< Exodus 22 >

1 If a man steal an ox or a sheep, and kill it, or sell it: five oxen shall he restore for one ox, and four sheep for one sheep.
“यदि कोई मनुष्य बैल, या भेड़, या बकरी चुराकर उसका घात करे या बेच डाले, तो वह बैल के बदले पाँच बैल, और भेड़-बकरी के बदले चार भेड़-बकरी भर दे।
2 If a thief be found while breaking in, and be smitten so that he die, there shall no blood be shed for him.
यदि चोर सेंध लगाते हुए पकड़ा जाए, और उस पर ऐसी मार पड़े कि वह मर जाए, तो उसके खून का दोष न लगे;
3 If the sun be risen upon him, there shall be blood shed for him; he shall make full restitution; if he have nothing, then shall he be sold for his theft.
यदि सूर्य निकल चुके, तो उसके खून का दोष लगे; अवश्य है कि वह हानि को भर दे, और यदि उसके पास कुछ न हो, तो वह चोरी के कारण बेच दिया जाए।
4 If the thing stolen be actually found in his hand alive, whether it be ox, or ass, or sheep, he shall restore double.
यदि चुराया हुआ बैल, या गदहा, या भेड़ या बकरी उसके हाथ में जीवित पाई जाए, तो वह उसका दूना भर दे।
5 If a man cause a field or vineyard to be eaten off, and he let his beasts enter, and they feed in another man's field; with the best of his own field, and with best of his own vineyard, shall he make restitution.
“यदि कोई अपने पशु से किसी का खेत या दाख की बारी चराए, अर्थात् अपने पशु को ऐसा छोड़ दे कि वह पराए खेत को चर ले, तो वह अपने खेत की और अपनी दाख की बारी की उत्तम से उत्तम उपज में से उस हानि को भर दे।
6 If a fire break out, and meet with thorns, so that stacks of corn, or the standing corn, or the field, be consumed thereby, he that kindled the fire shall surely make restitution.
“यदि कोई आग जलाए, और वह काँटों में लग जाए और फूलों के ढेर या अनाज या खड़ा खेत जल जाए, तो जिसने आग जलाई हो वह हानि को निश्चय भर दे।
7 If a man do deliver unto his neighbor money or vessels to keep, and it be stolen out of the man's house: if the thief be found, he shall pay double.
“यदि कोई दूसरे को रुपये या सामग्री की धरोहर धरे, और वह उसके घर से चुराई जाए, तो यदि चोर पकड़ा जाए, तो दूना उसी को भर देना पड़ेगा।
8 If the thief be not found, then shall the master of the house be brought unto the judges, [to swear] that he have not stretched out his hand against his neighbor's goods.
और यदि चोर न पकड़ा जाए, तो घर का स्वामी परमेश्वर के पास लाया जाए कि निश्चय हो जाए कि उसने अपने भाई-बन्धु की सम्पत्ति पर हाथ लगाया है या नहीं।
9 For all manner of trespass, for ox, for ass, for lamb, for raiment, or for any manner of lost thing, of which he can say, This is it, before the judges shall come the cause of both parties, and he, whom the judges may condemn, shall pay double unto his neighbor.
चाहे बैल, चाहे गदहे, चाहे भेड़ या बकरी, चाहे वस्त्र, चाहे किसी प्रकार की ऐसी खोई हुई वस्तु के विषय अपराध क्यों न लगाया जाए, जिसे दो जन अपनी-अपनी कहते हों, तो दोनों का मुकद्दमा परमेश्वर के पास आए; और जिसको परमेश्वर दोषी ठहराए वह दूसरे को दूना भर दे।
10 If a man deliver unto his neighbor an ass, or an ox, or a lamb, or any beast, to keep; and it die, or be hurt, or driven away, no man seeing it:
१०“यदि कोई दूसरे को गदहा या बैल या भेड़-बकरी या कोई और पशु रखने के लिये सौंपे, और किसी के बिना देखे वह मर जाए, या चोट खाए, या हाँक दिया जाए,
11 Then shall an oath of the Lord be between them both, that he have not stretched out his hand against his neighbor's goods; and the owner of it shall accept this, and he shall not make it good.
११तो उन दोनों के बीच यहोवा की शपथ खिलाई जाए, ‘मैंने इसकी सम्पत्ति पर हाथ नहीं लगाया;’ तब सम्पत्ति का स्वामी इसको सच माने, और दूसरे को उसे कुछ भी भर देना न होगा।
12 But if it be stolen from him, he shall make restitution unto the owner thereof.
१२यदि वह सचमुच उसके यहाँ से चुराया गया हो, तो वह उसके स्वामी को उसे भर दे।
13 If it be torn in pieces, then let him bring it as evidence; that which was torn he shall not make good.
१३और यदि वह फाड़ डाला गया हो, तो वह फाड़े हुए को प्रमाण के लिये ले आए, तब उसे उसको भी भर देना न पड़ेगा।
14 And if a man borrow aught of his neighbor, and it be hurt, or die, the owner thereof not being with it, he shall surely make it good.
१४“फिर यदि कोई दूसरे से पशु माँग लाए, और उसके स्वामी के संग न रहते उसको चोट लगे या वह मर जाए, तो वह निश्चय उसकी हानि भर दे।
15 But if the owner thereof be with it, he shall not make it good; if it be a hired thing, the loss is included in its hire.
१५यदि उसका स्वामी संग हो, तो दूसरे को उसकी हानि भरना न पड़े; और यदि वह भाड़े का हो तो उसकी हानि उसके भाड़े में आ गई।
16 And if a man seduce a virgin that is not betrothed, and lie with her, he shall surely endow her to be his wife.
१६“यदि कोई पुरुष किसी कन्या को जिसके ब्याह की बात न लगी हो फुसलाकर उसके संग कुकर्म करे, तो वह निश्चय उसका मोल देकर उसे ब्याह ले।
17 If her father refuse to give her unto him, he shall pay money according to the dowry of virgins.
१७परन्तु यदि उसका पिता उसे देने को बिल्कुल इन्कार करे, तो कुकर्म करनेवाला कन्याओं के मोल की रीति के अनुसार रुपये तौल दे।
18 Thou shalt not suffer a witch to live.
१८“तू जादू-टोना करनेवाली को जीवित रहने न देना।
19 Whosoever lieth with a beast shall surely be put to death.
१९“जो कोई पशुगमन करे वह निश्चय मार डाला जाए।
20 He that sacrificeth unto any god, save unto the Lord only, shall be utterly destroyed.
२०“जो कोई यहोवा को छोड़ किसी और देवता के लिये बलि करे वह सत्यानाश किया जाए।
21 And a stranger thou shalt not vex, and shalt not oppress him; for strangers ye were in the land of Egypt.
२१“तुम परदेशी को न सताना और न उस पर अंधेर करना क्योंकि मिस्र देश में तुम भी परदेशी थे।
22 Ye shall not afflict any widow, or fatherless child.
२२किसी विधवा या अनाथ बालक को दुःख न देना।
23 If thou afflict him in any wise; [for if he cry at all unto me, I will surely hear his cry: ]
२३यदि तुम ऐसों को किसी प्रकार का दुःख दो, और वे कुछ भी मेरी दुहाई दें, तो मैं निश्चय उनकी दुहाई सुनूँगा;
24 My wrath shall wax hot, and I will slay you with the sword; and your wives shall be widows, and your children fatherless.
२४तब मेरा क्रोध भड़केगा, और मैं तुम को तलवार से मरवाऊँगा, और तुम्हारी पत्नियाँ विधवा और तुम्हारे बालक अनाथ हो जाएँगे।
25 If thou lend money to my people, to the poor by thee, thou shalt not be to him as a lender of money; thou shalt not lay upon him usury.
२५“यदि तू मेरी प्रजा में से किसी दीन को जो तेरे पास रहता हो रुपये का ऋण दे, तो उससे महाजन के समान ब्याज न लेना।
26 If thou take at all thy neighbor's raiment in pledge, thou shalt restore it unto him by the time the sun goeth down;
२६यदि तू कभी अपने भाई-बन्धु के वस्त्र को बन्धक करके रख भी ले, तो सूर्य के अस्त होने तक उसको लौटा देना;
27 For it is his only covering, it is his raiment for his skin; wherein shall he sleep? and it shall come to pass, when he crieth unto me, that I will hear; for I am gracious.
२७क्योंकि वह उसका एक ही ओढ़ना है, उसकी देह का वही अकेला वस्त्र होगा; फिर वह किसे ओढ़कर सोएगा? और जब वह मेरी दुहाई देगा तब मैं उसकी सुनूँगा, क्योंकि मैं तो करुणामय हूँ।
28 The judges thou shalt not revile; and a ruler among thy people thou shalt not curse.
२८“परमेश्वर को श्राप न देना, और न अपने लोगों के प्रधान को श्राप देना।
29 The first of thy ripe fruits, and of thy liquors, shalt thou not delay to offer; the first-born of thy sons shalt thou give unto me.
२९“अपने खेतों की उपज और फलों के रस में से कुछ मुझे देने में विलम्ब न करना। अपने बेटों में से पहलौठे को मुझे देना।
30 In like manner shalt thou do with thy ox, with thy sheep; seven days it shall be with its dam; on the eighth day thou shalt give it me.
३०वैसे ही अपनी गायों और भेड़-बकरियों के पहलौठे भी देना; सात दिन तक तो बच्चा अपनी माता के संग रहे, और आठवें दिन तू उसे मुझे दे देना।
31 And holy men shall ye be unto me: and flesh that is torn of beasts in the field, shall ye not eat; to the dogs shall ye cast it.
३१“तुम मेरे लिये पवित्र मनुष्य बनना; इस कारण जो पशु मैदान में फाड़ा हुआ पड़ा मिले उसका माँस न खाना, उसको कुत्तों के आगे फेंक देना।

< Exodus 22 >