< Numbers 2 >
1 And the LORD spake unto Moses and unto Aaron, saying,
१फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
2 The children of Israel shall pitch every man by his own standard, with the ensigns of their fathers’ houses: over against the tent of meeting shall they pitch round about.
२“इस्राएली मिलापवाले तम्बू के चारों ओर और उसके सामने अपने-अपने झण्डे और अपने-अपने पितरों के घराने के निशान के समीप अपने डेरे खड़े करें।
3 And those that pitch on the east side toward the sunrising shall be they of the standard of the camp of Judah, according to their hosts: and the prince of the children of Judah shall be Nahshon the son of Amminadab.
३और जो पूर्व दिशा की ओर जहाँ सूर्योदय होता है, अपने-अपने दलों के अनुसार डेरे खड़े किया करें, वे ही यहूदा की छावनीवाले झण्डे के लोग होंगे, और उनका प्रधान अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन होगा,
4 And his host, and those that were numbered of them, were threescore and fourteen thousand and six hundred.
४और उनके दल के गिने हुए पुरुष चौहत्तर हजार छः सौ हैं।
5 And those that pitch next unto him shall be the tribe of Issachar: and the prince of the children of Issachar shall be Nethanel the son of Zuar:
५उनके समीप जो डेरे खड़े किया करें वे इस्साकार के गोत्र के हों, और उनका प्रधान सूआर का पुत्र नतनेल होगा,
6 and his host, and those that were numbered thereof, were fifty and four thousand and four hundred:
६और उनके दल के गिने हुए पुरुष चौवन हजार चार सौ हैं।
7 [and] the tribe of Zebulun: and the prince of the children of Zebulun shall be Eliab the son of Helon:
७इनके पास जबूलून के गोत्रवाले रहेंगे, और उनका प्रधान हेलोन का पुत्र एलीआब होगा,
8 and his host, and those that were numbered thereof, were fifty and seven thousand and four hundred.
८और उनके दल के गिने हुए पुरुष सत्तावन हजार चार सौ हैं।
9 All that were numbered of the camp of Judah were an hundred thousand and fourscore thousand and six thousand and four hundred, according to their hosts. They shall set forth first.
९इस रीति से यहूदा की छावनी में जितने अपने-अपने दलों के अनुसार गिने गए वे सब मिलकर एक लाख छियासी हजार चार सौ हैं। पहले ये ही कूच किया करें।
10 On the south side shall be the standard of the camp of Reuben according to their hosts: and the prince of the children of Reuben shall be Elizur the son of Shedeur.
१०“दक्षिण की ओर रूबेन की छावनी के झण्डे के लोग अपने-अपने दलों के अनुसार रहें, और उनका प्रधान शदेऊर का पुत्र एलीसूर होगा,
11 And his host, and those that were numbered thereof, were forty and six thousand and five hundred.
११और उनके दल के गिने हुए पुरुष साढ़े छियालीस हजार हैं।
12 And those that pitch next unto him shall be the tribe of Simeon: and the prince of the children of Simeon shall be Shelumiel the son of Zurishaddai:
१२उनके पास जो डेरे खड़े किया करें वे शिमोन के गोत्र के होंगे, और उनका प्रधान सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल होगा,
13 and his host, and those that were numbered of them, were fifty and nine thousand and three hundred:
१३और उनके दल के गिने हुए पुरुष उनसठ हजार तीन सौ हैं।
14 and the tribe of Gad: and the prince of the children of Gad shall be Eliasaph the son of Reuel.
१४फिर गाद के गोत्र के रहें, और उनका प्रधान रूएल का पुत्र एल्यासाप होगा,
15 And his host, and those that were numbered of them, were forty and five thousand and six hundred and fifty.
१५और उनके दल के गिने हुए पुरुष पैंतालीस हजार साढ़े छः सौ हैं।
16 All that were numbered of the camp of Reuben were an hundred thousand and fifty and one thousand and four hundred and fifty, according to their hosts. And they shall set forth second.
१६रूबेन की छावनी में जितने अपने-अपने दलों के अनुसार गिने गए वे सब मिलकर एक लाख इक्यावन हजार साढ़े चार सौ हैं। दूसरा कूच इनका हो।
17 Then the tent of meeting shall set forward, with the camp of the Levites in the midst of the camps: as they encamp, so shall they set forward, every man in his place, by their standards.
१७“उनके पीछे और सब छावनियों के बीचों बीच लेवियों की छावनी समेत मिलापवाले तम्बू का कूच हुआ करे; जिस क्रम से वे डेरे खड़े करें उसी क्रम से वे अपने-अपने स्थान पर अपने-अपने झण्डे के पास-पास चलें।
18 On the west side shall be the standard of the camp of Ephraim according to their hosts: and the prince of the children of Ephraim shall be Elishama the son of Ammihud.
१८“पश्चिम की ओर एप्रैम की छावनी के झण्डे के लोग अपने-अपने दलों के अनुसार रहें, और उनका प्रधान अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा होगा,
19 And his host, and those that were numbered of them, were forty thousand and five hundred.
१९और उनके दल के गिने हुए पुरुष साढ़े चालीस हजार हैं।
20 And next unto him shall be the tribe of Manasseh: and the prince of the children of Manasseh shall be Gamaliel the son of Pedahzur:
२०उनके समीप मनश्शे के गोत्र के रहें, और उनका प्रधान पदासूर का पुत्र गम्लीएल होगा,
21 and his host, and those that were numbered of them, were thirty and two thousand and two hundred:
२१और उनके दल के गिने हुए पुरुष बत्तीस हजार दो सौ हैं।
22 and the tribe of Benjamin: and the prince of the children of Benjamin shall be Abidan the son of Gideoni:
२२फिर बिन्यामीन के गोत्र के रहें, और उनका प्रधान गिदोनी का पुत्र अबीदान होगा,
23 and his host, and those that were numbered of them, were thirty and five thousand and four hundred.
२३और उनके दल के गिने हुए पुरुष पैंतीस हजार चार सौ हैं।
24 All that were numbered of the camp of Ephraim were an hundred thousand and eight thousand and an hundred, according to their hosts. And they shall set forth third.
२४एप्रैम की छावनी में जितने अपने-अपने दलों के अनुसार गिने गए वे सब मिलकर एक लाख आठ हजार एक सौ पुरुष हैं। तीसरा कूच इनका हो।
25 On the north side shall be the standard of the camp of Dan according to their hosts: and the prince of the children of Dan shall be Ahiezer the son of Ammishaddai.
२५“उत्तर की ओर दान की छावनी के झण्डे के लोग अपने-अपने दलों के अनुसार रहें, और उनका प्रधान अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर होगा,
26 And his host, and those that were numbered of them, were threescore and two thousand and seven hundred.
२६और उनके दल के गिने हुए पुरुष बासठ हजार सात सौ हैं।
27 And those that pitch next unto him shall be the tribe of Asher: and the prince of the children of Asher shall be Pagiel the son of Ochran:
२७और उनके पास जो डेरे खड़े करें वे आशेर के गोत्र के रहें, और उनका प्रधान ओक्रान का पुत्र पगीएल होगा,
28 and his host, and those that were numbered of them, were forty and one thousand and five hundred:
२८और उनके दल के गिने हुए पुरुष साढ़े इकतालीस हजार हैं।
29 and the tribe of Naphtali: and the prince of the children of Naphtali shall be Ahira the son of Enan:
२९फिर नप्ताली के गोत्र के रहें, और उनका प्रधान एनान का पुत्र अहीरा होगा,
30 and his host, and those that were numbered of them, were fifty and three thousand and four hundred.
३०और उनके दल के गिने हुए पुरुष तिरपन हजार चार सौ हैं।
31 All that were numbered of the camp of Dan were an hundred thousand and fifty and seven thousand and six hundred. They shall set forth hindmost by their standards.
३१और दान की छावनी में जितने गिने गए वे सब मिलकर एक लाख सत्तावन हजार छः सौ हैं। ये अपने-अपने झण्डे के पास-पास होकर सबसे पीछे कूच करें।”
32 These are they that were numbered of the children of Israel by their fathers’ houses: all that were numbered of the camps according to their hosts were six hundred thousand and three thousand and five hundred and fifty.
३२इस्राएलियों में से जो अपने-अपने पितरों के घराने के अनुसार गिने गए वे ये ही हैं; और सब छावनियों के जितने पुरुष अपने-अपने दलों के अनुसार गिने गए वे सब मिलकर छः लाख तीन हजार साढ़े पाँच सौ थे।
33 But the Levites were not numbered among the children of Israel; as the LORD commanded Moses.
३३परन्तु यहोवा ने मूसा को जो आज्ञा दी थी उसके अनुसार लेवीय तो इस्राएलियों में गिने नहीं गए।
34 Thus did the children of Israel; according to all that the LORD commanded Moses, so they pitched by their standards, and so they set forward, every one by their families, according to their fathers’ houses.
३४इस प्रकार जो-जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, इस्राएली उन आज्ञाओं के अनुसार अपने-अपने कुल और अपने-अपने पितरों के घरानों के अनुसार, अपने-अपने झण्डे के पास डेरे खड़े करते और कूच भी करते थे।