< Zephaniah 3 >

1 Woe to her that is rebellious and polluted, to the oppressing city!
हाय बलवा करनेवाली और अशुद्ध और अंधेर से भरी हुई नगरी!
2 She hearkened not to any voice; she accepted no correction; in the Lord she did not trust; to her God she drew not near.
उसने मेरी नहीं सुनी, उसने ताड़ना से भी नहीं माना, उसने यहोवा पर भरोसा नहीं रखा, वह अपने परमेश्वर के समीप नहीं आई।
3 Her princes in her midst are roaring lions: her judges are evening wolves, they leave not a bone for the morning.
उसके हाकिम गरजनेवाले सिंह ठहरे; उसके न्यायी साँझ को आहेर करनेवाले भेड़िए हैं जो सवेरे के लिये कुछ नहीं छोड़ते।
4 Her prophets are thoughtless men of treachery: her priests have profaned the sanctuary, they have done violence to the law.
उसके भविष्यद्वक्ता व्यर्थ बकनेवाले और विश्वासघाती हैं, उसके याजकों ने पवित्रस्थान को अशुद्ध किया और व्यवस्था में खींच-खांच की है।
5 The just Lord is in her midst, he will not do wrong; morning after morning doth he bring his justice to the light [of day], it never faileth; but the unjust knoweth no shame.
यहोवा जो उसके बीच में है, वह धर्मी है, वह कुटिलता न करेगा; वह अपना न्याय प्रति भोर प्रगट करता है और चूकता नहीं; परन्तु कुटिल जन को लज्जा आती ही नहीं।
6 I have cut off nations; destroyed are their battlements; I have laid in ruins their streets, so that none passeth through; their cities are wasted, without a man, without an inhabitant.
मैंने अन्यजातियों को यहाँ तक नाश किया, कि उनके कोनेवाले गुम्मट उजड़ गए; मैंने उनकी सड़कों को यहाँ तक सूनी किया, कि कोई उन पर नहीं चलता; उनके नगर यहाँ तक नाश हुए कि उनमें कोई मनुष्य वरन् कोई भी प्राणी नहीं रहा।
7 I said, Surely thou wilt fear me, thou wilt accept correction; so that her dwelling should not be cut off, all that I had decreed to bring over her; but they rose up early, they acted corruptly in all their doings.
मैंने कहा, “अब तू मेरा भय मानेगी, और मेरी ताड़ना अंगीकार करेगी जिससे उसका निवास-स्थान उस सब के अनुसार जो मैंने ठहराया था, नष्ट न हो। परन्तु वे सब प्रकार के बुरे-बुरे काम यत्न से करने लगे।”
8 Therefore wait but for me, saith the Lord, for the day that I rise up to the prey; for my judgment [cometh] to gather the nations, for me to assemble the kingdoms, to pour over them my indignation, all the fierceness of my anger; for through the fire of my jealousy shall all the earth be devoured.
इस कारण यहोवा की यह वाणी है, “जब तक मैं नाश करने को न उठूँ, तब तक तुम मेरी बाट जोहते रहो। मैंने यह ठाना है कि जाति-जाति के और राज्य-राज्य के लोगों को मैं इकट्ठा करूँ, कि उन पर अपने क्रोध की आग पूरी रीति से भड़काऊँ; क्योंकि सारी पृथ्वी मेरी जलन की आग से भस्म हो जाएगी।
9 Yea then will I change unto the people a pure language, that they may all call on the name of the Lord, to serve him with one accord.
“उस समय मैं देश-देश के लोगों से एक नई और शुद्ध भाषा बुलवाऊँगा, कि वे सब के सब यहोवा से प्रार्थना करें, और एक मन से कंधे से कंधा मिलाए हुए उसकी सेवा करें।
10 From beyond the rivers of Cush shall they bring my suppliants, even the assembly of my dispersed, as an offering unto me.
१०कूश के नदी के पार से मुझसे विनती करनेवाले यहाँ तक कि मेरी तितर-बितर की हुई प्रजा मेरे पास भेंट लेकर आएँगी।
11 On that day shalt thou not be ashamed because of all thy doings, whereby thou hast transgressed against me; for then will I remove out of the midst of thee those that rejoice in thy pride, and thou shalt never more be haughty again on my holy mount.
११“उस दिन, तू अपने सब बड़े से बड़े कामों से जिन्हें करके तू मुझसे फिर गई थी, फिर लज्जित न होगी। उस समय मैं तेरे बीच से उन्हें दूर करूँगा जो अपने अहंकार में आनन्द करते है, और तू मेरे पवित्र पर्वत पर फिर कभी अभिमान न करेगी।
12 And I will leave remaining in the midst of thee a humble and poor people, and they shall trust in the name of the Lord.
१२क्योंकि मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूँगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे।
13 The remnant of Israel shall not do injustice, nor speak lies; and there shall not be found in their mouth a deceitful tongue; for they shall feed and lie down, with none to make them afraid.
१३इस्राएल के बचे हुए लोग न तो कुटिलता करेंगे और न झूठ बोलेंगे, और न उनके मुँह से छल की बातें निकलेंगी। वे चरेंगे और विश्राम करेंगे, और कोई उनको डरानेवाला न होगा।”
14 Sing, O daughter of Zion; shout, O Israel; rejoice and be glad with all thy heart, O daughter of Jerusalem!
१४हे सिय्योन की बेटी, ऊँचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो!
15 The Lord hath removed thy punishment, he hath cleared away thy enemy: the king of Israel, the Lord, is in the midst of thee; thou shalt not see evil any more.
१५यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरे शत्रुओं को दूर कर दिया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिए तू फिर विपत्ति न भोगेगी।
16 On that day shall it be said to Jerusalem, Fear thou not: [to] Zion, Let not thy hands become weak.
१६उस दिन यरूशलेम से यह कहा जाएगा, “हे सिय्योन मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएँ।
17 The Lord thy God is in the midst of thee, the mighty one who will save; he will be glad over thee with rejoicing; he will be silent in his love, he will exult over thee with song.
१७तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुप रहेगा; फिर ऊँचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा।
18 Those that mourn far away from the festive assembly do I gather, those that were separated from thee, [that have borne] for thee the burden of reproach.
१८“जो लोग नियत पर्वों में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उनको मैं इकट्ठा करूँगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उनको बोझ जान पड़ती है।
19 Behold, I will deal [severely] with all that afflict thee at that time: and I will save her that halteth, and her that was driven off will I gather; and I will render them a praise and a famous name on all the earth where they have been put to shame.
१९उस समय मैं उन सभी से जो तुझे दुःख देते हैं, उचित बर्ताव करूँगा। और मैं लँगड़ों को चंगा करूँगा, और बरबस निकाले हुओं को इकट्ठा करूँगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीर्ति सब कहीं फैलाऊँगा।
20 At that time will I bring you back, even in the time that I gather you; for I will make you for a name and for a praise among all people of the earth, when I bring back again your captives before your eyes, saith the Lord.
२०उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊँगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूँगा; और जब मैं तुम्हारे सामने तुम्हारी समृद्धि को लौटा लाऊँगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीर्ति और प्रशंसा फैला दूँगा,” यहोवा का यही वचन है।

< Zephaniah 3 >