< Numbers 9 >
1 And the Lord spoke to Moses in the wilderness of Sina in the second year after they had gone forth from the land of Egypt, in the first month, saying,
१इस्राएलियों के मिस्र देश से निकलने के दूसरे वर्ष के पहले महीने में यहोवा ने सीनै के जंगल में मूसा से कहा,
2 Speak, and let the children of Israel keep the passover in its season.
२“इस्राएली फसह नामक पर्व को उसके नियत समय पर मनाया करें।
3 On the fourteenth day of the first month at even, you shall keep it in its season; you shall keep it according to its law, and according to its ordinance.
३अर्थात् इसी महीने के चौदहवें दिन को साँझ के समय तुम लोग उसे सब विधियों और नियमों के अनुसार मानना।”
4 And Moses ordered the children of Israel to sacrifice the passover,
४तब मूसा ने इस्राएलियों से फसह मानने के लिये कह दिया।
5 on the fourteenth day of the first month in the wilderness of Sina, as the Lord appointed Moses, so the children of Israel did.
५और उन्होंने पहले महीने के चौदहवें दिन को साँझ के समय सीनै के जंगल में फसह को मनाया; और जो-जो आज्ञाएँ यहोवा ने मूसा को दी थीं उन्हीं के अनुसार इस्राएलियों ने किया।
6 And there came men who were unclean by reason of a dead body, and they were not able to keep the passover on that day; and they came before Moses and Aaron on that day.
६परन्तु कुछ लोग एक मनुष्य के शव के द्वारा अशुद्ध होने के कारण उस दिन फसह को न मना सके; वे उसी दिन मूसा और हारून के समीप जाकर मूसा से कहने लगे,
7 And those men said to Moses, We are unclean by reason of the dead body of a man: shall we therefore fail to offer the gift to the Lord in its season in the midst of the children of Israel?
७“हम लोग एक मनुष्य की लोथ के कारण अशुद्ध हैं; परन्तु हम क्यों रुके रहें, और इस्राएलियों के संग यहोवा का चढ़ावा नियत समय पर क्यों न चढ़ाएँ?”
8 And Moses said to them, stand there, and I will hear what charge the Lord will give concerning you.
८मूसा ने उनसे कहा, “ठहरे रहो, मैं सुन लूँ कि यहोवा तुम्हारे विषय में क्या आज्ञा देता है।”
9 And the Lord spoke to Moses, saying,
९यहोवा ने मूसा से कहा,
10 Speak to the children of Israel, saying, Whatever man shall be unclean by reason of a dead body, or on a journey far off, among you, or among your posterity; he shall then keep the passover to the Lord,
१०“इस्राएलियों से कह कि चाहे तुम लोग चाहे तुम्हारे वंश में से कोई भी किसी लोथ के कारण अशुद्ध हो, या दूर की यात्रा पर हो, तो भी वह यहोवा के लिये फसह को माने।
11 in the second month, on the fourteenth day; in the evening they shall offer it, with unleavened bread and bitter herbs shall they eat it.
११वे उसे दूसरे महीने के चौदहवें दिन को साँझ के समय मनाएँ; और फसह के बलिपशु के माँस को अख़मीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएँ।
12 They shall not leave of it until the morrow, and they shall not break a bone of it; they shall sacrifice it according to the ordinance of the passover.
१२और उसमें से कुछ भी सवेरे तक न रख छोड़े, और न उसकी कोई हड्डी तोड़े; वे फसह के पर्व को सारी विधियों के अनुसार मनाएँ।
13 And whatever man shall be clean, and is not far off on a journey, and shall fail to keep the passover, that soul shall be cut off from his people, because he has not offered the gift to the Lord in its season: that man shall bear his iniquity.
१३परन्तु जो मनुष्य शुद्ध हो और यात्रा पर न हो, परन्तु फसह के पर्व को न माने, वह मनुष्य अपने लोगों में से नाश किया जाए, उस मनुष्य को यहोवा का चढ़ावा नियत समय पर न ले आने के कारण अपने पाप का बोझ उठाना पड़ेगा।
14 And if there should come to you a stranger in your land, and should keep the passover to the Lord, he shall keep it according to the law of the passover and according to its ordinance: there shall be one law for you, both for the stranger, and for the native of the land.
१४यदि कोई परदेशी तुम्हारे साथ रहकर चाहे कि यहोवा के लिये फसह मनाएँ, तो वह उसी विधि और नियम के अनुसार उसको माने; देशी और परदेशी दोनों के लिये तुम्हारी एक ही विधि हो।”
15 And in the day in which the tabernacle was pitched the cloud covered the tabernacle, the place of the testimony; and in the evening there was upon the tabernacle as the appearance of fire till the morning.
१५जिस दिन निवास जो, साक्षी का तम्बू भी कहलाता है, खड़ा किया गया, उस दिन बादल उस पर छा गया; और संध्या को वह निवास पर आग के समान दिखाई दिया और भोर तक दिखाई देता रहा।
16 So it was continually: the cloud covered it by day, and the appearance of fire by night.
१६प्रतिदिन ऐसा ही हुआ करता था; अर्थात् दिन को बादल छाया रहता, और रात को आग दिखाई देती थी।
17 And when the cloud went up from the tabernacle, then after that the children of Israel departed; and in whatever place the cloud rested, there the children of Israel encamped.
१७और जब जब वह बादल तम्बू पर से उठ जाता तब इस्राएली प्रस्थान करते थे; और जिस स्थान पर बादल ठहर जाता वहीं इस्राएली अपने डेरे खड़े करते थे।
18 The children of Israel shall encamp by the command of the Lord, and by the command of the Lord they shall remove: all the days in which the cloud overshadows the tabernacle, the children of Israel shall encamp. And whenever the cloud shall be drawn over the tabernacle for many days, then the children of Israel shall keep the charge of God, and they shall not remove.
१८यहोवा की आज्ञा से इस्राएली कूच करते थे, और यहोवा ही की आज्ञा से वे डेरे खड़े भी करते थे; और जितने दिन तक वह बादल निवास पर ठहरा रहता, उतने दिन तक वे डेरे डाले पड़े रहते थे।
19 And it shall be, whenever the cloud overshadows the tabernacle a number of days, they shall encamp by the word of the Lord, and shall remove by the command of the Lord.
१९जब बादल बहुत दिन निवास पर छाया रहता, तब भी इस्राएली यहोवा की आज्ञा मानते, और प्रस्थान नहीं करते थे।
20 And it shall come to pass, whenever the cloud shall remain from the evening till the morning, and in the morning the cloud shall go up, then shall they remove by day or by night.
२०और कभी-कभी वह बादल थोड़े ही दिन तक निवास पर रहता, और तब भी वे यहोवा की आज्ञा से डेरे डाले पड़े रहते थे; और फिर यहोवा की आज्ञा ही से वे प्रस्थान करते थे।
21 When the cloud continues a full month overshadowing the tabernacle, the children of Israel shall encamp, and shall not depart.
२१और कभी-कभी बादल केवल संध्या से भोर तक रहता; और जब वह भोर को उठ जाता था तब वे प्रस्थान करते थे, और यदि वह रात दिन बराबर रहता, तो जब बादल उठ जाता, तब ही वे प्रस्थान करते थे।
22 For they shall depart by the command of the Lord: - they kept the charge of the Lord by the command of the Lord by the hand of Moses.
२२वह बादल चाहे दो दिन, चाहे एक महीना, चाहे वर्ष भर, जब तक निवास पर ठहरा रहता, तब तक इस्राएली अपने डेरों में रहते और प्रस्थान नहीं करते थे; परन्तु जब वह उठ जाता तब वे प्रस्थान करते थे।
२३यहोवा की आज्ञा से वे अपने डेरे खड़े करते, और यहोवा ही की आज्ञा से वे प्रस्थान करते थे; जो आज्ञा यहोवा मूसा के द्वारा देता था, उसको वे माना करते थे।