< Luke 11 >
1 It happened, that when he finished praying in a certain place, one of his disciples said to him, "Lord, teach us to pray, just as John also taught his disciples."
१फिर वह किसी जगह प्रार्थना कर रहा था। और जब वह प्रार्थना कर चुका, तो उसके चेलों में से एक ने उससे कहा, “हे प्रभु, जैसे यूहन्ना ने अपने चेलों को प्रार्थना करना सिखाया वैसे ही हमें भी तू सीखा दे।”
2 So he said to them, "When you pray, say, 'Our Father in heaven, holy be your name. May your kingdom come. May your will be done on earth, as it is in heaven.
२उसने उनसे कहा, “जब तुम प्रार्थना करो, तो कहो: ‘हे पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए।
3 Give us day by day our daily bread.
३‘हमारी दिन भर की रोटी हर दिन हमें दिया कर।
4 And forgive us our sins, for we also forgive everyone indebted to us. And lead us not into temptation, but deliver us from evil.'"
४‘और हमारे पापों को क्षमा कर, क्योंकिहम भी अपने हर एक अपराधी को क्षमा करते हैं, और हमें परीक्षा में न ला।’”
5 He said to them, "Which of you, if you go to a friend at midnight, and tell him, 'Friend, lend me three loaves of bread,
५और उसने उनसे कहा, “तुम में से कौन है कि उसका एक मित्र हो, और वह आधी रात को उसके पास जाकर उससे कहे, ‘हे मित्र; मुझे तीन रोटियाँ दे।
6 for a friend of mine has come to me from a journey, and I have nothing to set before him,'
६क्योंकि एक यात्री मित्र मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है।’
7 and he from within will answer and say, 'Do not bother me. The door is now shut, and my children are with me in bed. I cannot get up and give it to you'?
७और वह भीतर से उत्तर देता, कि मुझे दुःख न दे; अब तो द्वार बन्द है, और मेरे बालक मेरे पास बिछौने पर हैं, इसलिए मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता।
8 I tell you, although he will not rise and give it to him because he is his friend, yet because of his persistence, he will get up and give him as many as he needs.
८मैं तुम से कहता हूँ, यदि उसका मित्र होने पर भी उसे उठकर न दे, फिर भी उसके लज्जा छोड़कर माँगने के कारण उसे जितनी आवश्यकता हो उतनी उठकर देगा।
9 "I tell you, ask, and it will be given to you. Seek, and you will find. Knock, and it will be opened to you.
९और मैं तुम से कहता हूँ; कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
10 For everyone who asks receives. He who seeks finds. To him who knocks it will be opened.
१०क्योंकि जो कोई माँगता है, उसे मिलता है; और जो ढूँढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।
11 "Which of you fathers, if your son asks for a fish, he won't give him a snake instead of a fish, will he?
११तुम में से ऐसा कौन पिता होगा, कि जब उसका पुत्र रोटी माँगे, तो उसे पत्थर दे: या मछली माँगे, तो मछली के बदले उसे साँप दे?
12 Or if he asks for an egg, will give him a scorpion?
१२या अण्डा माँगे तो उसे बिच्छू दे?
13 If you then, being evil, know how to give good gifts to your children, how much more will your heavenly Father give the Holy Spirit to those who ask him?"
१३अतः जब तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।”
14 He was casting out a demon, and it was mute. It happened, when the demon had gone out, the mute man spoke; and the crowds were amazed.
१४फिर उसने एक गूँगी दुष्टात्मा को निकाला; जब दुष्टात्मा निकल गई, तो गूँगा बोलने लगा; और लोगों ने अचम्भा किया।
15 But some of them said, "He casts out demons by Beelzebul, the prince of the demons."
१५परन्तु उनमें से कितनों ने कहा, “यह तो दुष्टात्माओं के प्रधान शैतान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।”
16 Others, testing him, sought from him a sign from heaven.
१६औरों ने उसकी परीक्षा करने के लिये उससे आकाश का एक चिन्ह माँगा।
17 But he, knowing their thoughts, said to them, "Every kingdom divided against itself is brought to desolation. A house divided against itself falls.
१७परन्तु उसने, उनके मन की बातें जानकर, उनसे कहा, “जिस-जिस राज्य में फूट होती है, वह राज्य उजड़ जाता है; और जिस घर में फूट होती है, वह नाश हो जाता है।
18 If Satan also is divided against himself, how will his kingdom stand? For you say that I cast out demons by Beelzebul.
१८और यदि शैतान अपना ही विरोधी हो जाए, तो उसका राज्य कैसे बना रहेगा? क्योंकि तुम मेरे विषय में तो कहते हो, कि यह शैतान की सहायता से दुष्टात्मा निकालता है।
19 But if I cast out demons by Beelzebul, by whom do your children cast them out? Therefore will they be your judges.
१९भला यदि मैं शैतान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो तुम्हारी सन्तान किसकी सहायता से निकालते हैं? इसलिए वे ही तुम्हारा न्याय चुकाएँगे।
20 But if I by the finger of God cast out demons, then the Kingdom of God has come to you.
२०परन्तु यदि मैं परमेश्वर की सामर्थ्य से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुँचा।
21 "When the strong man, fully armed, guards his own dwelling, his goods are safe.
२१जब बलवन्त मनुष्य हथियार बाँधे हुए अपने घर की रखवाली करता है, तो उसकी सम्पत्ति बची रहती है।
22 But when someone stronger attacks him and overcomes him, he takes from him his whole armor in which he trusted, and divides up his plunder.
२२पर जब उससे बढ़कर कोई और बलवन्त चढ़ाई करके उसे जीत लेता है, तो उसके वे हथियार जिन पर उसका भरोसा था, छीन लेता है और उसकी सम्पत्ति लूटकर बाँट देता है।
23 "He that is not with me is against me. He who does not gather with me scatters.
२३जो मेरे साथ नहीं वह मेरे विरोध में है, और जो मेरे साथ नहीं बटोरता वह बिखेरता है।
24 The unclean spirit, when he has gone out of the person, passes through dry places, seeking rest, and finding none, he says, 'I will turn back to my house from which I came out.'
२४“जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है तो सूखी जगहों में विश्राम ढूँढ़ती फिरती है, और जब नहीं पाती तो कहती है, कि मैं अपने उसी घर में जहाँ से निकली थी लौट जाऊँगी।
25 When he returns, he finds it swept and put in order.
२५और आकर उसे झाड़ा-बुहारा और सजा-सजाया पाती है।
26 Then he goes, and takes seven other spirits more evil than himself, and they enter in and dwell there. The last state of that person becomes worse than the first."
२६तब वह आकर अपने से और बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले आती है, और वे उसमें समाकर वास करती हैं, और उस मनुष्य की पिछली दशा पहले से भी बुरी हो जाती है।”
27 It came to pass, as he said these things, a certain woman out of the crowd lifted up her voice, and said to him, "Blessed is the womb that bore you, and the breasts which nursed you."
२७जब वह ये बातें कह ही रहा था तो भीड़ में से किसी स्त्री ने ऊँचे शब्द से कहा, “धन्य है वह गर्भ जिसमें तू रहा और वे स्तन, जो तूने चूसे।”
28 But he said, "On the contrary, blessed are those who hear the word of God, and keep it."
२८उसने कहा, “हाँ; परन्तु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं।”
29 When the crowds were gathering together to him, he began to say, "This generation is an evil generation. It seeks after a sign. No sign will be given to it but the sign of Jonah.
२९जब बड़ी भीड़ इकट्ठी होती जाती थी तो वह कहने लगा, “इस युग के लोग बुरे हैं; वे चिन्ह ढूँढ़ते हैं; पर योना के चिन्ह को छोड़ कोई और चिन्ह उन्हें न दिया जाएगा।
30 For even as Jonah became a sign to the Ninevites, so will also the Son of Man be to this generation.
३०जैसा योना नीनवे के लोगों के लिये चिन्ह ठहरा, वैसा ही मनुष्य का पुत्र भी इस युग के लोगों के लिये ठहरेगा।
31 The Queen of the South will rise up in the judgment with the people of this generation, and will condemn them: for she came from a distant land to hear the wisdom of Solomon; and look, one greater than Solomon is here.
३१दक्षिण की रानी न्याय के दिन इस समय के मनुष्यों के साथ उठकर, उन्हें दोषी ठहराएगी, क्योंकि वह सुलैमान का ज्ञान सुनने को पृथ्वी की छोर से आई, और देखो यहाँ वह है जो सुलैमान से भी बड़ा है।
32 The people of Nineveh will stand up in the judgment with this generation, and will condemn it: for they repented at the preaching of Jonah, and look, one greater than Jonah is here.
३२नीनवे के लोग न्याय के दिन इस समय के लोगों के साथ खड़े होकर, उन्हें दोषी ठहराएँगे; क्योंकि उन्होंने योना का प्रचार सुनकर मन फिराया और देखो, यहाँ वह है, जो योना से भी बड़ा है।
33 "No one, when he has lit a lamp, puts it in a cellar or under a basket, but on a stand, that those who come in may see the light.
३३“कोई मनुष्य दीया जला के तलघर में, या पैमाने के नीचे नहीं रखता, परन्तु दीवट पर रखता है कि भीतर आनेवाले उजियाला पाएँ।
34 The lamp of the body is the eye. Therefore when your eye is good, your whole body is also full of light; but when it is bad, your body also is full of darkness.
३४तेरे शरीर का दीया तेरी आँख है, इसलिए जब तेरी आँख निर्मल है, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला है; परन्तु जब वह बुरी है, तो तेरा शरीर भी अंधेरा है।
35 Therefore see whether the light that is in you is not darkness.
३५इसलिए सावधान रहना, कि जो उजियाला तुझ में है वह अंधेरा न हो जाए।
36 If therefore your whole body is full of light, having no part dark, it will be wholly full of light, as when the lamp with its bright shining gives you light."
३६इसलिए यदि तेरा सारा शरीर उजियाला हो, और उसका कोई भाग अंधेरा न रहे, तो सब का सब ऐसा उजियाला होगा, जैसा उस समय होता है, जब दीया अपनी चमक से तुझे उजाला देता है।”
37 Now as he spoke, a Pharisee asked him to dine with him. He went in, and sat at the table.
३७जब वह बातें कर रहा था, तो किसी फरीसी ने उससे विनती की, कि मेरे यहाँ भोजन कर; और वह भीतर जाकर भोजन करने बैठा।
38 When the Pharisee saw it, he was surprised that he had not first washed himself before dinner.
३८फरीसी ने यह देखकर अचम्भा किया कि उसने भोजन करने से पहले हाथ-पैर नहीं धोये।
39 The Lord said to him, "Now you Pharisees cleanse the outside of the cup and of the platter, but your inward part is full of extortion and wickedness.
३९प्रभु ने उससे कहा, “हे फरीसियों, तुम कटोरे और थाली को ऊपर-ऊपर तो माँजते हो, परन्तु तुम्हारे भीतर अंधेर और दुष्टता भरी है।
40 You foolish ones, did not he who made the outside make the inside also?
४०हे निर्बुद्धियों, जिसने बाहर का भाग बनाया, क्या उसने भीतर का भाग नहीं बनाया?
41 But give for gifts to the needy those things which are within, and see, all things will be clean to you.
४१परन्तु हाँ, भीतरवाली वस्तुओं को दान कर दो, तब सब कुछ तुम्हारे लिये शुद्ध हो जाएगा।
42 But woe to you Pharisees. For you tithe mint and rue and every herb, but you bypass justice and the love of God. You ought to have done these, and not to have left the other undone.
४२“पर हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भाँति के साग-पात का दसवाँ अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो; चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।
43 Woe to you Pharisees. For you love the best seats in the synagogues, and the greetings in the marketplaces.
४३हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आराधनालयों में मुख्य-मुख्य आसन और बाजारों में नमस्कार चाहते हो।
44 Woe to you. For you are like hidden graves, and the people who walk over them do not know it."
४४हाय तुम पर! क्योंकि तुम उन छिपी कब्रों के समान हो, जिन पर लोग चलते हैं, परन्तु नहीं जानते।”
45 One of the Law scholars answered him, "Teacher, in saying this you insult us also."
४५तब एक व्यवस्थापक ने उसको उत्तर दिया, “हे गुरु, इन बातों के कहने से तू हमारी निन्दा करता है।”
46 He said, "Woe to you Law scholars also. For you load people with burdens that are difficult to carry, and you yourselves won't even lift one finger to help carry those burdens.
४६उसने कहा, “हे व्यवस्थापकों, तुम पर भी हाय! तुम ऐसे बोझ जिनको उठाना कठिन है, मनुष्यों पर लादते हो परन्तु तुम आप उन बोझों को अपनी एक उँगली से भी नहीं छूते।
47 Woe to you. For you build the tombs of the prophets, and your fathers killed them.
४७हाय तुम पर! तुम उन भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें बनाते हो, जिन्हें तुम्हारे पूर्वजों ने मार डाला था।
48 So you are witnesses and consent to the works of your fathers. For they killed them, and you build their tombs.
४८अतः तुम गवाह हो, और अपने पूर्वजों के कामों से सहमत हो; क्योंकि उन्होंने तो उन्हें मार डाला और तुम उनकी कब्रें बनाते हो।
49 Therefore also the wisdom of God said, 'I will send to them prophets and apostles; and some of them they will kill and persecute,
४९इसलिए परमेश्वर की बुद्धि ने भी कहा है, कि मैं उनके पास भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों को भेजूँगी, और वे उनमें से कितनों को मार डालेंगे, और कितनों को सताएँगे।
50 that the blood of all the prophets, which was shed from the foundation of the world, may be required of this generation;
५०ताकि जितने भविष्यद्वक्ताओं का लहू जगत की उत्पत्ति से बहाया गया है, सब का लेखा, इस युग के लोगों से लिया जाए,
51 from the blood of Abel to the blood of Zechariah, who perished between the altar and the sanctuary.' Yes, I tell you, it will be required of this generation.
५१हाबिल की हत्या से लेकर जकर्याह की हत्या तक जो वेदी और मन्दिर के बीच में मारा गया: मैं तुम से सच कहता हूँ; उसका लेखा इसी समय के लोगों से लिया जाएगा।
52 Woe to you Law scholars. For you took away the key of knowledge. You did not enter in yourselves, and those who were entering in, you hindered."
५२हाय तुम व्यवस्थापकों पर! कि तुम नेज्ञान की कुँजीले तो ली, परन्तु तुम ने आप ही प्रवेश नहीं किया, और प्रवेश करनेवालों को भी रोक दिया।”
53 And when he left there, the scribes and the Pharisees began to oppose him bitterly, and to provoke him to speak about many things;
५३जब वह वहाँ से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे,
54 lying in wait for him, seeking to catch him in something he might say, that they might accuse him.
५४और उसकी घात में लगे रहे, कि उसके मुँह की कोई बात पकड़ें।