< Psalms 37 >

1 “A psalm of David.” Be not thou angry on account of the wicked, Nor be envious of those who do iniquity.
दाऊद का भजन कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करनेवालों के विषय डाह न कर!
2 For soon shall they be cut down like grass, And wither like the green herb.
क्योंकि वे घास के समान झट कट जाएँगे, और हरी घास के समान मुर्झा जाएँगे।
3 Trust in the LORD, and do good; Abide in the land, and delight in faithfulness.
यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
4 Place thy delight in the LORD. And he will give thee thy heart's desires.
यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।
5 Commit thy way to the LORD; Trust in him, and he will give thee success!
अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
6 He will cause thy justice to shine forth like the light, And thy righteousness like the noonday's brightness.
और वह तेरा धर्म ज्योति के समान, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले के समान प्रगट करेगा।
7 Hope thou patiently on the LORD, And in him place thy trust! Be not angry on account of the prosperous, —On account of him that deviseth deceit!
यहोवा के सामने चुपचाप रह, और धीरज से उसकी प्रतिक्षा कर; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
8 Cease from anger; give not way to wrath; Be not provoked, so as to do evil!
क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उससे बुराई ही निकलेगी।
9 For evil-doers shall be rooted out; But they who trust in the LORD, they shall inherit the land.
क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएँगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
10 Yet a little while, and the wicked shall be no more; Thou mayst look for his place, and he will not be found.
१०थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भली भाँति देखने पर भी उसको न पाएगा।
11 But the meek shall inherit the land, And delight themselves in the fulness of prosperity.
११परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएँगे।
12 The wicked man plotteth against the just, And gnasheth at him with his teeth.
१२दुष्ट धर्मी के विरुद्ध बुरी युक्ति निकालता है, और उस पर दाँत पीसता है;
13 The Lord laugheth at him; For he seeth that his day is coming.
१३परन्तु प्रभु उस पर हँसेगा, क्योंकि वह देखता है कि उसका दिन आनेवाला है।
14 The wicked draw the sword, And bend their bow, To cast down the afflicted and the needy, And to slay the upright.
१४दुष्ट लोग तलवार खींचे और धनुष चढ़ाए हुए हैं, ताकि दीन दरिद्र को गिरा दें, और सीधी चाल चलनेवालों को वध करें।
15 Their swords shall enter their own hearts, And their bows shall be broken in pieces.
१५उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे, और उनके धनुष तोड़े जाएँगे।
16 Better is the little of the righteous man Than the great abundance of the wicked;
१६धर्मी का थोड़ा सा धन दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।
17 For the arms of the wicked shall be broken, But the LORD will uphold the righteous.
१७क्योंकि दुष्टों की भुजाएँ तो तोड़ी जाएँगी; परन्तु यहोवा धर्मियों को सम्भालता है।
18 The LORD careth for the life of the upright, And their inheritance shall endure for ever.
१८यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा।
19 They shall not be ashamed in the evil time, And in the days of famine they shall have enough.
१९विपत्ति के समय, वे लज्जित न होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।
20 But the wicked shall perish; Yea, the enemies of the LORD shall be consumed, like the glory of the fields; They shall be consumed into smoke.
२०दुष्ट लोग नाश हो जाएँगे; और यहोवा के शत्रु खेत की सुथरी घास के समान नाश होंगे, वे धुएँ के समान लुप्त‍ हो जाएँगे।
21 The wicked borroweth, and repayeth not; But the righteous is merciful and bountiful.
२१दुष्ट ऋण लेता है, और भरता नहीं परन्तु धर्मी अनुग्रह करके दान देता है;
22 For they who are blessed by God shall inherit the land, And they who are cursed by him shall be rooted out.
२२क्योंकि जो उससे आशीष पाते हैं वे तो पृथ्वी के अधिकारी होंगे, परन्तु जो उससे श्रापित होते हैं, वे नाश हो जाएँगे।
23 The steps of the good man are directed by the LORD; He delighteth himself in his way.
२३मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
24 Though he fall, he shall not be utterly cast down, For the LORD holdeth him by the hand.
२४चाहे वह गिरे तो भी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
25 I have been young, and now am old; Yet have I not seen the righteous forsaken, Nor his offspring begging bread.
२५मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूँ; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े माँगते देखा है।
26 He is ever merciful and lendeth, And his offspring shall be blessed.
२६वह तो दिन भर अनुग्रह कर करके ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।
27 Depart from evil, and do good; So thou shalt dwell in the land for ever.
२७बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा।
28 For the LORD loveth righteousness, And forsaketh not his servants; They are preserved for ever; But the posterity of the wicked shall be rooted out.
२८क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा।
29 The righteous shall inherit the land, And shall dwell therein for ever.
२९धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उसमें सदा बसे रहेंगे।
30 The mouth of the righteous uttereth wisdom, And his tongue speaketh what is right.
३०धर्मी अपने मुँह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है।
31 The law of his God is in his heart; His footsteps shall not slip.
३१उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।
32 The wicked watcheth the righteous, And seeketh to slay him;
३२दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।
33 The Lord will not leave him in his hand, Nor suffer him to be condemned, when he is judged.
३३यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।
34 Trust in the LORD, and keep his way, And he will exalt thee to the possession of the land, Whilst thou shalt see the destruction of the wicked!
३४यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएँगे, तब तू देखेगा।
35 I have seen a wicked man in great power, And spreading himself like a green cedar;
३५मैंने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।
36 But he passed away, and, lo! he was no more; Yea, I sought him, but he was not found.
३६परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहाँ है ही नहीं; और मैंने भी उसे ढूँढ़ा, परन्तु कहीं न पाया।
37 Mark the righteous man, and behold the upright, That posterity is to the man of peace!
३७खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहनेवाले पुरुष का अन्तफल अच्छा है।
38 But transgressors will all be destroyed; The posterity of the wicked shall be rooted out.
३८परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएँगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है।
39 The salvation of the just is from the LORD. He is their strength in the time of trouble.
३९धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।
40 The LORD will help and deliver them; He will deliver them from their enemies, and save them, Because they trust in him.
४०यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिए कि उन्होंने उसमें अपनी शरण ली है।

< Psalms 37 >