying, —Let us go after other gods, which ye know not and let us serve them
२और जिस चिन्ह या चमत्कार को प्रमाण ठहराकर वह तुझ से कहे, ‘आओ हम पराए देवताओं के अनुयायी होकर, जिनसे तुम अब तक अनजान रहे, उनकी पूजा करें,’
3 thou shalt not hearken unto the words of that prophet, or unto that dreamer of dreams, —for Yahweh your God, is putting you to the proof, to know whether ye do love Yahweh your God, with all your heart and with all your soul.
३तब तुम उस भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाले के वचन पर कभी कान न रखना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारी परीक्षा लेगा, जिससे यह जान ले, कि ये मुझसे अपने सारे मन और सारे प्राण के साथ प्रेम रखते हैं या नहीं?
4 After Yahweh your God, shall ye walk And him, shall ye revere, —And his commandments, shall ye observe. And unto his voice, shall ye hearken, And him, shall ye serve And unto him, shall ye cleave.
४तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आज्ञाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से लिपटे रहना।
5 And that prophet or that dreamer of dreams, shall be put to death because he hath spoken revolt against Yahweh your God, —who brought you forth out of the land of Egypt and redeemed thee out of the house of servants, to seduce thee out of the way wherein Yahweh thy God hath commanded thee to walk, —so shalt thou consume the wicked thing out of thy midst.
५और ऐसा भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाला जो तुम को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा से फेर के, जिसने तुम को मिस्र देश से निकाला और दासत्व के घर से छुड़ाया है, तेरे उसी परमेश्वर यहोवा के मार्ग से बहकाने की बात कहनेवाला ठहरेगा, इस कारण वह मार डाला जाए। इस रीति से तू अपने बीच में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
6 When thy brother—son of thine own mother or thine own son or thine own daughter, or the wife of thy bosom, or thy friend who is as thine own soul, shall entice thee secretly, saying, —Let us go and serve other gods, whom thou hast not known, thou, nor thy fathers;
६“यदि तेरा सगा भाई, या बेटा, या बेटी, या तेरी अर्द्धांगिनी, या प्राणप्रिय तेरा कोई मित्र निराले में तुझको यह कहकर फुसलाने लगे, ‘आओ हम दूसरे देवताओं की उपासना या पूजा करें,’ जिन्हें न तो तू न तेरे पुरखा जानते थे,
7 of the gods of the peoples who are round about you, who are near unto thee, or who are far off from thee, —from one end of the earth even unto the other end of the earth,
७चाहे वे तुम्हारे निकट रहनेवाले आस-पास के लोगों के, चाहे पृथ्वी के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक दूर-दूर के रहनेवालों के देवता हों,
8 thou shalt not consent unto him, neither shalt thou hearken unto him, —neither shall thine eye look with pity upon him, neither shalt thou spare—neither shalt thou conceal him;
८तो तू उसकी न मानना, और न तो उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस खाना, और न कोमलता दिखाना, और न उसको छिपा रखना;
9 but thou shalt slay, him, thine own hand, shall be on him first, to put him to death, —and the hand of all the people afterwards.
९उसको अवश्य घात करना; उसको घात करने में पहले तेरा हाथ उठे, उसके बाद सब लोगों के हाथ उठें।
10 And thou shalt stone him with stones that he die, —for he hath sought to seduce thee from Yahweh thy God, who brought thee forth out of the land of Egypt, out of the house of servants.
१०उस पर ऐसा पथराव करना कि वह मर जाए, क्योंकि उसने तुझको तेरे उस परमेश्वर यहोवा से, जो तुझको दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल लाया है, बहकाने का यत्न किया है।
11 And, all Israel, shall hear and fear, —and shall not again do according to this wickedness in thy midst.
११और सब इस्राएली सुनकर भय खाएँगे, और ऐसा बुरा काम फिर तेरे बीच न करेंगे।
12 When thou shalt hear—in one of thy cities which Yahweh thy God is giving unto thee to dwell there—saying:
१२“यदि तेरे किसी नगर के विषय में, जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे रहने के लिये देता है, ऐसी बात तेरे सुनने में आए,
13 There have gone forth men sons of the Abandoned One, out of thy midst, and have seduced the inhabitants of their city, saying, —Let us go, and serve other gods which ye have not known;
१३कि कुछ अधर्मी पुरुषों ने तेरे ही बीच में से निकलकर अपने नगर के निवासियों को यह कहकर बहका दिया है, ‘आओ हम अन्य देवताओं की जिनसे अब तक अनजान रहे उपासना करें,’
14 and thou shalt enquire, and search out, and ask diligently, —and lo! true—certain, is the thing, this abomination, hath been done, in thy midst,
१४तो पूछपाछ करना, और खोजना, और भली भाँति पता लगाना; और यदि यह बात सच हो, और कुछ भी सन्देह न रहे कि तेरे बीच ऐसा घिनौना काम किया जाता है,
15 then shalt thou smite, the inhabitants of that city with the edge of the sword, devoting it to destruction, and all that is therein and the cattle thereof: with the edge of the sword, —
१५तो अवश्य उस नगर के निवासियों को तलवार से मार डालना, और पशु आदि उस सब समेत जो उसमें हो उसको तलवार से सत्यानाश करना।
16 and all the spoil thereof, shalt thou gather together into the midst of the broadway thereof, and shalt consume with fire the city and all the spoil thereof, every whit, unto Yahweh thy God, —and it shall be a heap unto times age-abiding, it shall be built no more.
१६और उसमें की सारी लूट चौक के बीच इकट्ठी करके उस नगर को लूट समेत अपने परमेश्वर यहोवा के लिये मानो सर्वांग होम करके जलाना; और वह सदा के लिये खण्डहर रहे, वह फिर बसाया न जाए।
17 So shall there not cleave to thy hand aught of the devoted thing, —that Yahweh may turn away, from the glow of his anger and grant thee compassion and have compassion upon thee and multiply thee, as he sware unto thy fathers;
१७और कोई सत्यानाश की वस्तु तेरे हाथ न लगने पाए; जिससे यहोवा अपने भड़के हुए कोप से शान्त होकर जैसा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाई थी वैसा ही तुझ से दया का व्यवहार करे, और दया करके तुझको गिनती में बढ़ाए।
18 so long as thou shalt hearken unto the voice of Yahweh thy God, to keep all his commandments, which I am commanding thee to-day, —to do what is right in the eyes of Yahweh thy God.
१८यह तब होगा जब तू अपने परमेश्वर यहोवा की जितनी आज्ञाएँ मैं आज तुझे सुनाता हूँ उन सभी को मानेगा, और जो तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही करेगा।