< Joshua 14 >
1 And these [are] they of the sons of Israel who inherited in the land of Canaan, whom Eleazar the priest, and Joshua son of Nun, and the heads of the fathers of the tribes of the sons of Israel, caused to inherit;
१जो-जो भाग इस्राएलियों ने कनान देश में पाए, उन्हें एलीआजर याजक, और नून के पुत्र यहोशू, और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों ने उनको दिया वे ये हैं।
2 their inheritance [is] by lot, as YHWH commanded by the hand of Moses, for the nine tribes and the half-tribe;
२जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा साढ़े नौ गोत्रों के लिये दी थी, उसके अनुसार उनके भाग चिट्ठी डाल डालकर दिए गए।
3 for Moses has given the inheritance of two of the tribes, and of half of the tribe, beyond the Jordan, and he has not given an inheritance to the Levites in their midst;
३मूसा ने तो ढाई गोत्रों के भाग यरदन पार दिए थे; परन्तु लेवियों को उसने उनके बीच कोई भाग न दिया था।
4 for the sons of Joseph have been two tribes, Manasseh and Ephraim, and they have not given a portion to the Levites in the land, except cities to dwell in, and their outskirts for their livestock, and for their possessions;
४यूसुफ के वंश के तो दो गोत्र हो गए थे, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम; और उस देश में लेवियों को कुछ भाग न दिया गया, केवल रहने के नगर, और पशु आदि धन रखने को चराइयाँ उनको मिलीं।
5 as YHWH commanded Moses, so the sons of Israel have done, and they apportion the land.
५जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने किया; और उन्होंने देश को बाँट लिया।
6 And the sons of Judah come near to Joshua in Gilgal, and Caleb son of Jephunneh the Kenezzite says to him, “You have known the word that YHWH has spoken to Moses, the man of God, concerning me and concerning you in Kadesh-Barnea:
६तब यहूदी यहोशू के पास गिलगाल में आए; और कनजी यपुन्ने के पुत्र कालेब ने उससे कहा, “तू जानता होगा कि यहोवा ने कादेशबर्ने में परमेश्वर के जन मूसा से मेरे और तेरे विषय में क्या कहा था।
7 I [was] a son of forty years in Moses, servant of YHWH, sending me from Kadesh-Barnea, to spy out the land, and I bring him back word as with my heart;
७जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया।
8 and my brothers who have gone up with me have caused the heart of the people to melt, and I have been fully after my God YHWH;
८और मेरे साथी जो मेरे संग गए थे उन्होंने तो प्रजा के लोगों का मन निराश कर दिया, परन्तु मैंने अपने परमेश्वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी।
9 and Moses swears in that day, saying, Nevertheless—the land on which your foot has trodden, it is to you for an inheritance, and to your sons—for all time, for you have been fully after my God YHWH.
९तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर मुझसे कहा, ‘तूने पूरी रीति से मेरे परमेश्वर यहोवा की बातों का अनुकरण किया है, इस कारण निःसन्देह जिस भूमि पर तू अपने पाँव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी।’
10 And now, behold, YHWH has kept me alive, as He has spoken, these forty-five years, since YHWH spoke this word to Moses when Israel went in the wilderness; and now, behold, I [am] a son of eighty-five years today;
१०और अब देख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैंतालीस वर्ष हो चुके हैं, जिनमें इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उनमें यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब मैं पचासी वर्ष का हूँ।
11 yet today I [am] strong as in the day of Moses’ sending me; as my power [was] then, so [is] my power now, for battle, and to go out, and to come in.
११जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने और भीतर बाहर आने-जाने के लिये जितनी उस समय मुझ में सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है।
12 And now, give this hill-country to me, of which YHWH spoke in that day, for you heard in that day, for Anakim [are] there, and great, fortified cities; if [it] so be [that] YHWH [is] with me, then I have dispossessed them, as YHWH has spoken.”
१२इसलिए अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तूने तो उस दिन सुना होगा कि उसमें अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े-बड़े गढ़वाले नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने सम्भव है कि यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं उन्हें उनके देश से निकाल दूँ।”
13 And Joshua blesses him, and gives Hebron to Caleb son of Jephunneh for an inheritance,
१३तब यहोशू ने उसको आशीर्वाद दिया; और हेब्रोन को यपुन्ने के पुत्र कालेब का भागकर दिया।
14 therefore Hebron has been to Caleb son of Jephunneh the Kenezzite for an inheritance to this day, because that he was fully after YHWH, God of Israel;
१४इस कारण हेब्रोन कनजी यपुन्ने के पुत्र कालेब का भाग आज तक बना है, क्योंकि वह इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का पूरी रीति से अनुगामी था।
15 and the name of Hebron [was] formerly Kirjath-Arba (the man [was] the greatest among the Anakim); and the land has rest from war.
१५पहले हेब्रोन का नाम किर्यतअर्बा था; वह अर्बा अनाकियों में सबसे बड़ा पुरुष था। और उस देश को लड़ाई से शान्ति मिली।