< Genesis 4 >

1 And the man knew Eve his wife: and she conceived, and bore Cain, and said, I have gotten a man from the Lord.
जब आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती होकर कैन को जन्म दिया और कहा, “मैंने यहोवा की सहायता से एक पुत्र को जन्म दिया है।”
2 And she bore again, his brother, Abel; and Abel was a keeper of sheep, but Cain was a tiller of the ground.
फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करनेवाला किसान बना।
3 And it came to pass in process of time, that Cain brought of the fruit of the ground and offering unto the Lord.
कुछ दिनों के पश्चात् कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया।
4 And Abel—he also brought of the firstlings of his flock, and of the fattest thereof; and the Lord had respect unto Abel and to his offering;
और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया,
5 But unto Cain and to his offering he had no respect; and it was very displeasing to Cain, and his countenance fell.
परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुँह पर उदासी छा गई।
6 And the Lord said unto Cain, Why art thou wroth? and why is thy countenance fallen?
तब यहोवा ने कैन से कहा, “तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुँह पर उदासी क्यों छा गई है?
7 If thou doest well, shalt thou not be accepted? and if thou doest not well, sin lieth at the door; and unto thee is its desire, but thou canst rule over it.
यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी ओर होगी, और तुझे उस पर प्रभुता करनी है।”
8 And Cain talked with Abel his brother: and it came to pass when they were in the field, that Cain rose up against Abel his brother, and slew him.
तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा; और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़कर उसकी हत्या कर दी।
9 And the Lord said unto Cain, Where is Abel they brother? and he said, I know not; am I my brother's keeper?
तब यहोवा ने कैन से पूछा, “तेरा भाई हाबिल कहाँ है?” उसने कहा, “मालूम नहीं; क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?”
10 And he said, What hast thou done? the voice of thy brother's blood crieth unto me from the ground.
१०उसने कहा, “तूने क्या किया है? तेरे भाई का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है!
11 And now be thou cursed from the ground, which hath opened its mouth to receive thy brother's blood from thy hand:
११इसलिए अब भूमि जिसने तेरे भाई का लहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुँह खोला है, उसकी ओर से तू श्रापित है।
12 When thou tillest the ground, it shall not henceforth yield its strength unto thee; fugitive and vagabond shalt thou be on the earth.
१२चाहे तू भूमि पर खेती करे, तो भी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर भटकने वाला और भगोड़ा होगा।”
13 And Cain said unto the Lord, My punishment is greater than I can bear.
१३तब कैन ने यहोवा से कहा, “मेरा दण्ड असहनीय है।
14 Behold, thou hast driven me out this day from the face of the ground; and from thy face shall I be hid; and if I shall be a fugitive and a vagabond on the earth, it will come to pass, that every one that findeth me will slay me.
१४देख, तूने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मैं तेरी दृष्टि की आड़ में रहूँगा और पृथ्वी पर भटकने वाला और भगोड़ा रहूँगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मेरी हत्या करेगा।”
15 And the Lord said unto him, Therefore whosoever slayeth Cain, vengeance shall be taken on him seven-fold. And the Lord set a sign unto Cain, that any one finding him should not kill him.
१५इस कारण यहोवा ने उससे कहा, “जो कोई कैन की हत्या करेगा उससे सात गुणा बदला लिया जाएगा।” और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा न हो कि कोई उसे पाकर मार डाले।
16 And Cain went out from the presence of the Lord, and dwelt in the land of Nod, on the east of Eden.
१६तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया और नोद नामक देश में, जो अदन के पूर्व की ओर है, रहने लगा।
17 And Cain knew his wife, and she conceived, and bore Enoch; and he built a city, and called the name of the city after the name of his son Enoch.
१७जब कैन अपनी पत्नी के पास गया तब वह गर्भवती हुई और हनोक को जन्म दिया; फिर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का नाम अपने पुत्र के नाम पर हनोक रखा।
18 And unto Enoch was born Irad; and Irad begat Mechujael: and Mechujael begat Methushael; and Methushael begat Lemech.
१८हनोक से ईराद उत्पन्न हुआ, और ईराद से महूयाएल उत्पन्न हुआ और महूयाएल से मतूशाएल, और मतूशाएल से लेमेक उत्पन्न हुआ।
19 And Lemech took unto himself two wives, the name of one was Adah, and the name of the other Zillah.
१९लेमेक ने दो स्त्रियाँ ब्याह लीं: जिनमें से एक का नाम आदा और दूसरी का सिल्ला है।
20 And Adah bore Jabal; he was the father of such as dwell in tents, and have cattle.
२०आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह उन लोगों का पिता था जो तम्बुओं में रहते थे और पशुओं का पालन करके जीवन निर्वाह करते थे।
21 And his brother's name was Jubal; he was the father of all such as play on the harp and guitar.
२१उसके भाई का नाम यूबाल था: वह उन लोगों का पिता था जो वीणा और बाँसुरी बजाते थे।
22 And Zillah, she also bore Tubal-cain, an artificer in every article of copper and iron; and the sister of Tubal-cain was Naamah.
२२और सिल्ला ने भी तूबल-कैन नामक एक पुत्र को जन्म दिया: वह पीतल और लोहे के सब धारवाले हथियारों का गढ़नेवाला हुआ। और तूबल-कैन की बहन नामाह थी।
23 And Lemech said unto his wives, Adah and Zillah, hear my voice; ye wives of Lemech, hearken unto my speech; for I have slain a man to my own wounding, and a young-man to my hurt.
२३लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा, “हे आदा और हे सिल्ला मेरी सुनो; हे लेमेक की पत्नियों, मेरी बात पर कान लगाओ: मैंने एक पुरुष को जो मुझे चोट लगाता था, अर्थात् एक जवान को जो मुझे घायल करता था, घात किया है।
24 If Cain shall be avenged seven-fold, truly Lemech seventy and seven-fold.
२४जब कैन का बदला सात गुणा लिया जाएगा। तो लेमेक का सतहत्तर गुणा लिया जाएगा।”
25 And Adam knew his wife again, and she bore a son, and called his name Sheth [[Seth]]; for God [said she] hath appointed me another seed instead of Abel, whom Cain slew.
२५और आदम अपनी पत्नी के पास फिर गया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि “परमेश्वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले, जिसको कैन ने मारा था, एक और वंश प्रदान किया।”
26 And to Sheth, to him also there was born a son; and he called his name Enosh: then began men to call upon the name of the Lord.
२६और शेत के भी एक पुत्र उत्पन्न हुआ और उसने उसका नाम एनोश रखा। उसी समय से लोग यहोवा से प्रार्थना करने लगे।

< Genesis 4 >