< Genesis 15 >
1 After these things the word of YHWH came to Abram in a vision, saying, "Do not be afraid, Abram. I am your shield; your reward will be very great."
१इन बातों के पश्चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा “हे अब्राम, मत डर; मैं तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल हूँ।”
2 Abram said, "Lord, what will you give me, seeing I go childless, and the heir of my estate is Eliezer of Damascus?"
२अब्राम ने कहा, “हे प्रभु यहोवा, मैं तो सन्तानहीन हूँ, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्कवासी एलीएजेर होगा, अतः तू मुझे क्या देगा?”
3 Then Abram said, "Look, to me you have given no offspring, and look, one born in my house is my heir."
३और अब्राम ने कहा, “मुझे तो तूने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूँ, कि मेरे घर में उत्पन्न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।”
4 And look, the word of God came to him, saying, "This man will not be your heir, but he who will come forth out of your own body will be your heir."
४तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा, “यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।”
5 And he brought him outside, and said, "Look now toward the sky, and count the stars, if you are able to count them." And he said to him, "So will your descendants be."
५और उसने उसको बाहर ले जाकर कहा, “आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है?” फिर उसने उससे कहा, “तेरा वंश ऐसा ही होगा।”
6 And he believed God, and it was credited to him as righteousness.
६उसने यहोवा पर विश्वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धार्मिकता गिना।
7 And he said to him, "I am God, who brought you out of Ur Kasdim to give you this land to possess."
७और उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझको इस देश का अधिकार दूँ।”
8 But he said, "Lord, how can I know that I will possess it?"
८उसने कहा, “हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी होऊँगा?”
9 And he said to him, "Bring me a heifer three years old, a female goat three years old, a ram three years old, a turtledove, and a young pigeon."
९यहोवा ने उससे कहा, “मेरे लिये तीन वर्ष की एक बछिया, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेढ़ा, और एक पिण्डुक और कबूतर का एक बच्चा ले।”
10 He brought him all of these, and divided them in the middle, and placed each half opposite the other; but he did not divide the birds.
१०और इन सभी को लेकर, उसने बीच से दो टुकड़े कर दिया और टुकड़ों को आमने-सामने रखा पर चिड़ियों के उसने टुकड़े नहीं किए।
11 And the birds of prey came down on the carcasses, but Abram drove them away.
११जब माँसाहारी पक्षी लोथों पर झपटे, तब अब्राम ने उन्हें उड़ा दिया।
12 When the sun was going down, a deep sleep fell on Abram. And look, a terror of great darkness fell on him.
१२जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और महा अंधकार ने उसे छा लिया।
13 And he said to Abram, "Know for certain that your descendants will live as foreigners in a land that is not theirs; and they will be enslaved there. And they will oppress them four hundred years.
१३तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “यह निश्चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, और उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे; और वे उनको चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे;
14 But I will also judge that nation whom they will serve. And afterward they will come out with many possessions.
१४फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूँगा: और उसके पश्चात् वे बड़ा धन वहाँ से लेकर निकल आएँगे।
15 But you will go to your fathers in peace. You will be buried in a good old age.
१५तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी।
16 In the fourth generation they will come here again, for the iniquity of the Amorites is not yet complete."
१६पर वे चौथी पीढ़ी में यहाँ फिर आएँगे: क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ हैं।”
17 It came to pass that, when the sun went down, and it was dark, look, a smoking fire pot and a flaming torch passed between these pieces.
१७और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया और घोर अंधकार छा गया, तब एक अँगीठी जिसमें से धुआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई।
18 On that day God made a covenant with Abram, saying, "To your descendants I have given this land, from the river of Egypt to the great river, the river Perath:
१८उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बाँधी, “मिस्र के महानद से लेकर फरात नामक बड़े नद तक जितना देश है,
19 the Kenites, the Kenizzites, the Kadmonites,
१९अर्थात्, केनियों, कनिज्जियों, कदमोनियों,
20 the Hethites, the Perizzites, the Rephaim,
२०हित्तियों, परिज्जियों, रापाइयों,
21 the Amorites, the Canaanites, the Hivites, the Girgashites, and the Jebusites."
२१एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश, मैंने तेरे वंश को दिया है।”