< Psalms 57 >

1 “For the leader of the music. To be sung to the tune of “Do not destroy.” A psalm of David, when he fled from Saul in the cave.” Have pity upon me, O God! have pity upon me, For in thee doth my soul seek refuge! Yea, in the shadow of thy wings do I take shelter, Until these calamities be overpast!
प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम; जब वह शाऊल से भागकर गुफा में छिप गया था हे परमेश्वर, मुझ पर दया कर, मुझ पर दया कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ; और जब तक ये विपत्तियाँ निकल न जाएँ, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूँगा।
2 I call upon God the Most High, Upon God, who performeth all things for me;
मैं परमप्रधान परमेश्वर को पुकारूँगा, परमेश्वर को जो मेरे लिये सब कुछ सिद्ध करता है।
3 He will send from heaven, and save me; He will put to shame him that panteth for my life; (Pause) God will send forth his mercy and his truth.
परमेश्वर स्वर्ग से भेजकर मुझे बचा लेगा, जब मेरा निगलनेवाला निन्दा कर रहा हो। (सेला) परमेश्वर अपनी करुणा और सच्चाई प्रगट करेगा।
4 My life is in the midst of lions; I dwell among them that breathe out fire; Among men whose teeth are spears and arrows, And whose tongue is a sharp sword.
मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात् ऐसे मनुष्यों के बीच में जिनके दाँत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है।
5 Exalt thyself, O God! above the heavens, And thy glory above all the earth!
हे परमेश्वर तू स्वर्ग के ऊपर अति महान और तेजोमय है, तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!
6 They have prepared a net for my steps; My soul is bowed down; They have digged a pit before me, But into it they have themselves fallen.
उन्होंने मेरे पैरों के लिये जाल बिछाया है; मेरा प्राण ढला जाता है। उन्होंने मेरे आगे गड्ढा खोदा, परन्तु आप ही उसमें गिर पड़े। (सेला)
7 My heart is strengthened, O God! my heart is strengthened! I will sing, and give thanks.
हे परमेश्वर, मेरा मन स्थिर है, मेरा मन स्थिर है; मैं गाऊँगा वरन् भजन कीर्तन करूँगा।
8 Awake, my soul! awake, psaltery and harp! I will wake with the early dawn.
हे मेरे मन जाग जा! हे सारंगी और वीणा जाग जाओ; मैं भी पौ फटते ही जाग उठूँगा।
9 I will praise thee, O Lord! among the nations; I will sing to thee among the kingdoms!
हे प्रभु, मैं देश-देश के लोगों के बीच तेरा धन्यवाद करूँगा; मैं राज्य-राज्य के लोगों के बीच में तेरा भजन गाऊँगा।
10 For thy mercy reacheth to the heavens, And thy truth to the clouds!
१०क्योंकि तेरी करुणा स्वर्ग तक बड़ी है, और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक पहुँचती है।
11 Exalt thyself, O God! above the heavens, And thy glory above all the earth!
११हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर अति महान है! तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!

< Psalms 57 >