< Job 42 >
1 Then Job answered and said to the Lord,
१तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया;
2 I know that you can do all things, and nothing is impossible with you.
२“मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती।
3 For who is he that hides counsel from you? or who keeps back his words, and thinks to hide them from you? and who will tell me what I knew not, great and wonderful things which I understood not?
३तूने मुझसे पूछा, ‘तू कौन है जो ज्ञानरहित होकर युक्ति पर परदा डालता है?’ परन्तु मैंने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात् जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिनको मैं जानता भी नहीं था।
4 But hear me, O Lord, that I also may speak: and I will ask you, and do you teach me.
४तूने मुझसे कहा, ‘मैं निवेदन करता हूँ सुन, मैं कुछ कहूँगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता।’
5 I have heard the report of you by the ear before; but now mine eye has seen you.
५मैंने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आँखें तुझे देखती हैं;
6 Therefore I have counted myself vile, and have fainted: and I esteem myself dust and ashes.
६इसलिए मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चाताप करता हूँ।”
7 And it came to pass after the Lord had spoken all these words to Job, [that] the Lord said to Eliphaz the Thaemanite, You have sinned, and your two friends: for you have not said anything true before me, as my servant Job [has].
७और ऐसा हुआ कि जब यहोवा ये बातें अय्यूब से कह चुका, तब उसने तेमानी एलीपज से कहा, “मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही।
8 Now then take seven bullocks, and seven rams, and go to my servant Job, and he shall offer a burnt offering for you. And my servant Job shall pray for you, for I will only accept him: for but his sake, I would have destroyed you, for you have not spoken the truth against my servant Job.
८इसलिए अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छाँटकर मेरे दास अय्यूब के पास जाकर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की प्रार्थना मैं ग्रहण करूँगा; और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूर्खता के योग्य बर्ताव करूँगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही।”
9 So Eliphaz the Thaemanite, and Baldad the Sauchite, and Sophar the Minaean, went and did as the Lord commanded them: and he pardoned their sin for the sake of Job.
९यह सुन तेमानी एलीपज, शूही बिल्दद और नामाती सोपर ने जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, और यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना ग्रहण की।
10 And the Lord prospered Job: and when he prayed also for his friends, he forgave them [their] sin: and the Lord gave Job twice as much, even the double of what he had before.
१०जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिये प्रार्थना की, तब यहोवा ने उसका सारा दुःख दूर किया, और जितना अय्यूब का पहले था, उसका दुगना यहोवा ने उसे दे दिया।
11 And all his brethren and his sisters heard all that had happened to him, and they came to him, and [so did] all that had known him from the first: and they ate and drank with him, and comforted him, and wondered at all that the Lord had brought upon him: and each one gave him a lamb, and four drachmas' weight of gold, even of unstamped [gold].
११तब उसके सब भाई, और सब बहनें, और जितने पहले उसको जानते-पहचानते थे, उन सभी ने आकर उसके यहाँ उसके संग भोजन किया; और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उन सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी; और उसे एक-एक चाँदी का सिक्का और सोने की एक-एक बाली दी।
12 And the Lord blessed the latter end of Job, [more] than the beginning: and his cattle were fourteen thousand sheep, six thousand camels, a thousand yoke of oxen, a thousand she-asses of the pastures.
१२और यहोवा ने अय्यूब के बाद के दिनों में उसको पहले के दिनों से अधिक आशीष दी; और उसके चौदह हजार भेड़-बकरियाँ, छः हजार ऊँट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदहियाँ हो गईं।
13 And there were born to him seven sons and three daughters.
१३और उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ भी उत्पन्न हुईं।
14 And he called the first Day, and the second Casia, and the third Amalthaea's horn.
१४इनमें से उसने जेठी बेटी का नाम तो यमीमा, दूसरी का कसीआ और तीसरी का केरेन्हप्पूक रखा।
15 And there were not found in comparison with the daughters of Job, fairer [women] than they in all the world: and their father gave them an inheritance among their brethren.
१५और उस सारे देश में ऐसी स्त्रियाँ कहीं न थीं, जो अय्यूब की बेटियों के समान सुन्दर हों, और उनके पिता ने उनको उनके भाइयों के संग ही सम्पत्ति दी।
16 And Job lived after [his] affliction a hundred and seventy years: and all the years he lived were two hundred and forty: and Job saw his sons and his sons' sons, the fourth generation.
१६इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।
17 And Job died, an old man and full of days.
१७अन्त में अय्यूब वृद्धावस्था में दीर्घायु होकर मर गया।