< Esias 17 >

1 THE WORD AGAINST DAMASCUS. Behold, Damascus shall be taken away from among cities, and shall become a ruin;
दमिश्क के विषय भारी भविष्यद्वाणी। देखो, दमिश्क नगर न रहेगा, वह खण्डहर ही खण्डहर हो जाएगा।
2 abandoned for ever, to [be] a fold and resting-place for flocks, and there shall be none to go after them.
अरोएर के नगर निर्जन हो जाएँगे, वे पशुओं के झुण्डों की चराई बनेंगे; पशु उनमें बैठेंगे और उनका कोई भगानेवाला न होगा।
3 And she shall no longer be a strong place for Ephraim to flee to, and there shall no longer be a kingdom in Damascus, or a remnant of Syrians; for you are no better than the children of Israel, [even] than their glory; thus says the Lord of hosts.
एप्रैम के गढ़वाले नगर, और दमिश्क का राज्य और बचे हुए अरामी, तीनों भविष्य में न रहेंगे; और जो दशा इस्राएलियों के वैभव की हुई वही उनकी होगी; सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
4 There shall be in that day a failure of the glory of Jacob, and the riches of his glory shall be shaken.
उस समय याकूब का वैभव घट जाएगा, और उसकी मोटी देह दुबली हो जाएगी।
5 And it shall be as if one should gather standing corn, and reap the grain of the ears; and it shall be as if one should gather ears in a rich valley;
और ऐसा होगा जैसा लवनेवाला अनाज काटकर बालों को अपनी अँकवार में समेटे या रपाईम नामक तराई में कोई सिला बीनता हो।
6 and [as if] there should be left stubble therein, or [as it were] the berries of an olive tree, two or three on the topmost bough, or [as if] four or five should be left on their branches; thus says the Lord, the God of Israel.
तो भी जैसे जैतून वृक्ष के झाड़ते समय कुछ फल रह जाते हैं, अर्थात् फुनगी पर दो-तीन फल, और फलवन्त डालियों में कहीं-कहीं चार-पाँच फल रह जाते हैं, वैसे ही उनमें सिला बिनाई होगी, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
7 In that day a man shall trust in him that made him, and his eyes shall have respect to the Holy One of Israel.
उस समय मनुष्य अपने कर्ता की ओर दृष्टि करेगा, और उसकी आँखें इस्राएल के पवित्र की ओर लगी रहेंगी;
8 And they shall not at all trust in their altars, nor in the works of their hands, which their fingers made; and they shall not look to the trees, nor to their abominations.
वह अपनी बनाई हुई वेदियों की ओर दृष्टि न करेगा, और न अपनी बनाई हुई अशेरा नामक मूरतों या सूर्य की प्रतिमाओं की ओर देखेगा।
9 In that day your cities shall be deserted, as the Amorites and the Evaeans deserted [theirs], because of the children of Israel; and they shall be desolate.
उस समय उनके गढ़वाले नगर घने वन, और उनके निर्जन स्थान पहाड़ों की चोटियों के समान होंगे जो इस्राएलियों के डर के मारे छोड़ दिए गए थे, और वे उजाड़ पड़े रहेंगे।
10 Because you have forsaken God your Saviour, and have not been mindful of the Lord your helper; therefore shall you plant a false plant, and a false seed.
१०क्योंकि तू अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गया और अपनी दृढ़ चट्टान का स्मरण नहीं रखा; इस कारण चाहे तू मनभावने पौधे लगाए और विदेशी कलम जमाये,
11 In the day wherein you shall plant you shall be deceived; but if you sow in the morning, [the seed] shall spring up for a crop in the day wherein you shall obtain an inheritance, and as a man's father, you shall obtain an inheritance for your sons.
११चाहे रोपने के दिन तू अपने चारों और बाड़ा बाँधे, और सवेरे ही को उनमें फूल खिलने लगें, तो भी सन्ताप और असाध्य दुःख के दिन उसका फल नाश हो जाएगा।
12 Woe [to] the multitude of many nations, as the swelling sea, so shall you be confounded; and the force of many nations shall sound like water;
१२हाय, हाय! देश-देश के बहुत से लोगों का कैसा नाद हो रहा है, वे समुद्र की लहरों के समान गरजते हैं। राज्य-राज्य के लोगों का कैसा गर्जन हो रहा है, वे प्रचण्ड धारा के समान नाद करते हैं!
13 many nations like much water, as when much water rushes violently: and they shall drive him away, and pursue him afar, as the dust of chaff when men winnow before the wind, and as a storm whirling the dust of the wheel.
१३राज्य-राज्य के लोग बाढ़ के बहुत से जल के समान नाद करते हैं, परन्तु वह उनको घुड़केगा, और वे दूर भाग जाएँगे, और ऐसे उड़ाए जाएँगे जैसे पहाड़ों पर की भूसी वायु से, और धूल बवण्डर से घुमाकर उड़ाई जाती है।
14 Toward evening, and there shall be grief; before the morning, and he shall not be. This is the portion of them that spoiled you, and the inheritance to them that robbed you of your inheritance.
१४साँझ को, देखो, घबराहट है! और भोर से पहले, वे लोप हो गये हैं! हमारे नाश करनेवालों का भाग और हमारे लूटनेवाले की यही दशा होगी।

< Esias 17 >