< Zechariah 3 >
1 And he showed me Joshua the high priest standing before the angel of the Lord, and the accuser standing at his right hand to accuse him.
१फिर यहोवा ने यहोशू महायाजक को यहोवा के दूत के सामने खड़ा हुआ मुझे दिखाया, और शैतान उसकी दाहिनी ओर उसका विरोध करने को खड़ा था।
2 And the Lord said unto the accuser, The Lord rebuke thee, O Accuser; yea, the Lord rebuke thee that hath chosen Jerusalem: is not this a brand plucked out of the fire?
२तब यहोवा ने शैतान से कहा, “हे शैतान यहोवा तुझको घुड़के! यहोवा जो यरूशलेम को अपना लेता है, वही तुझे घुड़के! क्या यह आग से निकाली हुई लुकटी सी नहीं है?”
3 Now Joshua was clothed with filthy garments, and was standing before the angel.
३उस समय यहोशू तो दूत के सामने मैला वस्त्र पहने हुए खड़ा था।
4 And he commenced and said unto those that stood before him, saying; Take away the filthy garments from him. And he said unto him, Behold, I have caused thy iniquity to pass from off thee, and I clothe thee with festive garments.
४तब दूत ने उनसे जो सामने खड़े थे कहा, “इसके ये मैले वस्त्र उतारो।” फिर उसने उससे कहा, “देख, मैंने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहना देता हूँ।”
5 And I said, Let them place a clean mitre upon his head. So they placed the clean mitre upon his head, and clothed him with garments; rind the angel of the Lord stood by.
५तब मैंने कहा, “इसके सिर पर एक शुद्ध पगड़ी रखी जाए।” और उन्होंने उसके सिर पर याजक के योग्य शुद्ध पगड़ी रखी, और उसको वस्त्र पहनाए; उस समय यहोवा का दूत पास खड़ा रहा।
6 And the angel of the Lord forewarned Joshua, saying,
६तब यहोवा के दूत ने यहोशू को चिताकर कहा,
7 Thus hath said the Lord of hosts, If thou wilt walk in my ways, and if thou wilt keep my charge, then shalt thou also judge my house, and shalt also keep my courts, and I will give thee places to walk among these that stand by.
७“सेनाओं का यहोवा तुझ से यह कहता है: यदि तू मेरे मार्गों पर चले, और जो कुछ मैंने तुझे सौंप दिया है उसकी रक्षा करे, तो तू मेरे भवन का न्यायी, और मेरे आँगनों का रक्षक होगा; और मैं तुझको इनके बीच में आने-जाने दूँगा जो पास खड़े हैं।
8 Do but hear, O Joshua the high priest, thou, and thy fellows that sit before thee; for distinguished men are they; for, behold, I will bring my servant Zemach [[the Sprout]].
८हे यहोशू महायाजक, तू सुन ले, और तेरे भाई-बन्धु जो तेरे सामने खड़े हैं वे भी सुनें, क्योंकि वे मनुष्य शुभ शकुन हैं सुनो, मैं अपने दास शाख को प्रगट करूँगा।
9 For behold [here is] the stone that I have laid before Joshua; upon one stone shall be seven eyes: behold, I will engrave thereon its inscription, saith the Lord of hosts, And I will remove the iniquity of that land in one day.
९उस पत्थर को देख जिसे मैंने यहोशू के आगे रखा है, उस एक ही पत्थर के ऊपर सात आँखें बनी हैं, सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, देख मैं उस पत्थर पर खोद देता हूँ, और इस देश के अधर्म को एक ही दिन में दूर कर दूँगा।
10 On that day, saith the Lord of hosts, shall ye call every man to his neighbor under the vine and under the fig-tree.
१०उसी दिन तुम अपने-अपने भाई-बन्धुओं को दाखलता और अंजीर के वृक्ष के नीचे आने के लिये बुलाओगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।”