< Psalms 138 >
1 [By David.] I will give you thanks, LORD, with my whole heart. Before the gods I will sing praises to you.
दावीद की रचना. याहवेह, मैं हृदय की गहराई से आपका स्तवन करूंगा; मैं “देवताओं” के सामने आपका स्तवन करूंगा.
2 I will bow down toward your holy temple, and give thanks to your Name for your loving kindness and for your truth; for you have exalted your Name and your word above all.
आपके पवित्र मंदिर की ओर मुख कर मैं नतमस्तक हूं, आपके करुणा-प्रेम के लिए; आपकी सच्चाई के लिए मैं आपके नाम का आभार मानता हूं; आपने अपने वचन को अपनी महिमा के भी ऊपर ऊंचा किया है.
3 In the day that I called, you answered me. You encouraged me with strength in my soul.
जिस समय मैंने आपको पुकारा, आपने प्रत्युत्तर दिया; आपने मेरे प्राणों में बल के संचार से धैर्य दिया.
4 All the kings of the earth will give you thanks, LORD, for they have heard the words of your mouth.
पृथ्वी के समस्त राजा, याहवेह, आपके कृतज्ञ होंगे, क्योंकि उन्होंने आपके मुख से निकले वचन सुने हैं,
5 Yes, they will sing of the ways of the LORD; for great is the LORD's glory.
वे याहवेह की नीतियों का गुणगान करेंगे, क्योंकि याहवेह का तेज बड़ा है.
6 For though the LORD is high, yet he looks after the lowly; but the proud, he knows from afar.
यद्यपि याहवेह स्वयं महान हैं, वह नगण्यों का ध्यान रखते हैं; किंतु अहंकारी को वह दूर से ही पहचान लेते हैं.
7 Though I walk in the midst of trouble, you will revive me. You will stretch forth your hand against the wrath of my enemies. Your right hand will save me.
यद्यपि इस समय मेरा विषम समय चल रहा है, आप मेरे जीवन के रक्षक हैं. आप ही अपना हाथ बढ़ाकर मेरे शत्रुओं के प्रकोप से मेरी रक्षा करते हैं; आपका दायां हाथ मेरा उद्धार करता है.
8 The LORD will fulfill that which concerns me; your loving kindness, LORD, endures forever. Do not forsake the works of your own hands.
याहवेह मेरे लिए निर्धारित उद्देश्य को पूरा करेंगे; याहवेह, सर्वदा है आपका करुणा-प्रेम. अपनी ही हस्तकृति का परित्याग न कीजिए.