< Exodus 20 >

1 And God spoke all these words, saying,
तब परमेश्वर ने ये सब वचन कहे,
2 I am the Lord thy God, who have brought thee out of the land of Egypt, out of the house of slavery.
“मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल लाया है।
3 Thou shalt have no other gods before me.
“तू मुझे छोड़ दूसरों को परमेश्वर करके न मानना।
4 Thou shalt not make unto thyself any graven image, or any likeness of any thing that is in heaven above, or that is on the earth beneath, or that is in the water under the earth.
“तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, या पृथ्वी पर, या पृथ्वी के जल में है।
5 Thou shalt not bow thyself down to them, nor serve them; for I the Lord thy God am a jealous God, visiting the iniquity of the fathers upon the children, unto the third and fourth generation of them that hate me;
तू उनको दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखनेवाला परमेश्वर हूँ, और जो मुझसे बैर रखते हैं, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूँ,
6 And showing mercy unto the thousandth generation of them that love me, and keep my commandments.
और जो मुझसे प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करुणा किया करता हूँ।
7 Thou shalt not take the name of the Lord thy God in vain; for the Lord will not hold him guiltless that taketh his name in vain.
“तू अपने परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो यहोवा का नाम व्यर्थ ले वह उसको निर्दोष न ठहराएगा।
8 Remember the sabbath day to keep it holy.
“तू विश्रामदिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना।
9 Six days shalt thou labor, and do all thy work.
छः दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना;
10 But the seventh day is the sabbath in honor of the Lord thy God; on it thou shalt not do any work, neither thou, nor thy son, nor thy daughter, thy man-servant, nor thy maid-servant, nor thy cattle, nor thy stranger that is within thy gates;
१०परन्तु सातवाँ दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है। उसमें न तो तू किसी भाँति का काम-काज करना, और न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरे पशु, न कोई परदेशी जो तेरे फाटकों के भीतर हो।
11 For in six days the Lord made the heavens and the earth, the sea, and all that is in them, and rested on the seventh day; therefore the Lord blessed the sabbath day, and hallowed it.
११क्योंकि छः दिन में यहोवा ने आकाश और पृथ्वी, और समुद्र, और जो कुछ उनमें है, सब को बनाया, और सातवें दिन विश्राम किया; इस कारण यहोवा ने विश्रामदिन को आशीष दी और उसको पवित्र ठहराया।
12 Honor thy father and thy mother; in order that thy days may be prolonged upon the land which the Lord thy God giveth thee.
१२“तू अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जिससे जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें तू बहुत दिन तक रहने पाए।
13 Thou shalt not kill.
१३“तू खून न करना।
14 Thou shalt not commit adultery.
१४“तू व्यभिचार न करना।
15 Thou shalt not steal.
१५“तू चोरी न करना।
16 Thou shalt not bear false witness against thy neighbor.
१६“तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना।
17 Thou shalt not covet thy neighbor's house. Thou shalt not covet thy neighbor's wife, nor his man-servant, nor his maid-servant, nor his ox, nor his ass, nor any thing that is thy neighbor's.
१७“तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की पत्नी का लालच करना, और न किसी के दास-दासी, या बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना।”
18 And all the people perceived the thunders, and the lightnings, and the sound of the cornet, and the mountain smoking; and when the people saw it, they removed trembling, and stood afar off.
१८और सब लोग गरजने और बिजली और नरसिंगे के शब्द सुनते, और धुआँ उठते हुए पर्वत को देखते रहे, और देखके, काँपकर दूर खड़े हो गए;
19 And they said unto Moses, Speak thou with us, and we will hear; but let not God speak with us, lest we die.
१९और वे मूसा से कहने लगे, “तू ही हम से बातें कर, तब तो हम सुन सकेंगे; परन्तु परमेश्वर हम से बातें न करे, ऐसा न हो कि हम मर जाएँ।”
20 And Moses said unto the people, Fear not; for in order to prove you, did God come, and in order that his fear may be before your faces, that ye sin not.
२०मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इस निमित्त आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे, कि तुम पाप न करो।”
21 And the people stood afar off, and Moses drew near unto the thick darkness where God was.
२१और वे लोग तो दूर ही खड़े रहे, परन्तु मूसा उस घोर अंधकार के समीप गया जहाँ परमेश्वर था।
22 And the Lord said unto Moses, Thus shalt thou say unto the children of Israel, Ye have seen that from heaven I have spoken with you.
२२तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तू इस्राएलियों को मेरे ये वचन सुना, कि तुम लोगों ने तो आप ही देखा है कि मैंने तुम्हारे साथ आकाश से बातें की हैं।
23 Ye shall not make any thing with me; gods of silver, and gods of gold ye shall not make unto yourselves.
२३तुम मेरे साथ किसी को सम्मिलित न करना, अर्थात् अपने लिये चाँदी या सोने से देवताओं को न गढ़ लेना।
24 An altar of earth shalt thou make unto me, and shalt sacrifice thereon thy burnt-offerings, and thy peace-offerings, thy sheep, and thy oxen; in every place where I shall permit my name to be mentioned, I will come unto thee, and I will bless thee.
२४मेरे लिये मिट्टी की एक वेदी बनाना, और अपनी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों के होमबलि और मेलबलि को उस पर चढ़ाना; जहाँ-जहाँ मैं अपने नाम का स्मरण कराऊँ वहाँ-वहाँ मैं आकर तुम्हें आशीष दूँगा।
25 And if thou wilt make me an altar of stone, thou shalt not build it of hewn stone; for if thou lift up thy tool upon it, thou hast polluted it.
२५और यदि तुम मेरे लिये पत्थरों की वेदी बनाओ, तो तराशे हुए पत्थरों से न बनाना; क्योंकि जहाँ तुम ने उस पर अपना हथियार लगाया वहाँ तू उसे अशुद्ध कर देगा।
26 Neither shalt thou go up by steps upon my altar, that thy nakedness be not laid open thereon.
२६और मेरी वेदी पर सीढ़ी से कभी न चढ़ना, कहीं ऐसा न हो कि तेरा तन उस पर नंगा देख पड़े।”

< Exodus 20 >