< Psalms 79 >
1 [A Psalm by Asaph.] God, the nations have come into your inheritance. They have defiled your holy temple. They have laid Jerusalem in heaps.
१आसाप का भजन हे परमेश्वर, अन्यजातियाँ तेरे निज भाग में घुस आईं; उन्होंने तेरे पवित्र मन्दिर को अशुद्ध किया; और यरूशलेम को खण्डहर कर दिया है।
2 They have given the dead bodies of your servants to be food for the birds of the sky, the flesh of your faithful to the animals of the earth.
२उन्होंने तेरे दासों की शवों को आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया, और तेरे भक्तों का माँस पृथ्वी के वन-पशुओं को खिला दिया है।
3 Their blood they have shed like water around Jerusalem. There was no one to bury them.
३उन्होंने उनका लहू यरूशलेम के चारों ओर जल के समान बहाया, और उनको मिट्टी देनेवाला कोई न था।
4 We have become objects of contempt to our neighbors, mocked and ridiculed by those who are around us.
४पड़ोसियों के बीच हमारी नामधराई हुई; चारों ओर के रहनेवाले हम पर हँसते, और ठट्ठा करते हैं।
5 How long, Jehovah? Will you be angry forever? Will your jealousy burn like fire?
५हे यहोवा, कब तक? क्या तू सदा के लिए क्रोधित रहेगा? तुझ में आग की सी जलन कब तक भड़कती रहेगी?
6 Pour out your wrath on the nations that do not know you; on the kingdoms that do not call on your name;
६जो जातियाँ तुझको नहीं जानती, और जिन राज्यों के लोग तुझ से प्रार्थना नहीं करते, उन्हीं पर अपनी सब जलजलाहट भड़का!
7 For they have devoured Jacob, and destroyed his homeland.
७क्योंकि उन्होंने याकूब को निगल लिया, और उसके वासस्थान को उजाड़ दिया है।
8 Do not hold the iniquities of our forefathers against us. Let your tender mercies speedily meet us, for we are in desperate need.
८हमारी हानि के लिये हमारे पुरखाओं के अधर्म के कामों को स्मरण न कर; तेरी दया हम पर शीघ्र हो, क्योंकि हम बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं।
9 Help us, God of our salvation, for the glory of your name. Deliver us, and forgive our sins, for your name's sake.
९हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, अपने नाम की महिमा के निमित्त हमारी सहायता कर; और अपने नाम के निमित्त हमको छुड़ाकर हमारे पापों को ढाँप दे।
10 Why should the nations say, "Where is their God?" Let it be known among the nations, before our eyes, that vengeance for your servants' blood is being poured out.
१०अन्यजातियाँ क्यों कहने पाएँ कि उनका परमेश्वर कहाँ रहा? तेरे दासों के खून का पलटा अन्यजातियों पर हमारी आँखों के सामने लिया जाए।
11 Let the sighing of the prisoner come before you. According to the greatness of your power, free those who are sentenced to death.
११बन्दियों का कराहना तेरे कान तक पहुँचे; घात होनेवालों को अपने भुजबल के द्वारा बचा।
12 Pay back to our neighbors seven times into their lap the insults with which they have insulted you, Jehovah.
१२हे प्रभु, हमारे पड़ोसियों ने जो तेरी निन्दा की है, उसका सात गुणा बदला उनको दे!
13 So we, your people and sheep of your pasture, will give you thanks forever. We will praise you forever, to all generations.
१३तब हम जो तेरी प्रजा और तेरी चराई की भेड़ें हैं, तेरा धन्यवाद सदा करते रहेंगे; और पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा गुणानुवाद करते रहेंगे।