< Obadiah 1 >

1 Thus said Lord YHWH to Edom (We have heard a report from YHWH, And an ambassador among nations was sent, “Rise, indeed, let us rise against her for battle”):
'अबदियाह का ख़्वाब; हम ने ख़ुदावन्द से यह ख़बर सुनी, और क़ौमों के बीच क़ासिद यह पैग़ाम ले गया: कि चलो उस पर हमला करें। खु़दावन्द खु़दा अदोम के बारे में यूँ फ़रमाता है।
2 “Behold, I have made you little among nations, You [are] despised exceedingly.
कि देख मैंने तुझे क़ौमों के बीच हक़ीर कर दिया है, तू बहुत ज़लील है।
3 The pride of your heart has lifted you up, O dweller in clefts of a rock (A high place [is] his habitation, He is saying in his heart: Who brings me down [to] earth?)
ऐ चट्टानों के शिगाफ़ों में रहने वाले, तेरे दिल के घमंड ने तुझे धोका दिया है; तेरा मकान ऊँचा है और तू दिल में कहता है, कौन मुझे नीचे उतारेगा?
4 If you go up high as an eagle, And if you set your nest between stars, From there I bring you down,” A declaration of YHWH.
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, अगरचे तू 'उक़ाब की तरह ऊँची परवाज़ हो और सितारों में अपना आशियाना बनाए, तोभी मैं तुझे वहाँ से नीचे उतारूँगा।
5 “If thieves have come in to you, If spoilers of the night, How have you been cut off! Do they not steal their sufficiency? If gatherers have come in to you, Do they not leave gleanings?
अगर तेरे घर में चोर आएँ, या रात को डाकू आ घुसें, तेरी कैसी बर्बादी है तो क्या वह हस्ब — ए — ख़्वाहिश ही न लेंगे? अगर अंगूर तोड़ने वाले तेरे पास आएँ, तो क्या कुछ दाने बाक़ी न छोड़ेंगे?
6 How has Esau been searched out! His hidden things have flowed out,
'ऐसौ का माल कैसा ढूँड निकाला गया, और उसके छुपे हुए ख़ज़ानों की कैसी तलाश हुई!
7 All your allies have sent you to the border, Forgotten you, prevailed over you, have your friends, They make your bread a snare under you, There is no understanding in him!
तेरे सब हिमायतियों ने तुझे सरहद तक हाँक दिया है, और उन लोगों ने जो तुझ से मेल रखते थे तुझे धोका दिया और मग़लूब किया, और उन्होंने जो तेरी रोटी खाते थे, तेरे नीचे जाल बिछाया; उसमें थोड़े भी होशियार नहीं।
8 Is it not in that day,” a declaration of YHWH, “That I have destroyed the wise out of Edom, And understanding out of the mountain of Esau?
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं उस दिन अदोम से होशियारों को और 'अक़्लमन्दी को पहाड़ी — ए — 'ऐसौ से हलाक न करूँगा?
9 And your mighty ones have been broken down, O Teman, So that everyone of the mountain of Esau is cut off.
ऐ तीमान, तेरे बहादुर घबरा जाएँगे, यहाँ तक के पहाड़ी — ए — 'ऐसौ के रहने वालों में से हर एक काट डाला जाएगा।
10 For slaughter, for violence [to] your brother Jacob, Shame covers you, And you have been cut off for all time.
उस क़त्ल की वजह और उस जु़ल्म की वजह से जो तू ने अपने भाई या'क़ूब पर किया है, तू शर्मिन्दगी से भरपूर और हमेशा के लिए बर्बाद होगा।
11 In the day of your standing aloof from the opposite [side], In the day of strangers taking his force captive, And foreigners have entered his gates, And have cast a lot for Jerusalem, Even you [are] as one of them!
जिस दिन तू उसके मुख़ालिफ़ों केसाथ खड़ा था, जिस दिन अजनबी उसके लश्कर को ग़ुलाम करके ले गए और बेगानों ने उसके फाटकों से दाखि़ल होकर येरूशलेम पर पर्ची डाली, तू भी उनके साथ था
12 And—you do not look on the day of your brother, On the day of his alienation, Nor do you rejoice over sons of Judah, In the day of their destruction, Nor make your mouth great in a day of distress.
तुझे ज़रूरी न था कि तू उस दिन अपने भाई की जिलावतनी को खड़ा देखता रहता, और बनी यहूदाह की हलाकत के दिन ख़ुश होता और मुसीबत के रोज़ बड़ी ज़ुबान बकता।
13 Nor come into a gate of My people in a day of their calamity, Nor look, even you, on its misfortune in a day of its calamity, Nor send forth against its force in a day of its calamity,
तुझे मुनासिब न था कि तू मेरे लोगों की मुसीबत के दिन उनके फाटकों में घुसता, और उनकी मुसीबत के रोज़ उनकी बदहाली को खड़ा देखता रहता, और उनके लशकर पर हाथ बढ़ाता।
14 Nor stand by the breach to cut off its escaped, Nor deliver up its remnant in a day of distress.
तुझे ज़रूरी न था कि घाटी में खड़ा होकर, उसके फ़रारियों को क़त्ल करता, और उस दुख के दिन में उसके बाक़ी थके लोगों को हवाले करता।
15 For near [is] the Day of YHWH, on all the nations, As you have done, it is done to you, Your deed turns back on your own head.
क्यूँकि सब क़ौमों पर ख़ुदावन्द का दिन आ पहुँचा है। जैसा तू ने किया है, वैसा ही तुझ से किया जाएगा। तेरा किया तेरे सिर पर आएगा।
16 For—as you have drunk on My holy mountain, All the nations drink continually, And they have drunk and have swallowed, And they have been as [if] they have not been.
क्यूँकि जिस तरह तुम ने मेरे कोह — ए — मुक़द्दस पर पिया, उसी तरह सब कौमें पिया करेंगी, हाँ पीती और निगलती रहेगी; और वह ऐसी होंगी जैसे कभी थीं ही नहीं।
17 And in Mount Zion there is an escape, And it has been holy, And the house of Jacob has possessed their possessions.
लेकिन जो बच निकलेंगे सिय्यून पहाड़ी पर रहेंगे, और वह पाक होगा और या'क़ूब का घराना अपनी मीरास पर क़ाबिज़ होगा।
18 And the house of Jacob has been a fire, And the house of Joseph a flame, And the house of Esau for stubble, And they have burned among them, And they have consumed them, And there is not a remnant to the house of Esau,” For YHWH has spoken.
तब या'क़ूब का घराना आग होगा, और यूसुफ़ का घराना शो'ला, और 'ऐसौ का घराना फूस; और वह उसमें भड़केंगे और उसको खा जाएँगे, और 'ऐसौ के घराने में से कोई न बचेगा; क्यूँकि ये ख़ुदावन्द का फ़रमान है।
19 And they have possessed the south with the mountain of Esau, And the low country with the Philistines, And they have possessed the field of Ephraim, And the field of Samaria, And Benjamin with Gilead.
और दख्खिन के रहने वाले पहाड़ी — ए — 'ऐसौ, और मैदान के रहने वाले फ़िलिस्तीन के मालिक होंगे; और वह इफ़्राईम और सामरिया के खेतों पर काबिज़ होंगे, और बिनयमीन जिलआद का वारिस होगा।
20 And the expulsion of this force of the sons of Israel, That [is with] the Canaanites to Zarephat, And the expulsion of Jerusalem that [is] with the Sepharad, Possess the cities of the south.
और बनी — इस्राईल के लशकर के सब ग़ुलाम, जो कना'नियों में सारपत तक हैं, और येरूशलेम के ग़ुलाम जो सिफ़ाराद में हैं, दखिन के शहरों पर क़ाबिज़ हो जाएँगे।
21 And saviors have gone up on Mount Zion, To judge the mountain of Esau, And the kingdom has been to YHWH!
और रिहाई देने वाले सिय्यून की पहाड़ी पर चढ़ेंगे ताकि पहाड़ी — ए — 'ऐसौ की 'अदालत करें, और बादशाही ख़ुदावन्द की होगी।

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