< Galatians 2 >
1 Then, fourteen years after, I went up again to Jerusalem with Barnabas; taking Titus with me also.
तब चौदह वर्ष बाद, मैं बारनबास के साथ दोबारा येरूशलेम गया. इस समय मैं तीतॉस को भी अपने साथ ले गया.
2 And I went up by revelation; and communicated to them the gospel which I proclaimed to the Gentiles; but privately to them who were of reputation; lest, perhaps, I should run, or had run in vain.
मैं एक ईश्वरीय प्रकाशन के उत्तर में वहां गया था और मैंने उनको वही ईश्वरीय सुसमाचार दिया, जिसका प्रचार मैं गैर-यहूदियों के बीच कर रहा हूं किंतु गुप्त रूप से, केवल नामी व्यक्तियों के बीच ही—इस भय से कि कहीं मेरी पिछली दौड़-धूप व्यर्थ न हो जाए.
3 However, neither Titus, who was with me, though a Greek, was compelled to be circumcised,
किसी ने भी मेरे साथी तीतॉस को ख़तना के लिए बाध्य नहीं किया, यद्यपि वह यूनानी है.
4 even on account of the false brethren secretly introduced; (who came in privily to spy out our liberty, which we have by Jesus Christ, that they might bring us into bondage; )
यह प्रश्न उन पाखंडियों के कारण उठा था, जो हमारे बीच चुपके से घुस आए थे कि मसीह येशु में हमारी स्वतंत्रता का भेद लें और हमें दासत्व में डाल दें.
5 nor did we give place to them by submission, not even for an hour, that the truth of the gospel might remain with you.
हम एक क्षण के लिए भी उनके आगे न झुके कि तुममें विद्यमान ईश्वरीय सुसमाचार की सच्चाई सुरक्षित रहे.
6 Besides, from them who were of reputation, I received nothing; (whatever they were formerly, is no matter to me: God respects not a man's appearance. For they who were of reputation, communicated nothing to me.)
इसका मेरे लिए कोई महत्व नहीं कि वे, जो नामी थे, पहले क्या थे; परमेश्वर भेद-भाव करनेवाला नहीं हैं, मेरे संदेश में उन नामी व्यक्तियों का कोई योगदान नहीं था.
7 But, on the contrary, perceiving that I was intrusted with the gospel of the uncircumcision, just as Peter was with that of the circumcision;
इसके विपरीत जब उन्होंने यह देखा कि अख़तनितों के लिए ईश्वरीय सुसमाचार मुझे उसी प्रकार सौंपा गया जिस प्रकार ख़तनितों के लिए पेतरॉस को,
8 (for he who wrought effectually in Peter for the apostleship of the circumcision, also wrought effectually in me for the Gentiles):
क्योंकि जिस परमेश्वर ने ख़तनितों के बीच पेतरॉस की प्रेरिताई की सेवा में प्रभावशाली रीति से काम किया, उन्होंने अख़तनितों के बीच प्रेरिताई की सेवा में मुझमें भी प्रभावशाली रीति से काम किया.
9 even James, and Cephas, and John, who seemed to be pillars, having perceived the favor granted to me, gave to me and Barnabas the right hands of fellowship; that we, indeed, should go to the Gentiles, and they to the circumcision;
मुझे मिले अनुग्रह को पहचानकर याकोब, कैफ़स तथा योहन ने, जो कलीसिया के स्तंभ के रूप में जाने जाते थे, बारनबास और मेरी ओर सहभागिता का दायां हाथ बढ़ाया कि हम गैर-यहूदियों में और वे ख़तनितों में जाएं.
10 requesting only, that we would remember the poor, which very thing I had also been diligent to do.
उन्होंने हमसे सिर्फ यही विनती की कि हम निर्धनों की अनदेखी न करें—ठीक यही तो मैं भी चाहता था!
11 Moreover, when Peter came to Antioch, I opposed him to his face, because he was to be blamed.
जब कैफ़स अंतियोख़ नगर आए, मैंने उनके मुख पर उनका विरोध किया क्योंकि उनकी गलती साफ़-साफ़ थी.
12 For, before certain persons came from James, he did eat with the Gentiles; but when they were come, he withdrew, and separated himself, being afraid of them of the circumcision.
याकोब की ओर से कुछ लोगों के आने से पहले तो वह गैर-यहूदियों के साथ खान-पान में सम्मिलित होते थे किंतु याकोब के लोगों के यहां आने पर वह ख़तनितों के समूह के भय से अलग होकर गैर-यहूदियों से दूरी रखने लगे.
13 And the other Jews also dissembled with them, insomuch that even Barnabas was carried away with their dissimulation.
बाकी यहूदी भी उनके साथ इस कपट में शामिल हो गए, यहां तक कि बारनबास भी.
14 But when I saw that they did not walk uprightly, according to the truth of the gospel, I said to Peter, before them all--If you, being a Jew, live after the manner of the Gentiles, and not after the manner of the Jews, why do you compel the Gentiles to Judaize?
जब मैंने यह देखा कि उनका स्वभाव ईश्वरीय सुसमाचार के भेद के अनुसार नहीं है, मैंने सबके सामने कैफ़स से कहा, “यदि स्वयं यहूदी, होकर आपका स्वभाव यहूदियों के समान नहीं परंतु गैर-यहूदियों के समान है, तो आप गैर-यहूदियों को यहूदियों जैसे स्वभाव के लिए बाध्य कैसे कर सकते हो?
15 We, who are Jews by nature, and not sinners of the Gentiles,
“आप और मैं जन्म से यहूदी हैं—गैर-यहूदियों के पापी वंशज नहीं.
16 knowing that man is not justified by works of law, but only through the faith of Jesus Christ; even we have believed in Jesus Christ, that we may be justified by the faith of Christ, and not by works of law; for by works of law no flesh shall be justified.
फिर भी हम यह जानते हैं कि परमेश्वर की दृष्टि में मनुष्य मात्र मसीह येशु में विश्वास करने के द्वारा ही धर्मी ठहरता है, न कि व्यवस्था का पालन करने के द्वारा, इसलिये हमने भी मसीह येशु में विश्वास किया कि हम मसीह में विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहराए जाएं, न कि व्यवस्था का पालन करने के द्वारा—क्योंकि व्यवस्था का पालन करने से कोई भी मनुष्य धर्मी ठहराया नहीं जाता.
17 But if seeking to be justified by Christ, even we ourselves are found sinners, is Christ, then, the minister of sin? By no means.
“किंतु, यदि हम मसीह में धर्मी ठहराए जाने के लिए प्रयास करने पर भी पापी ही पाए जाते हैं, तो क्या मसीह पाप के पालन पोषण करनेवाले हैं? बिलकुल नहीं!
18 For if I build again those things which I destroyed, I constitute myself a transgressor.
यदि मैं उसी को दोबारा बनाता हूं, जिसे मैंने गिरा दिया था, तो मैं स्वयं को ही अपराधी साबित करता हूं.
19 Besides, I, through law, have died to law, that I might live to God.
“क्योंकि व्यवस्था के द्वारा मैं व्यवस्था के लिए मर गया कि मैं परमेश्वर के लिए जीऊं.
20 I am crucified together with Christ. Nevertheless, I live; yet not longer I, but Christ lives in me: for the life which I now live in the flesh, I live by the faith which is of the Son of God, who loved me, and gave himself for me.
मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया जा चुका हूं. अब से वह, जो जीवित है, मैं नहीं परंतु मसीह हैं, जो मुझमें जीवित हैं. अब वह जीवन, जो मैं शरीर में जी रहा हूं, परमेश्वर के पुत्र में विश्वास करते हुए जी रहा हूं, जिन्होंने मुझसे प्रेम किया और स्वयं को मेरे लिए बलिदान कर दिया.
21 I do not set aside the favor of God. For if righteousness is through law, then certainly Christ has died in vain.
मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं कर रहा, क्योंकि यदि व्यवस्था धार्मिकता का कारण होता, तब मसीह का प्राण त्यागना व्यर्थ हो जाता!”