< Genesis 49 >

1 And Jacob calls to his sons and says, “Be gathered together, and I declare to you that which happens with you in the latter end of the days.
तब याकोब ने अपने बेटों को बुलाकर उनसे कहा: “तुम सब एक साथ आओ, ताकि तुम्हें बता सकूं कि तुम्हारे साथ अब क्या-क्या होगा.
2 Be assembled, and hear, sons of Jacob, And listen to your father Israel.
“याकोब के पुत्रो, सुनो तथा अपने पिता इस्राएल की बातों पर ध्यान दो.
3 Reuben! You [are] my firstborn, My power, and beginning of my strength, The abundance of exaltation, And the abundance of strength;
“रियूबेन, तुम तो मेरे बड़े बेटे, मेरे बल एवं मेरे पौरुष का फल हो, प्रतिष्ठा और शक्ति का उत्तम भाग तुम ही हो.
4 Unstable as water, you are not abundant; For you have gone up your father’s bed; Then you have defiled [it]: He went up my couch!
जो अशांत पानी के समान उग्र हैं, इसलिये तुम महान न बनोगे, क्योंकि तुमने अपने पिता के बिछौने को अशुद्ध किया.
5 Simeon and Levi [are] brothers! Instruments of violence—their espousals!
“शिमओन तथा लेवी भाई-भाई हैं; उनकी तलवारें हिंसा का साधन हैं.
6 Into their secret, do not come, O my soul! Do not be united to their assembly, O my glory; For in their anger they slew a man, And in their self-will eradicated a prince.
ऐसा कभी न हो कि मुझे उनकी सभा में जाना पड़े, मैं उनकी सभाओं से न जुडूं, क्योंकि गुस्से में उन्होंने मनुष्यों को मार डाला तथा सनक में उन्होंने बैलों की नसें काट दी.
7 Cursed [is] their anger, for [it is] fierce, And their wrath, for [it is] sharp; I divide them in Jacob, And I scatter them in Israel.
शापित है उनका क्रोध जो भीषण हैं और उनका ऐसा गुस्सा, जो निर्दयी और क्रूर है! मैं उन्हें याकोब में बांट दूंगा. और उन्हें इस्राएल में तितर-बितर कर दूंगा.
8 Judah! Your brothers praise you! Your hand [is] on the neck of your enemies, Sons of your father bow themselves to you.
“यहूदाह, तुम्हारे भाई तुम्हारी प्रशंसा करेंगे; तुम्हारा हाथ तुम्हारे शत्रुओं की गर्दन पर पड़ेगा; तुम्हारे पिता की अन्य संतान तुम्हारे सम्मान में झुक जाएंगे.
9 A lion’s whelp [is] Judah, For prey, my son, you have gone up; He has bent, he has crouched as a lion, And as a lioness; who causes him to arise?
यहूदाह तो जवान सिंह के समान है; हे मेरे पुत्र, तुम अपने शिकार पर खड़े शेर के समान हो जो आराम करने के लिए लेटता है, किसमें उसे छेड़ने का साहस है?
10 The scepter does not turn aside from Judah, And a lawgiver from between his feet, Until his Seed comes; And His [is] the obedience of peoples.
यहूदाह से राजदंड कभी भी अलग न होगा और न ही उसके वंश से शासन का राजदंड, दूर होगा, जब तक वह न आ जाये और राज्य-राज्य के लोग उसके अधीन रहेंगे.
11 Binding to the vine his donkey, And to the choice vine the colt of his donkey, He has washed in wine his clothing, And in the blood of grapes his covering;
अपने गधे को दाखलता से बांध देता है, तथा गधे के बच्‍चे को उत्तम दाखलता पर बांधेगा; उसने अपना वस्त्र दाखमधु में धोया है, तथा बाहरी वस्त्र दाखरस में धोया है.
12 Red [are] eyes with wine, And white [are] teeth with milk!
उसकी आंखें दाखमधु से चमकीली तथा, उसके दांत दूध से भी अधिक सफेद होंगे.
13 Zebulun dwells at a haven of the seas, And he [is] for a haven of ships; And his side [is] to Sidon.
“ज़ेबुलून सागर के किनारे रहेगा और इसका समुद्री तट जहाजों के लिए सुरक्षित होगा, और उसकी सीमा सीदोन देश तक फैल जायेगी.
14 Issachar [is] a strong donkey, Crouching between the two folds;
“इस्साखार एक बलवंत गधा है, वह पशुओं के बाड़े के बीच रहता है.
15 And he sees rest, that [it is] good, And the land, that [it is] pleasant, And he inclines his shoulder to bear, And is a servant for tribute.
जब उसने देखा कि आराम करने की जगह ठीक है, कि भूमि सुखदाई है, तब उसने अपने कंधे को बोझ उठाने के लिए झुका दिया और वह बेगार का दास बन जायेगा.
16 Dan judges his people, As one of the tribes of Israel;
“दान अपने लोगों का न्याय इस्राएल के एक गोत्र जैसा करेगा.
17 Dan is a serpent by the way, a viper by the path, Which is biting the horse’s heels, And its rider falls backward.
दान मार्ग का एक सांप होगा, पथ पर एक सर्प! वह घोड़े की एड़ी को डसता है, और सवार अचानक गिर जाता है.
18 For Your salvation I have waited, YHWH!
“हे याहवेह, मैं आपके उद्धार की बाट जोहता हूं.
19 Gad! A troop assaults him, But he assaults last.
“गाद पर छापामार छापा मारेंगे, किंतु वह भी उनकी एड़ी पर मारेगा.
20 Out of Asher his bread [is] fat; And he gives delicacies of a king.
“आशेर का अन्‍न बहुत उत्तम होगा और वह राजसी भोजन उपलब्ध कराएगा.
21 Naphtali [is] a doe sent away, Who is giving beautiful young ones.
“नफताली छोड़ी हुई हिरणी के समान है जो सुंदर बच्चों को जन्म देती है.
22 Joseph [is] a fruitful son; A fruitful son by a fountain, Daughters step over the wall;
“योसेफ़ तो फल से भरी एक शाखा है जो सोते के पास लगी हुई फलवंत लता की एक शाखा है जो बाड़े के सहारे चढ़ी हैं.
23 And embitter him indeed, they have striven, Indeed, archers hate him;
धनुष चलानेवाले ने धनुष चलाया और तीर छोड़ा और लगकर दर्द हुआ.
24 And his bow abides in strength, And strengthened are the arms of his hands By the hands of the Mighty One of Jacob, From where is a shepherd, a son of Israel.
परंतु उसका धनुष दृढ़ रहा, उसकी बांहें मजबूत रहीं, यह याकोब के सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ओर से था, जो इस्राएल के चरवाहे तथा चट्टान हैं.
25 By the God of your father who helps you, And the Mighty One who blesses you, Blessings of the heavens from above, Blessings of the deep lying under, Blessings of breasts and womb—
तुम्हारे पिता के परमेश्वर की ओर से, जो तुम्हारे सहायक हैं तथा उस सर्वशक्तिमान से जो स्वर्गीय आशीषों से तुम्हें आशीषित करेंगे, वे आशीषें, जो नीचे गहराइयों से आती हैं, स्तनों तथा गर्भ की आशीषें देगा.
26 Your father’s blessings have been mighty Above the blessings of my progenitors, To the limit of the perpetual heights They are for the head of Joseph, And for the crown of the one Separate [from] his brothers.
तुम्हारे पिता की आशीषें तो मेरे पूर्वजों के पहाड़ों से बढ़कर हैं ये अनंत पर्वतों से संबंधित आशीषों से बढ़कर हैं. ये ही आशीषें योसेफ़ पर प्रकट होकर उसके सिर का मुकुट बनें, जो सब भाइयों से प्रतिष्ठित हुआ है.
27 Benjamin! A wolf tears; In the morning he eats prey, And at evening he apportions spoil.”
“बिन्यामिन एक क्रूर भेड़िया है; सवेरे वह अहेर का सेवन करता है, शाम को वह लूट सामग्री बांटा करता है.”
28 All these [are] the twelve tribes of Israel, and this [is] that which their father has spoken to them, and he blesses them; each according to his blessing he has blessed them.
ये सभी इस्राएल के बारह गोत्र हैं उनके पिता ने उनके बारे में तब कहा जब वह उन्हें आशीष दे रहे थे, और उनमें से एक-एक को इन्हीं वचनों से आशीष दी.
29 And he commands them and says to them, “I am being gathered to my people; bury me by my fathers, at the cave which [is] in the field of Ephron the Hittite;
तब इस्राएल ने कहा, “मुझे मेरे पूर्वजों की उसी गुफ़ा में दफनाना, जो एफ्रोन हित्ती के खेत में है,
30 in the cave which [is] in the field of Machpelah, which [is] on the front of Mamre, in the land of Canaan, which Abraham bought with the field from Ephron the Hittite for a possession of a burying-place;
कनान देश में उस कब्रस्थान में, जो माखपेलाह के खेत में, ममरे के पास है, जिसे अब्राहाम ने हित्ती एफ्रोन से खरीदा था.
31 (there they buried Abraham and his wife Sarah; there they buried Isaac and his wife Rebekah; and there I buried Leah);
वहां उन्होंने अब्राहाम तथा उनकी पत्नी साराह को दफनाया था, वहीं उन्होंने यित्सहाक तथा उनकी पत्नी रेबेकाह को दफनाया तथा वहीं मैंने लियाह को भी दफनाया है;
32 the purchase of the field and of the cave which [is] in it, [is] from sons of Heth.”
वह खेत गुफा सहित हित्तियों से खरीदा है.”
33 And Jacob finishes commanding his sons, and gathers up his feet to the bed, and expires, and is gathered to his people.
जब याकोब अपने पुत्रों को ये आदेश दे चुके, तब उन्होंने अपने पैर अपने बिछौने पर कर लिए तथा आखिरी सांस ली, वे अपने पूर्वजों से जा मिले.

< Genesis 49 >