< 1 Thessalonians 1 >
1 Paul, Silvanus, and Timothy, to the church of the Thessalonians in God the Father and the Lord Yeshua Meshikha: Grace to you and peace.
पौलुस और सिलास और तीमुथियुस की तरफ़ से थिस्सलुनीकियों शहर की कलीसिया के नाम ख़त, जो ख़ुदा बाप और ख़ुदा वन्द ईसा मसीह में है, फ़ज़ल और इत्मीनान तुम्हें हासिल होता रहे।
2 We always give thanks to God for all of you, mentioning you in our prayers,
तुम सब के बारे में हम ख़ुदा का शुक्र बजा लाते हैं और अपनी दु'आओं में तुम्हें याद करते हैं।
3 remembering without ceasing your work of faith and labor of love and patience of hope in our Lord Yeshua Meshikha, before our God and Father.
और अपने ख़ुदा और बाप के हज़ूर तुम्हारे ईमान के काम और मुहब्बत की मेहनत और उस उम्मीद के सब्र को बिला नाग़ा याद करते हैं जो हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह की वजह से है।
4 We know, brothers loved by God, that you are chosen,
और ऐ भाइयों! ख़ुदा के प्यारों हम को मा'लूम है; कि तुम चुने हुए हो।
5 and that our Good News came to you not in word only, but also in power, and in the Rukha d'Qudsha, and with much assurance. You know what kind of persons we showed ourselves to be among you for your sake.
इसलिए कि हमारी ख़ुशख़बरी तुम्हारे पास न फ़क़त लफ़ज़ी तौर पर पहुँची बल्कि क़ुदरत और रूह — उल — क़ुद्दूस और पूरे यक़ीन के साथ भी चुनाँचे तुम जानते हो कि हम तुम्हारी ख़ातिर तुम में कैसे बन गए थे।
6 You became imitators of us, and of the Lord, having received the word in much affliction, with joy of the Rukha d'Qudsha,
और तुम कलाम को बड़ी मुसीबत में रूह — उल — क़ुद्दूस की ख़ुशी के साथ क़ुबूल करके हमारी और ख़ुदावन्द की मानिन्द बने।
7 so that you became an example to all who believe in Macedonia and in Achaia.
यहाँ तक कि मकिदुनिया और अख़िया के सब ईमानदारों के लिए नमूना बने।
8 For from you the word of the Lord has been declared, not only in Macedonia and Achaia, but also in every place your faith toward God has gone out; so that we do not need to say anything.
क्यूँकि तुम्हारे हाँ से न फ़क़त मकिदुनिया और अख़िया में ख़ुदावन्द के कलाम का चर्चा फैला है, बल्कि तुम्हारा ईमान जो ख़ुदा पर है हर जगह ऐसा मशहूर हो गया है कि हमारे कहने की कुछ ज़रुरत नहीं।
9 For they themselves report concerning us what kind of a reception we had from you; and how you turned to God from idols, to serve a living and true God,
इसलिए कि वो आप हमारा ज़िक्र करते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ और तुम बुतों से फिर कर ख़ुदा की तरफ़ मुख़ातिब हुए ताकि ज़िन्दा और हक़ीक़ी ख़ुदा की बन्दगी करो।
10 and to wait for his Son from heaven, whom he raised from the dead—Yeshua, who delivers us from the wrath to come.
और उसके बेटे के आसमान पर से आने के इन्तिज़ार में रहो, जिसे उस ने मुर्दों में से जिलाया या'नी ईसा मसीह के जो हम को आने वाले ग़ज़ब से बचाता है।