< 1 Chronicles 25 >

1 David also divided off with the chiefs of the host for the service of the sons of Assaph, and of Heman, and of Jeduthun, those who uttered praise [accompanied] with harps, with psalteries, and with cymbals: and their number was of the men [that did] the work in their service.
फिर दाऊद और सेनापतियों ने आसाप, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को सेवकाई के लिये अलग किया कि वे वीणा, सारंगी और झाँझ बजा-बजाकर नबूवत करें। और इस सेवकाई के काम करनेवाले मनुष्यों की गिनती यह थी:
2 Of the sons of Assaph: Zaccur, and Joseph, and Nethanyah, and Asharelah, the sons of Assaph under the supervision of Assaph, who uttered praise under the supervision of the king.
अर्थात् आसाप के पुत्रों में से जक्कूर, यूसुफ, नतन्याह और अशरेला, आसाप के ये पुत्र आसाप ही की आज्ञा में थे, जो राजा की आज्ञा के अनुसार नबूवत करता था।
3 Of Jeduthun, the sons of Jeduthun: Gedalyahu, and Zeri, and Jesha'yahu, Chashahyahu, and Matthithyahu, six, under the supervision of their father Jeduthun, who uttered praise with a harp, in order to give thanks and to utter praise unto the Lord.
फिर यदूतून के पुत्रों में से गदल्याह, सरी, यशायाह, शिमी, हशब्याह, मत्तित्याह, ये ही छः अपने पिता यदूतून की आज्ञा में होकर जो यहोवा का धन्यवाद और स्तुति कर करके नबूवत करता था, वीणा बजाते थे।
4 Of Heman, the sons of Heman: Bukkiyahu, Matthanyahu, 'Uzziel, Shebuel, and Jerimoth, Chananyah, Chanani, Eliathah, Giddalti, and Romamti-'ezer, Joshbekashah, Mallothi, Hothir, and Machaz'oth;
हेमान के पुत्रों में से, बुक्किय्याह, मत्तन्याह, उज्जीएल, शबूएल, यरीमोत, हनन्याह, हनानी, एलीआता, गिद्दलती, रोममतीएजेर, योशबकाशा, मल्लोती, होतीर और महजीओत;
5 All these sons of Heman the king's seer in the words of God, were to lift up the horn. And God gave to Heman fourteen sons and three daughters.
परमेश्वर की प्रतिज्ञानुकूल जो उसका नाम बढ़ाने की थी, ये सब हेमान के पुत्र थे जो राजा का दर्शी था; क्योंकि परमेश्वर ने हेमान को चौदह बेटे और तीन बेटियाँ दीं थीं।
6 All these were under the supervision of their father at the singing in the house of the Lord, with cymbals, psalteries, and harps, for the service of the house of God, under the supervision of the king, Assaph, Jeduthun, and Heman.
ये सब यहोवा के भवन में गाने के लिये अपने-अपने पिता के अधीन रहकर, परमेश्वर के भवन, की सेवकाई में झाँझ, सारंगी और वीणा बजाते थे। आसाप, यदूतून और हेमान राजा के अधीन रहते थे।
7 And their number, with their brethren that were practised in singing unto the Lord, even all that were acquainted [therewith], was two hundred eighty and eight.
इन सभी की गिनती भाइयों समेत जो यहोवा के गीत सीखे हुए और सब प्रकार से निपुण थे, दो सौ अट्ठासी थी।
8 And they cast lots, division against [division], the small well as the great, the one acquainted with his business together with the scholar.
उन्होंने क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या गुरु, क्या चेला, अपनी-अपनी बारी के लिये चिट्ठी डाली।
9 And there came forth the first lot for Assaph for Joseph; Gedalyahu was the second, he with his brethren and sons, being twelve:
पहली चिट्ठी आसाप के बेटों में से यूसुफ के नाम पर निकली, दूसरी गदल्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
10 The third was Zaccur, his sons, and his brethren, being twelve:
१०तीसरी जक्कूर के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
11 The fourth was for Yizri, his sons, and his brethren, being twelve;
११चौथी यिस्री के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
12 The fifth was Nethanyahu, his sons, and his brethren, being twelve:
१२पाँचवीं नतन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
13 The sixth was Bukkiyahu, his sons, and his brethren, being twelve:
१३छठीं बुक्किय्याह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
14 The seventh was Jessarelah, his sons, and his brethren, being twelve;
१४सातवीं यसरेला के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
15 The eighth was Jesha'yahu, his sons, and his brethren, being twelve;
१५आठवीं यशायाह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
16 The ninth was Matthanyahu, his sons, and his brethren, being twelve;
१६नौवीं मत्तन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई समेत बारह थे।
17 The tenth was Shim'i, his sons, and his brethren, being twelve;
१७दसवीं शिमी के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
18 The eleventh was 'Asarel, his sons, and his brethren, being twelve;
१८ग्यारहवीं अजरेल के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
19 The twelfth was for Chashahyah, his sons, and his brethren, being twelve;
१९बारहवीं हशब्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
20 The thirteenth was Shuhael, his sons, and his brethren, being twelve;
२०तेरहवीं शूबाएल के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
21 The fourteenth was Matthithyahu, his sons, and his brethren, being twelve;
२१चौदहवीं मत्तित्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
22 The fifteenth was for Jeremoth, his sons, and his brethren, being twelve;
२२पन्द्रहवीं यरेमोत के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
23 The sixteenth was for Chananyahu, his sons, and his brethren, being twelve;
२३सोलहवीं हनन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
24 The seventeenth was for Joshbekashah, his sons, and his brethren, being twelve;
२४सत्रहवीं योशबकाशा के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
25 The eighteenth was for Chanani, his sons, and his brethren, being twelve;
२५अठारहवीं हनानी के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
26 The nineteenth was for Mallothi, his sons, and his brethren, being twelve;
२६उन्‍नीसवीं मल्लोती के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
27 The twentieth was for Eliyathah, his sons, and his brethren, being twelve;
२७बीसवीं एलियातह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
28 The one and twentieth was for Hothir, his sons, and his brethren, being twelve;
२८इक्कीसवीं होतीर के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
29 The two and twentieth was for Giddalthi, his sons, and his brethren, being twelve;
२९बाईसवीं गिद्दलती के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
30 The three and twentieth was for Machasioth, his sons, and his brethren, being twelve;
३०तेईसवीं महजीओत; के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
31 The four and twentieth was for Romamthi-'eser, his sons and his brethren, being twelve.
३१चौबीसवीं चिट्ठी रोममतीएजेर के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।

< 1 Chronicles 25 >