< Kings IV 1 >
1 And Moab rebelled against Israel after the death of Achaab.
१अहाब के मरने के बाद मोआब इस्राएल के विरुद्ध बलवा करने लगा।
2 And Ochozias fell through the lattice that was in his upper chamber in Samaria and was sick; and he sent messengers, and said to them, Go and enquire of Baal fly, the god of Accaron, whether I shall recover of this my sickness. And they went to enquire of him.
२अहज्याह एक जालीदार खिड़की में से, जो सामरिया में उसकी अटारी में थी, गिर पड़ा, और बीमार हो गया। तब उसने दूतों को यह कहकर भेजा, “तुम जाकर एक्रोन के बाल-जबूब नामक देवता से यह पूछ आओ, कि क्या मैं इस बीमारी से बचूँगा कि नहीं?”
3 And an angel of the Lord called Eliu the Thesbite, saying, Arise, and go to meet the messengers of Ochozias king of Samaria, and you shall say to them, [Is it] because there is no God in Israel, [that] you go to enquire of Baal fly, the God of Accaron? but [it shall] not [be] so.
३तब यहोवा के दूत ने तिशबी एलिय्याह से कहा, “उठकर सामरिया के राजा के दूतों से मिलने को जा, और उनसे कह, ‘क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं जो तुम एक्रोन के बाल-जबूब देवता से पूछने जाते हो?’
4 For thus says the Lord, The bed on which you are gone up, you shall not come down from it, for you shall surely die. And Eliu went, and said [so] to them.
४इसलिए अब यहोवा तुझ से यह कहता है, ‘जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’” तब एलिय्याह चला गया।
5 And the messengers returned to him, and he said to them, Why have you returned?
५जब अहज्याह के दूत उसके पास लौट आए, तब उसने उनसे पूछा, “तुम क्यों लौट आए हो?”
6 And they said to him, A man came up to meet us, and said to us, Go, return to the king that sent you, and say to him, Thus says the Lord, [Is it] because there is no God in Israel, [that] you go to enquire of Baal fly, the God of Accaron? [it shall] not [be] so: the bed on which you are gone up, you shall not come down from it, for you shall surely die.
६उन्होंने उससे कहा, “एक मनुष्य हम से मिलने को आया, और कहा कि, ‘जिस राजा ने तुम को भेजा उसके पास लौटकर कहो, यहोवा यह कहता है, कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बाल-जबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’”
7 So they returned and reported to the king as Eliu said: and he said to them, What [was] the manner of the man who went up to meet you, and spoke to you these words?
७उसने उनसे पूछा, “जो मनुष्य तुम से मिलने को आया, और तुम से ये बातें कहीं, उसका कैसा रंग-रूप था?”
8 And they said to him, [He was] a hairy man, and girded with a leather girdle about his loins. And he said, This is Eliu the Thesbite.
८उन्होंने उसको उत्तर दिया, “वह तो रोंआर मनुष्य था और अपनी कमर में चमड़े का फेंटा बाँधे हुए था।” उसने कहा, “वह तिशबी एलिय्याह होगा।”
9 And he sent to him a captain of fifty and his fifty; and he went up to him: and, behold, Eliu sat on the top of a mountain. And the captain of fifty spoke to him, and said, O man of God, the king has called you, come down.
९तब उसने उसके पास पचास सिपाहियों के एक प्रधान को उसके पचासों सिपाहियों समेत भेजा। प्रधान ने एलिय्याह के पास जाकर क्या देखा कि वह पहाड़ की चोटी पर बैठा है। उसने उससे कहा, “हे परमेश्वर के भक्त राजा ने कहा है, ‘तू उतर आ।’”
10 And Eliu answered and said to the captain of fifty, And if I [am] a man of God, fire shall come down out of heaven, and devour you and your fifty. And fire came down out of heaven, and devoured him and his fifty.
१०एलिय्याह ने उस पचास सिपाहियों के प्रधान से कहा, “यदि मैं परमेश्वर का भक्त हूँ तो आकाश से आग गिरकर तुझे तेरे पचासों समेत भस्म कर डाले।” तब आकाश से आग उतरी और उसे उसके पचासों समेत भस्म कर दिया।
11 And the king sent a second time to him another captain of fifty, and his fifty. And the captain of fifty spoke to him, and said, O man of God, thus says the king, Come down quickly.
११फिर राजा ने उसके पास पचास सिपाहियों के एक और प्रधान को, पचासों सिपाहियों समेत भेज दिया। प्रधान ने उससे कहा, “हे परमेश्वर के भक्त राजा ने कहा है, ‘फुर्ती से तू उतर आ।’”
12 And Eliu answered and spoke to him, and said, If I [am] a man of God, fire shall come down out of heaven, and devour you and your fifty. And fire came down out of heaven, and devoured him and his fifty.
१२एलिय्याह ने उत्तर देकर उनसे कहा, “यदि मैं परमेश्वर का भक्त हूँ तो आकाश से आग गिरकर तुझे और तेरे पचासों समेत भस्म कर डाले।” तब आकाश से परमेश्वर की आग उतरी और उसे उसके पचासों समेत भस्म कर दिया।
13 And the king sent yet again a captain and his fifty. And the third captain of fifty came, and knelt on his knees before Eliu, and entreated him, and spoke to him and said, O man of God, let my life, and the life of these fifty your servants, be precious in your eyes.
१३फिर राजा ने तीसरी बार पचास सिपाहियों के एक और प्रधान को, पचासों सिपाहियों समेत भेज दिया, और पचास का वह तीसरा प्रधान चढ़कर, एलिय्याह के सामने घुटनों के बल गिरा, और गिड़गिड़ाकर उससे विनती की, “हे परमेश्वर के भक्त मेरा प्राण और तेरे इन पचास दासों के प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरें।
14 Behold, fire came down from heaven, and devoured the two first captains of fifty: and now, I pray, let my life be precious in your eyes.
१४पचास-पचास सिपाहियों के जो दो प्रधान अपने-अपने पचासों समेत पहले आए थे, उनको तो आग ने आकाश से गिरकर भस्म कर डाला, परन्तु अब मेरा प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरे।”
15 And the angel of the Lord spoke to Eliu, and said, Go down with him, be not afraid of them. And Eliu rose up, and went down with him to the king.
१५तब यहोवा के दूत ने एलिय्याह से कहा, “उसके संग नीचे जा, उससे मत डर।” तब एलिय्याह उठकर उसके संग राजा के पास नीचे गया,
16 And Eliu spoke to him, and said, Thus says the Lord, Why have you sent messengers to enquire of Baal fly, the god of Accaron? [it shall] not [be] so: the bed on which you are gone up, you shall not come down from it, for you shall surely die.
१६और उससे कहा, “यहोवा यह कहता है, ‘तूने तो एक्रोन के बाल-जबूब देवता से पूछने को दूत भेजे थे तो क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं कि जिससे तू पूछ सके? इस कारण तू जिस पलंग पर पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’”
17 So he died according to the word of the Lord which Eliu has spoken.
१७यहोवा के इस वचन के अनुसार जो एलिय्याह ने कहा था, वह मर गया। और उसकी सन्तान न होने के कारण यहोराम उसके स्थान पर यहूदा के राजा यहोशापात के पुत्र यहोराम के दूसरे वर्ष में राज्य करने लगा।
18 And the rest of the acts of Ochozias which he did, behold, [are] they not written in the book of the chronicles of the kings of Israel?
१८अहज्याह के और काम जो उसने किए वह क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?