< Titus 2 >

1 But speak thou the things which befit the sound doctrine:
पर तीतुस तेरे खात्तर योए सही सै के तू बिश्वासियाँ ताहीं वोए सीखा जो सच्ची शिक्षा कै मुताबिक हो।
2 that aged men be temperate, grave, soberminded, sound in faith, in love, in patience:
यानी के बूढ़े माणस शान्त गम्भीर अर संयमी हो, अर उनका बिश्वास, प्यार अर धीरज पक्का हो।
3 that aged women likewise be reverent in demeanour, not slanderers nor enslaved to much wine, teachers of that which is good;
इस ढाळ बूढ़ी बिरबानियाँ का बरताव इसा हो के परमेसवर नै महिमा मिलै, वे लाच्छण लगाण आळी अर पियक्कड़ न्ही हो, पर आच्छी बात सिखाण आळी हो।
4 that they may train the young women to love their husbands, to love their children,
जवान बिरबानियाँ नै तीतुस तै न्ही बल्के बूढ़ी बिरबानियाँ तै निर्देश पाणा चाहिए, ताके वो उन ताहीं सीखा सकै किस तरियां अपणे धणी अर बाळकां तै प्यार करै।
5 [to be] soberminded, chaste, workers at home, kind, being in subjection to their own husbands, that the word of God be not blasphemed:
अर वे मन पै काब्बू राक्खण आळी, पतिव्रता, घर का कामकाज सम्भाळण आळी, भली अर अपणे-अपणे धणी कै प्रति बिश्वास लायक हो, ताके कोए परमेसवर के वचन की बुराई ना कर सकै।
6 the younger men likewise exhort to be soberminded:
इसे तरियां जवान माणसां नै भी समझाया कर, के वे खराई तै चाल्लण आळे हो।
7 in all things shewing thyself an ensample of good works; in thy doctrine [shewing] uncorruptness, gravity,
हरेक काम म्ह तू अपणे आच्छे बरताव तै दुसरयां खात्तर एक मिसाल बण जा, जिब तू बिश्वासियाँ ताहीं परमेसवर के बारें म्ह सिखावै सै, तो उन ताहीं आच्छे मकसद तै सीखा, अर इसा सीखा ताके लोग तेरा आदर कर सकै।
8 sound speech, that cannot be condemned; that he that is of the contrary part may be ashamed, having no evil thing to say of us.
तेरी शिक्षाओं म्ह हमेशा सच्चाई हो, जिसकी आलोचना ना हो सकै, जिसतै बिरोधी नै म्हारै म्ह कोए दोष लगाण का मौक्का ना मिलै अर वो खुद पै शर्मिन्दा हो जावै।
9 [Exhort] servants to be in subjection to their own masters, [and] to be well-pleasing [to them] in all things; not gainsaying;
नौकरां नै समझा के अपणे-अपणे माल्लिक कै कह्ये म्ह रहवै, अर सारी बात्तां म्ह उसनै राज्जी राक्खै, अर उल्ट कै जवाब ना दे।
10 not purloining, but shewing all good fidelity; that they may adorn the doctrine of God our Saviour in all things.
चोरी चलाकी ना करो, अर हमेशा यो दिक्खै के वो बिश्वास लायक सै, अर थारे आच्छे सुभाव नै देखकै, वे भी म्हारे उद्धारकर्ता परमेसवर की शिक्षा ताहीं सुणणा चाहवैगें।
11 For the grace of God hath appeared, bringing salvation to all men,
परमेसवर नै अपणा अनुग्रह इस बात म्ह जाहिर करया के उसनै मसीह यीशु ताहीं म्हारा उद्धारकर्ता बणाकै भेज दिया, ताके हरेक माणस बचाए जा सकै।
12 instructing us, to the intent that, denying ungodliness and worldly lusts, we should live soberly and righteously and godly in this present world; (aiōn g165)
अपणी दया के कारण परमेसवर म्हारे ताहीं सिखावै सै, के हम उन तरिक्कां तै बरताव करणा बन्द कर द्या, जो उस ताहीं खुश न्ही कर सकदे, अर इसी लालसा ना राक्खा जिसी अबिश्वासी लोग राक्खै सै, पर बुध्दिमानी अर धार्मिकता तै बरताव करां, अर इसा बरताव करा जो परमेसवर नै पसन्द हो, जिब तक हम दुनिया म्ह रहवां। (aiōn g165)
13 looking for the blessed hope and appearing of the glory of our great God and Saviour Jesus Christ;
हम इस तरिक्कें तै बरताव करा, जिसा के हम उस अदभुत दिन की बाट देखदे हो, जिसकी हम आस राक्खां सां, यो वो दिन सै जिब यीशु मसीह जो म्हारा परमेसवर अर उद्धारकर्ता सै बड़ी महिमा म्ह इस दुनिया म्ह बोहड़ के आवैगा।
14 who gave himself for us, that he might redeem us from all iniquity, and purify unto himself a people for his own possession, zealous of good works.
इस मसीह यीशु नै अपणे-आप ताहीं म्हारे पापां खात्तर बलिदान कर दिया, ताके हम सारे पापां तै आजाद हो जावां, अर म्हारे ताहीं शुद्ध करया ताके हम उसके अपणे खास माणस बण जावां, जो भले काम करण की बड़ी इच्छा राक्खै सै।
15 These things speak and exhort and reprove with all authority. Let no man despise thee.
पूरे अधिकार कै गैल इन सारी बात्तां की शिक्षा देते होए लोग्गां नै समझा अर उत्साहित करदा रह, अर कोए तन्नै तुच्छ न्ही जाणण पावै।

< Titus 2 >