< Psalms 97 >

1 YHWH has reigned, The earth is joyful, many islands rejoice.
यहोवा राजा हुआ है, पृथ्वी मगन हो; और द्वीप जो बहुत से हैं, वह भी आनन्द करें!
2 Cloud and darkness [are] around Him, Righteousness and judgment the basis of His throne.
बादल और अंधकार उसके चारों ओर हैं; उसके सिंहासन का मूल धर्म और न्याय है।
3 Fire goes before Him, And burns around His adversaries.
उसके आगे-आगे आग चलती हुई उसके विरोधियों को चारों ओर भस्म करती है।
4 His lightnings have lightened the world, The earth has seen, and is pained.
उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है!
5 Hills, like wax, melted before YHWH, Before the Lord of all the earth.
पहाड़ यहोवा के सामने, मोम के समान पिघल गए, अर्थात् सारी पृथ्वी के परमेश्वर के सामने।
6 The heavens declared His righteousness, And all the peoples have seen His glory.
आकाश ने उसके धर्म की साक्षी दी; और देश-देश के सब लोगों ने उसकी महिमा देखी है।
7 All servants of a carved image are ashamed, Those boasting themselves in idols, Bow yourselves to Him, all you gods.
जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत् करो।
8 Zion has heard and rejoices, And daughters of Judah are joyful, Because of Your judgments, O YHWH.
सिय्योन सुनकर आनन्दित हुई, और यहूदा की बेटियाँ मगन हुई; हे यहोवा, यह तेरे नियमों के कारण हुआ।
9 For You, YHWH, [are] Most High over all the earth, You have been exalted greatly over all gods.
क्योंकि हे यहोवा, तू सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है; तू सारे देवताओं से अधिक महान ठहरा है।
10 You who love YHWH, hate evil, He is keeping the souls of His saints, He delivers them from the hand of the wicked.
१०हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो; वह अपने भक्तों के प्राणों की रक्षा करता, और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है।
11 Light [is] sown for the righteous, And joy for the upright of heart.
११धर्मी के लिये ज्योति, और सीधे मनवालों के लिये आनन्द बोया गया है।
12 Rejoice, you righteous, in YHWH, And give thanks at the remembrance of His holiness!
१२हे धर्मियों, यहोवा के कारण आनन्दित हो; और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो!

< Psalms 97 >