< Hebrews 5 >
1 Every high priest, taken from among the people, is appointed as their representative in their relations with God, to offer both gifts and sacrifices in expiation of sins.
परमेश्वरे हर इक महायाजके जो इस्राएल दे लोकां चे चुणया। सै लोकां दी भलाई तांई परमेश्वरे दिया तरफा ला कम्म करणे तांई चुणया जांदा है; सै इस तांई भेंट कने बलि चढ़ांदा है ताकि परमेश्वर लोकां दे पापां जो माफ करी दे।
2 And he is able to sympathize with the ignorant and deluded, since he is himself subject to weakness,
इक माणु होणे दे नाते सै अपु भी केई सारियां चीजां च कमजोर है। इसा बजा ला सै मुर्ख कने भटकणे बाले लोकां ला प्यारे ला निपटी सकदा है।
3 and is therefore bound to offer sacrifices for sins, not only for the people, but equally so for himself.
इक महायाजक होणे दे नाते उसयो अपणे पापां जो कने लोकां दे पापां जो दूर करणे तांई बलियां चढ़ाणियां चाईदियां।
4 Nor does anyone take that high office on themselves, until they have been called to do so by God, as Aaron was.
कोई भी माणु अपु महायाजक होणे दी पदवी अपणे उपर नी लेई सकदा। जियां परमेश्वरे हारूने जो पेहले महायाजके दे रुपे च सदया कने चुणया था, तियां ही परमेश्वर दुज्जे महायाजकां जो सददा कने चुणदा है।
5 In the same way, even the Christ did not take the honor of the high priesthood on himself, but he was appointed by him who said to him – ‘You are my Son; this day I have become your Father’;
तियां ही मसीहे भी अपु जो महायाजक बणने तांई चुणी करी अपु अपणा आदर नी किता। पर परमेश्वरे यीशु मसीहे जो ऐ बोली करी चुणया जड़ा उनी होर कुसी महायाजक जो कदी नी बोलया था, जड़ा की पबित्र शास्त्र च भजनकारे लिखया है, “तू मेरा पुत्र है, अज मैं ऐ घोषणा करदा है की मैं तेरा पिता है।”
6 and on another occasion also – ‘You are a priest for all time of the order of Melchizedek.’ (aiōn )
इयां ही परमेश्वरे दुज्जिया जगा च दुबारा उसयो बोलया, “इयां ही जियां मलिकिसिदक इक याजक था, तियां ही तुमी हमेशा याजक बणी रेणा।” (aiōn )
7 Jesus, in the days of his earthly life, offered prayers and supplications, with earnest cries and with tears, to him who was able to save him from death; and he was heard because of his devout submission.
जालू यीशु इस संसारे च जिन्दा था, तालू उनी जोरे-जोरे कने रोई-रोई के परमेश्वरे सामणे प्राथना कने बिनतियां कितियां जड़ा उसयो मौता ला बचाई सकदा था, कने इस बड़े आदर कने अपणे आपे जो परमेश्वरे जो सौपणे दिया बजा ला परमेश्वरे उदियां प्राथना कने बिनतियां सुणियां।
8 Son though he was, he learned obedience from his sufferings;
यीशु मसीह परमेश्वरे दा पुत्र होणे पर भी, उनी दुख सेहन करिरी सै करणा सीखी लिया जड़ा परमेश्वर उसला चांदा था।
9 and, being made perfect, he became to all those who obey him the source of eternal salvation, (aiōnios )
परमेश्वरे मलिकिसिदक सांई उसयो इक महायाजक दी इज्जत दिती, कने उसयो सिद्ध बणाया कने सै उना सारयां लोकां तांई उद्धार दी बजा बणी गिया जड़े उदे हुकमा जो मंदे थे। (aiōnios )
10 while God himself pronounced him a high priest of the order of Melchizedek.
11 Now on this subject I have much to say, but it is difficult to explain it to you, because you have shown yourselves so slow to learn.
इदे बारे च बोलणे तांई बड़ियां सारियां गल्लां न, पर इना गल्लां जो समझणा बड़ा मुशकिल है, क्योंकि तुसां परमेश्वरे दा बचन सुणने च सुस्त होई गियो न।
12 For whereas, considering the time that has elapsed, you ought to be teaching others, you still need someone to teach you the alphabet of the divine revelation, and need again to be fed with milk instead of with ‘solid food.’
तुसां इतणे लम्बे बकते ला भरोसा करदे न, तुहांजो तां हुण बाकियां जो सिखाणे बाला होणा चाईदा था। पर तुहांजो हले भी ऐसे माणुऐ दी जरूरत है जड़ा तुहांजो दुबारा नोऐ सिरे ला परमेश्वरे दिया सिक्षा जो सिखाऐ। तुहांजो अनाज नी पर बचयां सांई दुधे दी जरूरत है।
13 For everyone who still has to take milk knows nothing of the teaching of righteousness; they are a mere infant.
क्योंकि जड़े लोक दूध पिंदे न, सै उना बचयां सांई न जड़े असल च परमेश्वरे दिया नजरा च सही जिन्दगी जिणे दे बारे च नी जाणदे न।
14 But solid food is for Christians of mature faith – those whose faculties have been trained by practice to distinguish right from wrong.
पर अनाजे दी रोटी उना तांई है जड़े भरोसे च पक्के न, जिनी अपणे अनुभव ला भले बुरे च फर्क करणा सीखी लिया है।