< 1 Corinthians 9 >

1 Am I not free? Am I not an apostle? Have I not seen Jesus our Lord? Are you not my work in the Lord?
क्या मैं स्वतंत्र नहीं? क्या मैं प्रेरित नहीं? क्या मैंने यीशु को जो हमारा प्रभु है, नहीं देखा? क्या तुम प्रभु में मेरे बनाए हुए नहीं?
2 Even if I am not an apostle to others, to you at least I am; for you are the seal of my apostleship in the Lord.
यदि मैं औरों के लिये प्रेरित नहीं, फिर भी तुम्हारे लिये तो हूँ; क्योंकि तुम प्रभु में मेरी प्रेरिताई पर छाप हो।
3 This is my reply to my critics.
जो मुझे जाँचते हैं, उनके लिये यही मेरा उत्तर है।
4 Have I no right to claim food and drink?
क्या हमें खाने-पीने का अधिकार नहीं?
5 Have I no right to take a believing wife with me on my journey, as the rest of the apostles and the Lord’s brothers and Peter do?
क्या हमें यह अधिकार नहीं, कि किसी मसीही बहन को विवाह करके साथ लिए फिरें, जैसा अन्य प्रेरित और प्रभु के भाई और कैफा करते हैं?
6 Are we the only ones, Barnabas and I, who have no right to give up manual labor?
या केवल मुझे और बरनबास को ही जीवन निर्वाह के लिए काम करना चाहिए।
7 What soldier ever serves at his own expense? What farmer ever plants a vineyard and his flock and does not taste the milk?
कौन कभी अपनी गिरह से खाकर सिपाही का काम करता है? कौन दाख की बारी लगाकर उसका फल नहीं खाता? कौन भेड़ों की रखवाली करके उनका दूध नहीं पीता?
8 Am I saying this on human authority only, or does not the Law also say the same?
क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूँ?
9 Yea, in the Law of Moses it is written, Thou shalt not muzzle an ox while he is treading out the grain.
क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती? क्योंकि मूसा की व्यवस्था में लिखा है “दाँवते समय चलते हुए बैल का मुँह न बाँधना।” क्या परमेश्वर बैलों ही की चिन्ता करता है?
10 Is it the oxen that God is thinking about, or is it really said for our sakes? It was written for us; because the plowman ought to plow in hope, and the thresher in hope of getting a share of the crop.
१०या विशेष करके हमारे लिये कहता है। हाँ, हमारे लिये ही लिखा गया, क्योंकि उचित है, कि जोतनेवाला आशा से जोते, और दाँवनेवाला भागी होने की आशा से दाँवनी करे।
11 If I have sown for you the seeds of spiritual good, is it a great thing if I reap from you temporal goods?
११यदि हमने तुम्हारे लिये आत्मिक वस्तुएँ बोईं, तो क्या यह कोई बड़ी बात है, कि तुम्हारी शारीरिक वस्तुओं की फसल काटें।
12 If others share this authority over you, do not I far more? Yet I have not availed myself of it, but am patiently enduring; so that I may not in any way hinder the progress of Christ’s gospel.
१२जब औरों का तुम पर यह अधिकार है, तो क्या हमारा इससे अधिक न होगा? परन्तु हम यह अधिकार काम में नहीं लाए; परन्तु सब कुछ सहते हैं, कि हमारे द्वारा मसीह के सुसमाचार की कुछ रोक न हो।
13 You know, do you not, that those who minister in the temple, and those who serve at the altar, get their portion of the sacrifices?
१३क्या तुम नहीं जानते कि जो मन्दिर में सेवा करते हैं, वे मन्दिर में से खाते हैं; और जो वेदी की सेवा करते हैं; वे वेदी के साथ भागी होते हैं?
14 Even so the Lord ordained that those who proclaim the gospel should get their living by the gospel.
१४इसी रीति से प्रभु ने भी ठहराया, कि जो लोग सुसमाचार सुनाते हैं, उनकी जीविका सुसमाचार से हो।
15 But for my part, I have never availed myself of any of these rights. I do not say this to bring it about in my own case. I would rather die than let any one make void this boast of mine.
१५परन्तु मैं इनमें से कोई भी बात काम में न लाया, और मैंने तो ये बातें इसलिए नहीं लिखीं, कि मेरे लिये ऐसा किया जाए, क्योंकि इससे तो मेरा मरना ही भला है; कि कोई मेरा घमण्ड व्यर्थ ठहराए।
16 Proclaiming the gospel gives me no ground of boasting; for necessity is laid upon me; woe is me if I preach not the gospel.
१६यदि मैं सुसमाचार सुनाऊँ, तो मेरा कुछ घमण्ड नहीं; क्योंकि यह तो मेरे लिये अवश्य है; और यदि मैं सुसमाचार न सुनाऊँ, तो मुझ पर हाय!
17 For if I do this of my own accord, I have my pay; but if unwilling, I have at least discharged my stewardship.
१७क्योंकि यदि अपनी इच्छा से यह करता हूँ, तो मजदूरी मुझे मिलती है, और यदि अपनी इच्छा से नहीं करता, तो भी भण्डारीपन मुझे सौंपा गया है।
18 What then is my wage? This, that I can make the gospel free where I carry it; and that I can refrain from using my rights as a preacher of the gospel.
१८तो फिर मेरी कौन सी मजदूरी है? यह कि सुसमाचार सुनाने में मैं मसीह का सुसमाचार सेंत-मेंत कर दूँ; यहाँ तक कि सुसमाचार में जो मेरा अधिकार है, उसको मैं पूरी रीति से काम में लाऊँ।
19 Though free from all men, I make myself the slave of all, that I may win the more.
१९क्योंकि सबसे स्वतंत्र होने पर भी मैंने अपने आपको सब का दास बना दिया है; कि अधिक लोगों को खींच लाऊँ।
20 To the Jews I am become like a Jew, that I may win Jews; to those under the Law, like one under the Law, though I am not under the Law, myself;
२०मैं यहूदियों के लिये यहूदी बना कि यहूदियों को खींच लाऊँ, जो लोग व्यवस्था के अधीन हैं उनके लिये मैं व्यवस्था के अधीन न होने पर भी व्यवस्था के अधीन बना, कि उन्हें जो व्यवस्था के अधीन हैं, खींच लाऊँ।
21 to those outside the Law, as one outside the Law, to win those outside the Law (though I am not outside the law of God, but inside the law of Christ).
२१व्यवस्थाहीनों के लिये मैं (जो परमेश्वर की व्यवस्था से हीन नहीं, परन्तु मसीह की व्यवस्था के अधीन हूँ) व्यवस्थाहीन सा बना, कि व्यवस्थाहीनों को खींच लाऊँ।
22 I am become weak to the weak, to win the weak. I am become all these things to all men that, by any and by all means, I may save some.
२२मैं निर्बलों के लिये निर्बल सा बना, कि निर्बलों को खींच लाऊँ, मैं सब मनुष्यों के लिये सब कुछ बना हूँ, कि किसी न किसी रीति से कई एक का उद्धार कराऊँ।
23 And I am doing it all for the gospel’s sake, that I may become a copartner in it.
२३और मैं सब कुछ सुसमाचार के लिये करता हूँ, कि औरों के साथ उसका भागी हो जाऊँ।
24 Do you not know that in a foot-race, though all run, only one receives the prize? So run that you may win.
२४क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है? तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
25 Every man who contends in the games continually trains himself by all manner of self-restraint. Now they do it to get a fading garland, but we, one that is unfading.
२५और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुर्झानेवाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुर्झाने का नहीं।
26 For my part, then, I run with no wavering to the goal. I box not as one beating the air,
२६इसलिए मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूँ, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूँ, परन्तु उसके समान नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
27 but I bruise my body and keep it in subjection, lest having called others to the contest, I should myself be disqualified.
२७परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूँ; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूँ।

< 1 Corinthians 9 >