< Leviticus 10 >

1 And Nadab and Abihu, the sons of Aaron, took each of them his censer, and put fire therein, and laid incense thereon, and offered strange fire before the LORD, which he had not commanded them.
अहरोन के पुत्र नादाब और अबीहू ने अपने-अपने धूपदान लिए और उनमें अग्नि रखने के बाद लोबान भी रखा. इस प्रकार उन्होंने याहवेह के सामने बिना आज्ञा की अपवित्र अग्नि भेंट की; याहवेह की ओर से इसका आदेश न था.
2 And there came forth fire from before the LORD, and devoured them, and they died before the LORD.
याहवेह की उपस्थिति से अग्नि निकलकर उन्हें भस्म कर दिया, और याहवेह के सामने ही उनकी मृत्यु हो गई.
3 Then Moses said unto Aaron, This is it that the LORD spake, saying, I will be sanctified in them that come nigh me, and before all the people I will be glorified. And Aaron held his peace.
मोशेह ने अहरोन से कहा, “याहवेह के यही विचार थे, “‘उनके द्वारा, जो मेरे निकट आते हैं, मैं पवित्र ठहराया जाऊं, तथा सारी प्रजा के सामने मेरी महिमा हो.’” इस पर अहरोन शांत ही रहे.
4 And Moses called Mishael and Elzaphan, the sons of Uzziel the uncle of Aaron, and said unto them, Draw near, carry your brethren from before the sanctuary out of the camp.
मोशेह ने अहरोन के चाचा उज्ज़िएल के पुत्र मिषाएल और एलज़ाफन को भी बुलाकर उन्हें यह आदेश दिया, “निकट आ जाओ और अपने भाइयों के लाश पवित्र स्थान के सामने से हटा लो और छावनी के बाहर ले जाओ.”
5 So they drew near, and carried them in their coats out of the camp; as Moses had said.
तब वे निकट आए और लाशों को उनके अंगरखों सहित छावनी से बाहर ले गए, ठीक जैसा मोशेह ने आदेश दिया था.
6 And Moses said unto Aaron, and unto Eleazar and unto Ithamar, his sons, Let not the hair of your heads go loose, neither rend your clothes; that ye die not, and that he be not wroth with all the congregation: but let your brethren, the whole house of Israel, bewail the burning which the LORD hath kindled.
इसके बाद मोशेह ने अहरोन और उनके पुत्र एलिएज़र और इथामार को यह आदेश दिया, “अपने सिर के बालों को न मुंडाओ और न ही अपने वस्त्र फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम्हारी मृत्यु हो जाए और याहवेह का क्रोध सारी सभा पर भड़क उठे. केवल तुम्हारे भाई अर्थात् इस्राएल की सारी प्रजा याहवेह के द्वारा लगाई हुई इस आग के लिए विलाप करे.
7 And ye shall not go out from the door of the tent of meeting, lest ye die: for the anointing oil of the LORD is upon you. And they did according to the word of Moses.
तुम तो मिलनवाले तंबू के द्वार से बाहर भी न जाना, अन्यथा तुम्हारी भी मृत्यु हो जाएगी, क्योंकि तुम पर याहवेह के तेल का अभिषेक है.” तब उन्होंने मोशेह के आदेश के अनुसार ही किया.
8 And the LORD spake unto Aaron, saying,
इसके बाद याहवेह ने अहरोन को यह आदेश दिया,
9 Drink no wine nor strong drink, thou, nor thy sons with thee, when ye go into the tent of meeting, that ye die not: it shall be a statute for ever throughout your generations:
“जब तुम मिलनवाले तंबू में प्रवेश करो, तो न तो तुम और न ही तुम्हारे पुत्र दाखरस अथवा दाखमधु का उपभोग करें, कि तुम्हारी मृत्यु न हो जाए. यह तुम्हारी आनेवाली सारी पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए विधि है,
10 and that ye may put difference between the holy and the common, and between the unclean and the clean;
कि तुम पवित्र और अपवित्र के बीच, शुद्ध और अशुद्ध के बीच भेद कर सको.
11 and that ye may teach the children of Israel all the statutes which the LORD hath spoken unto them by the hand of Moses.
इस्राएल की प्रजा को उन सारी विधियों की शिक्षा देनी अनिवार्य है, जिनको याहवेह ने तुम्हें मोशेह के द्वारा दिया है.”
12 And Moses spake unto Aaron, and unto Eleazar and unto Ithamar, his sons that were left, Take the meal offering that remaineth of the offerings of the LORD made by fire, and eat it without leaven beside the altar: for it is most holy:
फिर मोशेह ने अहरोन और उनके दोनों बचे हुए पुत्रों, एलिएज़र और इथामार को यह आदेश दिया, “याहवेह को अग्नि में अर्पित अन्‍नबलि में से शेष रह गए भाग, जो खमीर रहित है, उसको लेकर वेदी के निकट ही खाओ, क्योंकि यह परम पवित्र है.
13 and ye shall eat it in a holy place, because it is thy due, and thy sons’ due, of the offerings of the LORD made by fire: for so I am commanded.
तुम इसको पवित्र स्थान में ही खाना, क्योंकि यह याहवेह को अर्पित बलि में से तुम्हारा और तुम्हारे पुत्रों के लिए निर्धारित भाग है, क्योंकि मुझे ऐसा ही आदेश दिया गया है.
14 And the wave breast and the heave thigh shall ye eat in a clean place; thou, and thy sons, and thy daughters with thee: for they are given as thy due, and thy sons’ due, out of the sacrifices of the peace offerings of the children of Israel.
किंतु तुम तथा तुम्हारी सन्तति लहराने की बलि स्वरूप भेंट, छाती और जांघ को किसी स्वच्छ स्थान में खा सकते हो; क्योंकि यह इस्राएल की प्रजा की मेल बलियों में से तुम्हारे और तुम्हारे पुत्रों एवं पुत्रियों के लिए निर्धारित भाग के रूप में तुम्हें दिया गया है.
15 The heave thigh and the wave breast shall they bring with the offerings made by fire of the fat, to wave it for a wave offering before the LORD: and it shall be thine, and thy sons’ with thee, as a due for ever; as the LORD hath commanded.
वे अग्निबलि के लिए निर्धारित चर्बी के भाग के साथ जांघ को ऊंचा उठाते, और छाती को लहराते हुए याहवेह के सामने लहराने की बलि के रूप में लाएंगे; यह तुम्हारे और तुम्हारे पुत्रों के लिए स्थायी भाग है, ठीक जैसा आदेश याहवेह ने दिया था वैसा ही.”
16 And Moses diligently sought the goat of the sin offering, and, behold, it was burnt: and he was angry with Eleazar and with Ithamar, the sons of Aaron that were left, saying,
किंतु मोशेह ने पापबलि के लिए निर्धारित बकरे के विषय में खोजबीन की, तो मालूम हुआ कि उसको तो जलाया जा चुका है! इसलिये मोशेह अहरोन के बचे हुए पुत्रों एलिएज़र तथा इथामार पर क्रोधित हो गए. मोशेह ने उनसे यह प्रश्न किया,
17 Wherefore have ye not eaten the sin offering in the place of the sanctuary, seeing it is most holy, and he hath given it you to bear the iniquity of the congregation, to make atonement for them before the LORD?
“तुमने पापबलि के पशु को पवित्र स्थान में क्यों नहीं खाया? क्योंकि यह तो परम पवित्र है, तथा याहवेह ने यह तुम्हें प्रजा के दोष अपने ऊपर उठाकर और याहवेह के सामने उनके लिए प्रायश्चित पूरा करने के लिए दिया था.
18 Behold, the blood of it was not brought into the sanctuary within: ye should certainly have eaten it in the sanctuary, as I commanded.
इसका तो रक्त तक पवित्र स्थान के भीतरी कक्ष में नहीं लाया गया, ज़रूरी था कि तुम इसको पवित्र स्थान में खाते; ठीक जैसा आदेश मैंने दिया था.”
19 And Aaron spake unto Moses, Behold, this day have they offered their sin offering and their burnt offering before the LORD; and there have befallen me such things as these: and if I had eaten the sin offering today, would it have been well-pleasing in the sight of the LORD?
किंतु अहरोन ने मोशेह को उत्तर दिया, “सुनिए, आज ही उन्होंने याहवेह के सामने अपनी पापबलि और होमबलि चढ़ाई है, फिर भी मेरे साथ यह सब घटित हो गया है! यदि आज मैं पापबलि के पशु को खा लेता, तो क्या यह याहवेह की दृष्टि में भला होता?”
20 And when Moses heard [that], it was well-pleasing in his sight.
जब मोशेह ने यह सुना, तो यह उन्हें सही ही जान पड़ा.

< Leviticus 10 >