< Genesis 17 >

1 And Abram is a son of ninety-nine years, and YHWH appears to Abram, and says to him, “I [am] God Almighty, habitually walk before Me, and be perfect;
जब अब्राम निन्यानबे वर्ष के हुए तब याहवेह उन पर प्रकट हुए और उनसे कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूं; तुम मेरे सामने विश्वासयोग्यता से चलो और निर्दोष रहो.
2 and I give My covenant between Me and you, and multiply you very exceedingly.”
मैं अपने और तुम्हारे बीच अपना करार स्थापित करूंगा और तुम्हारे वंश को बहुत बढ़ाऊंगा.”
3 And Abram falls on his face, and God speaks with him, saying,
तब अब्राम ने झुककर परमेश्वर को प्रणाम किया और परमेश्वर ने उनसे कहा,
4 “I—behold, My covenant [is] with you, and you have become father of a multitude of nations;
“तुम्हारे साथ मेरी वाचा यह है: तुम अनेक जातियों के गोत्रपिता होंगे.
5 and your name is no longer called Abram, but your name has been Abraham, for father of a multitude of nations have I made you;
अब से तुम्हारा नाम अब्राम न रहेगा, पर अब्राहाम होगा; क्योंकि मैंने तुम्हें अनेक जातियों का गोत्रपिता बनाया है.
6 and I have made you exceedingly fruitful, and made you become nations, and kings go out from you.
मैं तुम्हें बहुत फलवंत करूंगा; तुम्हें जाति-जाति का मूल बनाऊंगा, और तुम्हारे वंश में राजा पैदा होंगे.
7 And I have established My covenant between Me and you, and your seed after you, throughout their generations, for a perpetual covenant, to become God to you, and to your seed after you;
मैं तेरे और आनेवाले तेरे वंश के साथ पीढ़ी-पीढ़ी की यह वाचा बांधूंगा कि मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश का परमेश्वर रहूंगा.
8 and I have given to you, and to your seed after you, the land of your sojournings, the whole land of Canaan, for a continuous possession, and I have become their God.”
यह कनान देश, जिसमें तुम पराये होकर रहते हो, यह देश तुमको और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों को सदाकाल के लिये अधिकार में दे दूंगा; और मैं उनका परमेश्वर रहूंगा.”
9 And God says to Abraham, “And you keep My covenant, you and your seed after you, throughout their generations;
परमेश्वर ने अब्राहाम से फिर कहा, “तुम और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश के लोग मेरी वाचा को सच्चाई से मानते रहना.
10 this [is] My covenant which you keep between Me and you, and your seed after you: every male of you [is] to be circumcised;
तुम्हारे और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश के साथ मेरी वाचा यह है, जिसे तुम्हें मानना ज़रूरी है: तुम्हारे बीच में प्रत्येक पुरुष का ख़तना किया जाये.
11 and you have circumcised the flesh of your foreskin, and it has become a token of a covenant between Me and you.
और यह ख़तना तुम्हारे खलड़ी (त्वचा) का किया जाये. यही मेरे एवं तुम्हारे बीच की गई वाचा का चिन्ह होगा.
12 And a son of eight days is circumcised by you; every male throughout your generations, born in the house, or bought with money from any son of a stranger, who is not of your seed;
तुम्हारे वंश में सभी पीढ़ियों में हर लड़के के आठ दिन के होने पर उसका ख़तना करना, तुम्हारे घर का वह सेवक जिसका जन्म तुम्हारे घर में हुआ है अथवा जिसे किसी परदेशी से मूल्य देकर खरीदा गया हो, चाहे वे तुम्हारे वंश में से न हों.
13 he is certainly circumcised who [is] born in your house, or bought with your money; and My covenant has become in your flesh a perpetual covenant;
तुम्हारे घर में पैदा हुए हों या फिर पैसा देकर खरीदे गये हों, उन सबका ख़तना करना ज़रूरी है. तुम्हारे मांस में मेरी यह वाचा सदाकाल की वाचा है.
14 and an uncircumcised one, a male, the flesh of whose foreskin is not circumcised, indeed, that person has been cut off from his people; My covenant he has broken.”
परंतु जो पुरुष बिना ख़तना किए रहेगा, उसे समाज से अलग कर दिया जाएगा, क्योंकि उसने मेरी वाचा को तोड़ा है.”
15 And God says to Abraham, “Sarai your wife—you do not call her name Sarai, for Sarah [is] her name;
परमेश्वर ने अब्राहाम से यह भी कहा, “तुम्हारी पत्नी सारय को तुम अब सारय नहीं कहना; परंतु अब उसका नाम साराह होगा.
16 and I have blessed her, and have also given to you a son from her; and I have blessed her, and she has become nations—kings of peoples are from her.”
मैं उसे आशीष दूंगा और मैं तुम्हें उसके द्वारा एक बेटा दूंगा. मैं उसे आशीष दूंगा. जिससे वह जाति-जाति की मूलमाता होगी; और राजाओं का जन्म उसके वंश में होगा.”
17 And Abraham falls on his face, and laughs, and says in his heart, “Is one born to the son of one hundred years? Or does Sarah—daughter of ninety years—bear?”
यह सुनकर अब्राहाम ने झुककर प्रणाम किया; वह हंसने लगा और मन में कहने लगा, “क्या सौ साल के व्यक्ति से बेटा पैदा हो सकता है? साराह, जो नब्बे साल की है, क्या वह बेटा जन्म दे सकती है?”
18 And Abraham says to God, “O that Ishmael may live before You”;
और अब्राहाम ने परमेश्वर से कहा, “अच्छा हो कि इशमाएल आपसे आशीष पाये!”
19 and God says, “Your wife Sarah is certainly bearing a son to you, and you have called his name Isaac, and I have established My covenant with him, for a perpetual covenant, to his seed after him.
तब परमेश्वर ने अब्राहाम से कहा, “नहीं! तुम्हारी पत्नी साराह से एक बेटा होगा, और तुम उसका नाम यित्सहाक रखना. मैं उसके साथ ऐसी वाचा बांधूंगा, जो उसके बाद आनेवाली पीढ़ी-पीढ़ी तक सदाकाल की वाचा होगी.
20 As for Ishmael, I have heard you; behold, I have blessed him, and made him fruitful, and multiplied him, very exceedingly; twelve princes does he beget, and I have made him become a great nation;
और इशमाएल के बारे में, मैंने तुम्हारी बात सुनी है: मैं उसे ज़रूर आशीष दूंगा; मैं उसे फलवंत करूंगा और उसको संख्या में बहुत बढ़ाऊंगा. वह बारह शासकों का पिता होगा, और मैं उससे एक बड़ी जाति बनाऊंगा.
21 and My covenant I establish with Isaac, whom Sarah does bear to you at this appointed time in the next year”;
परंतु मैं अपनी वाचा यित्सहाक के साथ बांधूंगा, जिसे साराह तेरे लिए अगले साल इसी समय जन्म देगी.”
22 and He finishes speaking with him, and God goes up from Abraham.
जब परमेश्वर अब्राहाम से अपनी बात कह चुके, तब वे चले गए.
23 And Abraham takes his son Ishmael, and all those born in his house, and all those bought with his money—every male among the men of Abraham’s house and circumcises the flesh of their foreskin, in this very same day, as God has spoken with him.
तब अब्राहाम ने उसी दिन परमेश्वर के आदेश के अनुसार अपने पुत्र इशमाएल तथा अपने उन सेवकों का, जिनका जन्म उनके परिवार में हुआ था या जिन्हें अब्राहाम ने धन देकर खरीदा था, परिवार के हर एक पुरुष लेकर परमेश्वर के कहे अनुसार उनका ख़तना किया.
24 And Abraham [is] a son of ninety-nine years in the flesh of his foreskin being circumcised;
अब्राहाम के खलड़ी के खतने के समय उनकी उम्र निन्यानवे वर्ष थी,
25 and his son Ishmael [is] a son of thirteen years in the flesh of his foreskin being circumcised;
और खतने के समय उनका पुत्र इशमाएल तेरह वर्ष का था.
26 in this very same day Abraham has been circumcised, and his son Ishmael;
अब्राहाम तथा उनके पुत्र इशमाएल का ख़तना एक ही दिन किया गया.
27 and all the men of his house—born in the house, and bought with money from the son of a stranger—have been circumcised with him.
और उनके परिवार के सब पुरुष, जो उनके घर में पैदा हुए थे अथवा जो किसी विदेशी से धन देकर खरीदे गये थे, उन सबका ख़तना उनके साथ किया गया.

< Genesis 17 >