< Mark 16 >
1 When the Sabbath was past, Mary the Magdalene, Mary the mother of James, and Salome, bought spices that they might embalm Jesus.
शब्बाथ समाप्त होते ही मगदालावासी मरियम, याकोब की माता मरियम तथा शालोमे ने मसीह येशु के शरीर को तेल से अभिषेक के उद्देश्य से सुगंध द्रव्य मोल लिए.
2 And early in the morning, the first day of the week, they came to the tomb about sunrise.
सप्ताह के पहले दिन भोर के समय जब सूर्य उदय हो ही रहा था, वे कब्र की गुफ़ा पर आ गईं.
3 And they said among themselves, Who will roll away the stone for us from the entrance of the tomb? (for it was very large.)
वे आपस में यह विचार कर रही थी, “कब्र के द्वार पर से हमारे लिए पत्थर कौन हटाएगा?”
4 But when they looked, they saw that the stone had been rolled away.
किंतु जब उन्होंने कब्र की ओर दृष्टि की तो पाया कि कब्र द्वार पर से पत्थर लुढ़का हुआ था, जबकि वह बहुत बड़ा था.
5 Then entering the tomb, they beheld a youth sitting on the right side, clothed in a white robe, and they were frightened.
कब्र में प्रवेश करने पर उन्होंने दायीं ओर एक युवा व्यक्ति को बैठे हुए देखा, जो उज्जवल, सफ़ेद वस्त्रों में था. वे हैरान रह गईं.
6 But he said to them, Be not frightened; you seek Jesus the Nazarene, who was crucified. He is risen, he is not here: behold the place where they laid him.
उस व्यक्ति ने उन्हें बुलाकर कहा, “आश्चर्य मत कीजिए. आप यहां नाज़रेथवासी येशु को, जिन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया था, खोज रही हैं. वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. वह यहां नहीं है. यह देखिए, यही है वह जगह, जहां उन्हें रखा गया था.
7 But go, say to his disciples, and to Peter, He is gone before you to Galilee; where you shall see him, as he told you.
मगर अब उनके शिष्यों और पेतरॉस को यह सूचना दे दीजिए कि वह उनके पहले ही गलील प्रदेश पहुंच जाएंगे. उनसे आपकी भेंट वहीं होगी—ठीक वैसा ही जैसा उन्होंने कहा था.”
8 The women then getting out, fled from the tomb, seized with trembling and consternation; but said nothing to any one, they were so terrified.
कांपते हुए तथा भौंचक्का वे बाहर आईं और कब्र की गुफ़ा से भागीं. डर के कारण उन्होंने किसी से कुछ न कहा.
9 (note: The most reliable and earliest manuscripts do not include Mark 16:9-20.) Jesus having arisen early the first day of the week, appeared first to Mary the Magdalene, out of whom he had cast seven demons.
(note: The most reliable and earliest manuscripts do not include Mark 16:9-20.) जब सप्ताह के पहले दिन तड़के मसीह येशु जीवित हुए, उन्होंने सबसे पहले स्वयं को मगदालावासी मरियम पर प्रकट किया, जिसमें से उन्होंने सात दुष्टात्माओं को निकाला था.
10 She went and informed those who had attended him, who were in affliction and tears.
उसने जाकर विलाप तथा रोते हुए अपने साथियों को इसका समाचार दिया.
11 But when they heard that he was alive, and had been seen by her, they did not believe it.
उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया कि मसीह येशु अब जीवित हैं तथा मरियम ने उन्हें देखा है.
12 Afterward he appeared in another form to two of them, as they traveled on foot into the country.
इसके बाद मसीह येशु दो अन्यों पर भी, जब वे अपने गांव की ओर जा रहे थे, प्रकट हुए.
13 These being returned, informed the other disciples, but neither did they believe him.
इन्होंने जाकर अन्यों को भी इस विषय में बताया किंतु उन्होंने भी इस पर विश्वास न किया.
14 At length he appeared to the eleven, as they were eating, and reproached them with their incredulity and obstinacy, in disbelieving those who had seen him after his resurrection.
तब वह ग्यारह शिष्यों पर भी प्रकट हुए. वे सब चौकी पर बैठे हुए थे. उन्होंने शिष्यों के अविश्वास तथा मन की कठोरता की उल्लाहना की क्योंकि उन्होंने उनके जीवित होने के बाद देखनेवालों का विश्वास नहीं किया था.
15 And he said unto them, Go throughout all the world, proclaim the glad tidings to the whole creation.
मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिया, “सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि में सुसमाचार का प्रचार करो.
16 He who shall believe, and be immersed, shall be saved; but he who shall not believe, shall be condemned.
वह, जिसने विश्वास किया है तथा जिसका बपतिस्मा हो चुका है, बचा रहेगा; किंतु वह, जिसने विश्वास नहीं किया है, दंडित होगा.
17 And these miraculous powers shall attend the believers: -- In my name they shall expel demons. They shall speak in languages unknown to them before.
जिन्होंने विश्वास किया है, उन्हें ये अद्भुत चमत्कार चिह्न दिखाने की क्षमता प्रदान की जाएगी: मेरे नाम में वे दुष्टात्माओं को निकालेंगे, वे अन्य भाषाओं में बातें करेंगे,
18 They shall handle serpents with safety. And if they drink poison, it shall not hurt them. They shall cure the sick by laying their hands upon them.
वे सांपों को अपने हाथों में ले लेंगे, घातक विष पी लेने पर भी उनकी कोई हानि न होगी और वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और वे स्वस्थ हो जाएंगे.”
19 Now, after the Lord had spoken to them, he was taken up into heaven, and sat down at the right hand of God.
प्रभु येशु जब उनसे यह कह चुके, वह स्वर्ग में उठा लिए गए. वहां वह परमेश्वर की दायीं ओर बैठ गए.
20 As for them, they went out and proclaimed the tidings everywhere, the Lord co-operating with them, and confirming their doctrine by the miracles with which it was accompanied.
शिष्य लौट गए तथा सभी जगह इसकी घोषणा की. प्रभु उनके साथ सक्रिय थे तथा वह अपनी प्रतिज्ञा की सच्चाई अद्भुत चमत्कारों के द्वारा करते रहे.