< Kings IV 15 >
1 In the twenty-seventh year of Jeroboam king of Israel Azarias the son of Amessias king of Juda began to reign.
इस्राएल के राजा यरोबोअम के शासन के सत्ताईसवें साल में अमाज़्याह के पुत्र अज़रियाह ने यहूदिया पर शासन करना शुरू किया.
2 Sixteen years old was he when he began to reign, and he reigned fifty-two years in Jerusalem: and his mother's name was Jechelia of Jerusalem.
उस समय उसकी उम्र सोलह साल थी. येरूशलेम में उसने बावन साल शासन किया. उसकी माता का नाम यकोलियाह था, वह येरूशलेमवासी थी.
3 And he did that which was right in the eyes of the Lord, according to all things that Amessias his father did.
अज़रियाह ने अपने पिता अमाज़्याह समान वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही है.
4 Only he took not away [any] of the high places: as yet the people sacrificed and burnt incense on the high places.
फिर भी, पूजा स्थलों की वेदियां तोड़ी नहीं गई थी. लोग पूजा स्थलों की वेदियों पर धूप जलाते और बलि चढ़ाते रहे.
5 And the Lord plagued the king, and he was leprous till the day of his death; and he reigned in a separate house. And Joatham the king's son [was] over the household, judging the people of the land.
याहवेह ने राजा की देह पर वार किया, फलस्वरूप वह मरने तक कुष्ठरोगी होकर एक अलग घर में रहता रहा. तब राजपुत्र योथाम प्रजा पर शासन करने लगा.
6 And the rest of the acts of Azarias, and all that he did, [are] not these written in the book of the chronicles of the kings of Juda?
अज़रियाह द्वारा किए गए अन्य काम और उसकी उपलब्धियों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
7 And Azarias slept with his fathers, and they buried him with his fathers in the city of David: and Joatham his son reigned in his stead.
अज़रियाह हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला और उन्होंने उसे उसके पूर्वजों के साथ दावीद के नगर में गाड़ दिया. उसकी जगह पर उसका पुत्र योथाम शासन करने लगा.
8 In the thirty and eighth year of Azarias king of Juda Zacharias the son of Jeroboam began to reign over Israel in Samaria six months.
यहूदिया के राजा अज़रियाह के शासन के अड़तीसवें साल में यरोबोअम के पुत्र ज़करयाह ने शमरिया में इस्राएल पर शासन करना शुरू किया. उसने सिर्फ छः महीने ही शासन किया.
9 And he did that which was evil in the eyes of the Lord, as his fathers had done: he departed not from all the sins of Jeroboam the son of Nabat, who made Israel to sin.
उसने वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था—ठीक जैसा उसके पूर्वजों ने किया था. वह उन पापों से दूर न हुआ, जो नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने शुरू किए और जिन्हें करने के लिए उसने इस्राएल को उकसाया था.
10 And Sellum the son of Jabis [and others] conspired against him, and they struck him [in] Keblaam, and killed him, and he reigned in his stead.
याबेश के पुत्र शल्लूम ने उसके विरुद्ध षड़्यंत्र रचा और उसकी प्रजा के सामने ही उस पर घात कर उसकी हत्या कर दी, और उसके स्थान पर खुद राजा बन गया.
11 And the rest of the acts of Zacharias, behold, they are written in the book of the chronicles of the kings of Israel.
ज़करयाह के अन्य कामों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
12 [This was] the word of the Lord which he spoke to Ju, saying, Your sons of the fourth generation shall sit upon the throne of Israel: and it was so.
याहवेह ने येहू से यह प्रतिज्ञा की थी, “चौथी पीढ़ी तक तुम्हारी संतान इस्राएल के सिंहासन पर बैठेगी.” यह इसी प्रतिज्ञा की पूर्ति है.
13 And Sellum the son of Jabis reigned: and in the thirty and ninth year of Azarias king of Juda began Sellum to reign a full month in Samaria.
यहूदिया के राजा उज्जियाह के शासनकाल के उनचालीसवें साल में याबेश के पुत्र शल्लूम ने शासन करना शुरू किया और उसने शमरिया में एक महीने तक शासन किया.
14 And Manaem the son of Gaddi went up out of Tharsila, and came to Samaria, and struck Sellum the son of Jabis in Samaria, and killed him.
उसी समय गादी का पुत्र मेनाख़ेम तिरज़ाह से शमरिया आ गया और उसने याबेश के पुत्र शल्लूम पर घात कर उसकी हत्या करके उसकी जगह पर स्वयं राजा बन गया.
15 And the rest of the acts of Sellum, and his conspiracy wherein he was engaged, behold, they are written in the book of the chronicles of the kings of Israel.
शल्लूम के बाकी काम और उसके द्वारा रचे गए षड़्यंत्र का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
16 Then Manaem struck both Thersa and all that was in it, and its borders extending beyond Thersa, because they opened not to him: and he struck it, and ripped up the women with child.
इसके बाद मेनाख़ेम ने तिफ़साह नगर पर हमला किया और सारी नगरवासियों को और तिरज़ाह से लेकर सारी सीमावर्ती क्षेत्र को खत्म कर दिया; क्योंकि उन्होंने फाटक खोलने से मना कर दिया था; इसलिये उसने इसे पूरी तरह नाश कर दिया और सभी गर्भवती स्त्रियों के पेट चीर डाले.
17 In the thirty and ninth year of Azarias king of Juda began Manaem the son of Gaddi to reign over Israel in Samaria ten years.
यहूदिया के राजा अज़रियाह के शासन के उनचालीसवें साल में गादी के पुत्र मेनाख़ेम ने इस्राएल पर शासन करना शुरू किया. उसने शमरिया में दस साल शासन किया.
18 And he did that which was evil in the sight of the Lord: he departed not from all the sins of Jeroboam the son of Nabat, who led Israel to sin.
उसने वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था. वह जीवन भर उन पापों से दूर न हुआ, जो नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने इस्राएल को करने के लिए उकसाया था.
19 In his days went up Phua king of the Assyrians against the land: and Manaem gave to Phua a thousand talents of silver to aid him with his power.
अश्शूर के राजा पूल ने राज्य पर हमला किया. मेनाख़ेम ने उसे लगभग पैंतीस टन चांदी इस मंशा से भेंट में दे दी, कि वह उससे अपनी सत्ता को दृढ़ करने में सहायता ले सके.
20 And Manaem raised the silver [by a tax] upon Israel, even on every mighty man in wealth, to give to the king of the Assyrians, fifty shekels [levied] on each man; and the king of the Assyrians departed, and remained not there in the land.
मेनाख़ेम ने इस्राएल के सारे धनी व्यक्तियों पर प्रति व्यक्ति लगभग आधा किलो चांदी का कर लगा दिया कि अश्शूर के राजा को यह भेंट में दी जा सके. तब अश्शूर का राजा वहां से लौट गया. वह उस देश में और अधिक नहीं ठहरा.
21 And the rest of the acts of Manaem, and all that he did, behold, are not these written in the book of the chronicles of the kings of Israel?
मेनाख़ेम के अन्य कामों और उसकी उपलब्धियों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
22 And Manaem slept with his fathers; and Phakesias his son reigned in his stead.
मेनाख़ेम हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला और उसके स्थान पर उसका पुत्र पेकाहियाह शासन करने लगा.
23 In the fifties year of Azarias king of Juda, began Phakesias the son of Manaem to reign over Israel in Samaria two years.
यहूदिया के राजा अज़रियाह के शासन के पचासवें साल में मेनाख़ेम के पुत्र पेकाहियाह ने शमरिया में इस्राएल पर शासन प्रारंभ किया. उसका शासनकाल दो साल का था.
24 And he did that which was evil in the sight of the Lord: he departed not from the sins of Jeroboam the son of Nabat, who made Israel to sin.
उसने वह किया जो याहवेह की दृष्टि में गलत था. वह उन पापों से विमुख न हुआ, जिन्हें करने के लिए नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने इस्राएल को उकसाया था.
25 And Phakee the son of Romelias, his officer, conspired against him, and struck him in Samaria in the front of the king's house, with Argob and Aria, and with him [there were] fifty men of the four hundred: and he killed him, and reigned in his stead.
उसके सेनानायक पेकाह, रेमालियाह के पुत्र, ने गिलआद के पचास व्यक्तियों के साथ मिलकर उसके विरुद्ध षड़्यंत्र रचा और शमरिया में राजमहल के गढ़ में अरगोब और अरिएह के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी, और स्वयं उसके स्थान पर राजा बन गया.
26 And the rest of the acts of Phakesias, and all that he did, behold, they are written in the book of the chronicles of the kings of Israel.
पेकाहियाह द्वारा किए गए अन्य कार्य और उसकी सारी उपलब्धियों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
27 In the fifty-second year of Azarias king of Juda began Phakee the son of Romelias to reign over Israel in Samaria twenty years.
यहूदिया के राजा अज़रियाह के शासन के बावनवें साल में रेमालियाह के पुत्र पेकाह ने शमरिया में शासन करना शुरू किया. उसने बीस साल शासन किया.
28 And he did that which was evil in the eyes of the Lord: he departed not from all the sins of Jeroboam the son of Nabat, who led Israel to sin.
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था. वह उन पापों से दूर न हुआ, जो नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने इस्राएल को करने के लिए उकसाया था.
29 In the days of Phakee king of Israel came Thalgath-phellasar king of the Assyrians, and took Ain, and Abel, and Thamaacha, and Anioch, and Kenez, and Asor, and Galaa, and Galilee, [even] all the land of Nephthali, and carried them away to the Assyrians.
इस्राएल के राजा पेकाह के शासनकाल में अश्शूर के राजा तिगलथ-पलेसेर ने हमला किया और इयोन, बेथ-माकाह के आबेल, यानोहा, केदेश, हाज़ोर, गिलआद, गलील और नफताली का सारा इलाका अपने अधीन कर लिया. इन सभी को बंदी बनाकर वह अश्शूर ले गया.
30 And Osee son of Ela formed a conspiracy against Phakee the son of Romelias, and struck him, and killed him, and reigned in his stead, in the twentieth year of Joatham the son of Azarias.
उसी समय एलाह के पुत्र होशिया ने पेकाह के विरुद्ध षड़्यंत्र रचा, उस पर वार किया, और उसकी हत्या कर दी, और उसके स्थान पर राजा बन गया. यह घटना उज्जियाह के पुत्र योथाम के शासन के बीसवें साल में हुई.
31 And the rest of the acts of Phakee, and all that he did, behold, these [are] written in the book of the chronicles of the kings of Israel.
पेकाह द्वारा किए गए अन्य कार्य और उसकी सारी उपलब्धियों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
32 In the second year of Phakee son of Romelias king of Israel began Joatham the son of Azarias king of Juda to reign.
इस्राएल के राजा रेमालियाह के पुत्र पेकाह के शासनकाल के दूसरे साल में उज्जियाह के पुत्र योथाम ने यहूदिया पर शासन शुरू किया.
33 Twenty and five years old was he when he began to reign, and he reigned sixteen years in Jerusalem: and his mother's name [was] Jerusa daughter of Sadoc.
शासन शुरू करते समय उसकी उम्र पच्चीस साल थी. उसने येरूशलेम में सोलह साल शासन किया. उसकी माता का नाम येरूशा था, वह सादोक की पुत्री थी.
34 And he did that which was right in the sight of the Lord, according to all things that his father Azarias did.
योथाम ने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था. उसने वही सब किया, जो उसके पिता उज्जियाह ने किया था.
35 Nevertheless he took not away the high places: as yet the people sacrificed and burnt incense on the high places. He built the upper gate of the Lord's house.
फिर भी, पूजा स्थलों की वेदियां तोड़ी नहीं गई थी. लोग पूजा स्थलों की वेदियों पर धूप जलाते और बलि चढ़ाते रहे. योथाम ने याहवेह के भवन के ऊपरी द्वार को बनवाया.
36 And the rest of the acts of Joatham, and all that he did, [are] not these written in the book of the chronicles of the kings of Juda?
योथाम द्वारा किए गए अन्य कार्य और उसकी अन्य उपलब्धियों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
37 In those days the Lord began to send forth against Juda Raasson king of Syria, and Phakee son of Romelias.
इन्हीं दिनों में याहवेह ने यहूदिया के विरुद्ध अराम देश के राजा रेज़िन और रेमालियाह के पुत्र पेकाह को हमले के उद्देश्य से भेजना शुरू कर दिया था.
38 And Joatham slept with his fathers, and was buried with his fathers in the city of David his father: and Achaz his son reigned in his stead.
योथाम हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला और उसे उसके पूर्वजों के साथ दावीद के नगर में गाड़ दिया गया. उसके स्थान पर उसका पुत्र आहाज़ राजा बना.