< Exodus 40 >

1 The LORD spoke to Moses, saying,
फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 "On the first day of the first month you shall raise up the tabernacle of the Tent of Meeting.
“पहले महीने के पहले दिन को तू मिलापवाले तम्बू के निवास को खड़ा कर देना।
3 You shall put the ark of the testimony in it, and you shall veil the ark with the curtain.
और उसमें साक्षीपत्र के सन्दूक को रखकर बीचवाले पर्दे की ओट में कर देना।
4 You shall bring in the table, and set in order the things that are on it. You shall bring in the lampstand, and light its lamps.
और मेज को भीतर ले जाकर जो कुछ उस पर सजाना है उसे सजा देना; तब दीवट को भीतर ले जाकर उसके दीपकों को जला देना।
5 You shall set the golden altar for incense before the ark of the testimony, and put the screen of the door to the tabernacle.
और साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सोने की वेदी को जो धूप के लिये है उसे रखना, और निवास के द्वार के पर्दे को लगा देना।
6 You shall set the altar of burnt offering before the door of the tabernacle of the Tent of Meeting.
और मिलापवाले तम्बू के निवास के द्वार के सामने होमवेदी को रखना।
7 You shall set the basin between the Tent of Meeting and the altar, and shall put water in it.
और मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच हौदी को रखकर उसमें जल भरना।
8 You shall set up the court around it, and hang up the screen of the gate of the court.
और चारों ओर के आँगन की कनात को खड़ा करना, और उस आँगन के द्वार पर पर्दे को लटका देना।
9 You shall take the anointing oil, and anoint the tabernacle, and all that is in it, and shall make it holy, and all its furniture: and it will be holy.
और अभिषेक का तेल लेकर निवास का और जो कुछ उसमें होगा सब कुछ का अभिषेक करना, और सारे सामान समेत उसको पवित्र करना; तब वह पवित्र ठहरेगा।
10 You shall anoint the altar of burnt offering, with all its vessels, and sanctify the altar: and the altar will be most holy.
१०सब सामान समेत होमवेदी का अभिषेक करके उसको पवित्र करना; तब वह परमपवित्र ठहरेगी।
11 You shall anoint the basin and its base, and sanctify it.
११पाए समेत हौदी का भी अभिषेक करके उसे पवित्र करना।
12 You shall bring Aaron and his sons to the door of the Tent of Meeting, and shall wash them with water.
१२तब हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जाकर जल से नहलाना,
13 You shall put on Aaron the holy garments; and you shall anoint him, and sanctify him, that he may minister to me in the priest's office.
१३और हारून को पवित्र वस्त्र पहनाना, और उसका अभिषेक करके उसको पवित्र करना कि वह मेरे लिये याजक का काम करे।
14 You shall bring his sons, and put coats on them.
१४और उसके पुत्रों को ले जाकर अंगरखे पहनाना,
15 You shall anoint them, as you anointed their father, that they may minister to me in the priest's office. Their anointing shall be to them for an everlasting priesthood throughout their generations."
१५और जैसे तू उनके पिता का अभिषेक करे वैसे ही उनका भी अभिषेक करना कि वे मेरे लिये याजक का काम करें; और उनका अभिषेक उनकी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये उनके सदा के याजकपद का चिन्ह ठहरेगा।”
16 Moses did so. According to all that the LORD commanded him, so he did.
१६और मूसा ने जो-जो आज्ञा यहोवा ने उसको दी थी उसी के अनुसार किया।
17 It happened in the first month in the second year, on the first day of the month, that the tabernacle was set up.
१७और दूसरे वर्ष के पहले महीने के पहले दिन को निवास खड़ा किया गया।
18 And Moses erected the tabernacle, and put its sockets in place, and set up its hooks and its boards, and put in its bars, and he erected its pillars.
१८मूसा ने निवास को खड़ा करवाया और उसकी कुर्सियाँ धर उसके तख्ते लगाकर उनमें बेंड़े डाले, और उसके खम्भों को खड़ा किया;
19 He spread the covering over the tent, and put the roof of the tabernacle above on it, as the LORD commanded Moses.
१९और उसने निवास के ऊपर तम्बू को फैलाया, और तम्बू के ऊपर उसने ओढ़ने को लगाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
20 He took and put the testimony into the ark, and set the poles on the ark, and put the mercy seat above on the ark.
२०और उसने साक्षीपत्र को लेकर सन्दूक में रखा, और सन्दूक में डंडों को लगाकर उसके ऊपर प्रायश्चित के ढकने को रख दिया;
21 He brought the ark into the tabernacle, and set up the curtain as the screen, and concealed the ark of the testimony, as the LORD commanded Moses.
२१और उसने सन्दूक को निवास में पहुँचाया, और बीचवाले पर्दे को लटकवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को उसके अन्दर किया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
22 He put the table in the Tent of Meeting, on the side of the tabernacle northward, outside of the veil.
२२और उसने मिलापवाले तम्बू में निवास के उत्तर की ओर बीच के पर्दे से बाहर मेज को लगवाया,
23 He set the bread in order on it before the LORD, as the LORD commanded Moses.
२३और उस पर उसने यहोवा के सम्मुख रोटी सजा कर रखी; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
24 He put the lampstand in the Tent of Meeting, opposite the table, on the side of the tabernacle southward.
२४और उसने मिलापवाले तम्बू में मेज के सामने निवास की दक्षिण ओर दीवट को रखा,
25 He lit the lamps before the LORD, as the LORD commanded Moses.
२५और उसने दीपकों को यहोवा के सम्मुख जला दिया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
26 He put the golden altar in the Tent of Meeting before the veil;
२६और उसने मिलापवाले तम्बू में बीच के पर्दे के सामने सोने की वेदी को रखा,
27 and he burnt incense of sweet spices on it, as the LORD commanded Moses.
२७और उसने उस पर सुगन्धित धूप जलाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
28 He put up the screen of the door to the tabernacle.
२८और उसने निवास के द्वार पर पर्दे को लगाया।
29 He set the altar of burnt offering at the door of the tabernacle of the Tent of Meeting, and offered on it the burnt offering and the meal offering, as the LORD commanded Moses.
२९और मिलापवाले तम्बू के निवास के द्वार पर होमवेदी को रखकर उस पर होमबलि और अन्नबलि को चढ़ाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
30 He set the basin between the Tent of Meeting and the altar, and put water in it, with which to wash.
३०और उसने मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच हौदी को रखकर उसमें धोने के लिये जल डाला,
31 Moses, Aaron, and his sons washed their hands and their feet there.
३१और मूसा और हारून और उसके पुत्रों ने उसमें अपने-अपने हाथ पाँव धोए;
32 When they went into the Tent of Meeting, and when they came near to the altar, they washed, as the LORD commanded Moses.
३२और जब जब वे मिलापवाले तम्बू में या वेदी के पास जाते थे तब-तब वे हाथ पाँव धोते थे; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
33 He raised up the court around the tabernacle and the altar, and set up the screen of the gate of the court. So Moses finished the work.
३३और उसने निवास के चारों ओर और वेदी के आस-पास आँगन की कनात को खड़ा करवाया, और आँगन के द्वार के पर्दे को लटका दिया। इस प्रकार मूसा ने सब काम को पूरा किया।
34 Then the cloud covered the Tent of Meeting, and the glory of the LORD filled the tabernacle.
३४तब बादल मिलापवाले तम्बू पर छा गया, और यहोवा का तेज निवास-स्थान में भर गया।
35 Moses wasn't able to enter into the Tent of Meeting, because the cloud stayed on it, and the LORD's glory filled the tabernacle.
३५और बादल मिलापवाले तम्बू पर ठहर गया, और यहोवा का तेज निवास-स्थान में भर गया, इस कारण मूसा उसमें प्रवेश न कर सका।
36 When the cloud was taken up from over the tabernacle, the children of Israel went onward, throughout all their journeys;
३६इस्राएलियों की सारी यात्रा में ऐसा होता था, कि जब जब वह बादल निवास के ऊपर से उठ जाता तब-तब वे कूच करते थे।
37 but if the cloud wasn't taken up, then they did not travel until the day that it was taken up.
३७और यदि वह न उठता, तो जिस दिन तक वह न उठता था उस दिन तक वे कूच नहीं करते थे।
38 For the cloud of the LORD was on the tabernacle by day, and there was fire in the cloud by night, in the sight of all the house of Israel, throughout all their journeys.
३८इस्राएल के घराने की सारी यात्रा में दिन को तो यहोवा का बादल निवास पर, और रात को उसी बादल में आग उन सभी को दिखाई दिया करती थी।

< Exodus 40 >