< 1 Timothy 3 >
1 The word [is] steadfast: If anyone longs for overseership, he desires a right work;
यह बात विश्वासयोग्य है: यदि किसी व्यक्ति में अध्यक्ष पद की इच्छा है, यह एक उत्तम काम की अभिलाषा है.
2 it is required, therefore, the overseer to be blameless, a husband of one wife, vigilant, sober, respectable, a friend of strangers, apt to teach,
इसलिये आवश्यक है कि अध्यक्ष प्रशंसनीय, एक पत्नी का पति, संयमी, विवेकी, सम्मान योग्य, अतिथि-सत्कार करनेवाला तथा निपुण शिक्षक हो,
3 not given to wine, not a striker, but gentle, not contentious, not a lover of money,
वह पीनेवाला, झगड़ालू, अधीर, विवादी तथा पैसे का लालची न हो.
4 leading his own house well, having children in subjection with all dignity,
वह अपने परिवार का उत्तम प्रबंधक हो. संतान पर उसका गरिमा से भरा अनुशासन हो.
5 (and if anyone has not known [how] to lead his own house, how will he take care of an assembly of God?)
(यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार का ही प्रबंध करना नहीं जानता तो भला वह परमेश्वर की कलीसिया की देखरेख किस प्रकार कर पाएगा?)
6 not a new convert, lest having been puffed up he may fall to a judgment of the Devil;
वह नया शिष्य न हो कि वह अहंकारवश शैतान के समान दंड का भागी न हो जाए.
7 and it is required of him also to have a good testimony from those outside, that he may not fall into reproach and a snare of the Devil.
यह भी आवश्यक है कि कलीसिया के बाहर भी वह सम्मान योग्य हो कि वह बदनामी तथा शैतान के जाल में न पड़ जाए.
8 Servants, in like manner, dignified, not double-tongued, not given to much wine, not given to shameful gain,
इसी प्रकार आवश्यक है कि दीकन भी गंभीर तथा निष्कपट हों. मदिरा पान में उसकी रुचि नहीं होनी चाहिए, न नीच कमाई के लालची.
9 having the secret of the faith in a pure conscience,
वे निर्मल मन में विश्वास का भेद सुरक्षित रखें.
10 and let these also first be proved, then let them minister, being unblameable.
परखे जाने के बाद प्रशंसनीय पाए जाने पर ही उन्हें दीकन पद पर चुना जाए.
11 Women, in like manner, dignified, not false accusers, vigilant, faithful in all things.
इसी प्रकार, उनकी पत्नी भी गंभीर हों, न कि गलत बातें करने में लीन रहनेवाली—वे हर एक क्षेत्र में व्यवस्थित तथा विश्वासयोग्य हों.
12 Servants—let them be husbands of one wife, leading the children well, and their own houses,
दीकन एक पत्नी का पति हो तथा अपनी संतान और परिवार के अच्छे प्रबंध करनेवाले हों.
13 for those who ministered well acquire a good step to themselves, and much boldness in faith that [is] in Christ Jesus.
जिन्होंने दीकन के रूप में अच्छी सेवा की है, उन्होंने अपने लिए अच्छा स्थान बना लिया है तथा मसीह येशु में अपने विश्वास के विषय में उन्हें दृढ़ निश्चय है.
14 I write to you these things, hoping to come to you soon,
तुम्हारे पास शीघ्र आने की आशा करते हुए भी मैं तुम्हें यह सब लिख रहा हूं,
15 and if I delay, that you may know how it is required to conduct yourself in the house of God, which is an assembly of the living God—a pillar and foundation of the truth,
कि यदि मेरे आने में देरी हो ही जाए तो भी तुम्हें इसका अहसास हो कि परमेश्वर के परिवार में, जो जीवित परमेश्वर की कलीसिया तथा सच्चाई का स्तंभ व नींव है, किस प्रकार का स्वभाव करना चाहिए.
16 and confessedly, great is the secret of piety: who was revealed in flesh, declared righteous in [the] Spirit, seen by messengers, preached among nations, believed on in the world, taken up in glory!
संदेह नहीं है कि परमेश्वर की भक्ति का भेद गंभीर है: वह, जो मनुष्य के शरीर में प्रकट किए गए, पवित्र आत्मा में उनकी परख हुई, वह स्वर्गदूतों द्वारा पहचाने गए, राष्ट्रों में उनका प्रचार किया गया, संसार में रहते हुए उनमें विश्वास किया गया तथा वह महिमा में ऊपर उठा लिए गए.