< Deuteronomy 2 >
1 Then we turned, and took our journey into the wilderness by the way of the Red sea, as the LORD spake unto me: and we compassed mount Seir many days.
“और जैसा ख़ुदावन्द ने मुझे हुक्म दिया था, उसके मुताबिक़ हम लौटे और बहर — ए — कु़लजु़म की राह से वीराने में आए और बहुत दिनों तक कोह — ए — श'ईर के बाहर — बाहर चलते रहे।
2 And the LORD spake unto me, saying,
तब ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा, कि:
3 Ye have compassed this mountain long enough: turn you northward.
तुम इस पहाड़ के बाहर — बाहर बहुत चल चुके; उत्तर की तरफ़ मुड़ जाओ,
4 And command thou the people, saying, Ye [are] to pass through the coast of your brethren the children of Esau, which dwell in Seir; and they shall be afraid of you: take ye good heed unto yourselves therefore:
और तू इन लोगों को ताकीद कर दे कि तुमको बनी 'ऐसौ, तुम्हारे भाई जो श'ईर में रहते हैं उनकी सरहद के पास से होकर जाना है, और वह तुमसे हिरासान होंगे। इसलिए तुम ख़ूब एहतियात रखना,
5 Meddle not with them; for I will not give you of their land, no, not so much as a foot breadth; because I have given mount Seir unto Esau [for] a possession.
और उनको मत छेड़ना; क्यूँकि मैं उनकी ज़मीन में से पाँव धरने तक की जगह भी तुमको नहीं दूँगा, इसलिए कि मैंने कोह — ए — श'ईर 'ऐसौ को मीरास में दिया है।
6 Ye shall buy meat of them for money, that ye may eat; and ye shall also buy water of them for money, that ye may drink.
तुम रुपये देकर अपने खाने के लिए उनसे ख़ुराक ख़रीदना, और पीने के लिए पानी भी रुपया देकर उनसे मोल लेना।
7 For the LORD thy God hath blessed thee in all the works of thy hand: he knoweth thy walking through this great wilderness: these forty years the LORD thy God [hath been] with thee; thou hast lacked nothing.
क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा तेरे हाथ की कमाई में बरकत देता रहा है, और इस बड़े वीराने में जो तुम्हारा चलना फिरना है वह उसे जानता है। इन चालीस बरसों में ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा बराबर तुम्हारे साथ रहा और तुझको किसी चीज़ की कमी नहीं हुई।
8 And when we passed by from our brethren the children of Esau, which dwelt in Seir, through the way of the plain from Elath, and from Ezion-gaber, we turned and passed by the way of the wilderness of Moab.
इसलिए हम अपने भाइयों बनी 'ऐसौ के पास से जो श'ईर में रहते हैं, कतरा कर मैदान की राह से ऐलात और 'अस्यून जाबर होते हुए गुज़रे।” फिर हम मुड़े और मोआब के वीराने के रास्ते से चले।
9 And the LORD said unto me, Distress not the Moabites, neither contend with them in battle: for I will not give thee of their land [for] a possession; because I have given Ar unto the children of Lot [for] a possession.
फिर ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा, कि मोआबियों को न तो सताना और न उनसे जंग करना; इसलिए कि मैं तुझको उनकी ज़मीन का कोई हिस्सा मिल्कियत के तौर पर नहीं दूँगा, क्यूँकि मैंने 'आर को बनी लूत की मीरास कर दिया है।
10 The Emims dwelt therein in times past, a people great, and many, and tall, as the Anakims;
वहाँ पहले ऐमीम बसे हुए थे जो 'अनाक़ीम की तरह बड़े — बड़े और लम्बे — लम्बे और शुमार में बहुत थे।
11 Which also were accounted giants, as the Anakims; but the Moabites call them Emims.
और 'अनाक़ीम ही की तरह वह भी रिफ़ाईम में गिने जाते थे, लेकिन मोआबी उनको ऐमीम कहते हैं।
12 The Horims also dwelt in Seir beforetime; but the children of Esau succeeded them, when they had destroyed them from before them, and dwelt in their stead; as Israel did unto the land of his possession, which the LORD gave unto them.
और पहले श'ईर में होरी क़ौम के लोग बसे हुए थे, लेकिन बनी 'ऐसौ ने उनको निकाल दिया और उनको अपने सामने से बर्बाद करके आप उनकी जगह बस गए, जैसे इस्राईल ने अपनी मीरास के मुल्क में किया जिसे ख़ुदावन्द ने उनको दिया।
13 Now rise up, [said I], and get you over the brook Zered. And we went over the brook Zered.
अब उठो और वादी — ए — ज़रद के पार जाओ। चुनाँचे हम वादी — ए — ज़रद से पार हुए।
14 And the space in which we came from Kadesh-barnea, until we were come over the brook Zered, [was] thirty and eight years; until all the generation of the men of war were wasted out from among the host, as the LORD sware unto them.
और हमारे क़ादिस बर्नी'अ से रवाना होने से लेकर वादी — ए — ज़रद के पार होने तक अठतीस बरस का 'अरसा गुज़रा। इस असना में ख़ुदावन्द की क़सम के मुताबिक़ उस नसल के सब जंगी मर्द लश्कर में से मर खप गए।
15 For indeed the hand of the LORD was against them, to destroy them from among the host, until they were consumed.
और जब तक वह नाबूद न हो गए तब तक ख़ुदावन्द का हाथ उनको लश्कर में से हलाक करने को उनके ख़िलाफ़ बढ़ा ही रहा।
16 So it came to pass, when all the men of war were consumed and dead from among the people,
जब सब जंगी मर्द मर गए और क़ौम में से फ़ना हो गए
17 That the LORD spake unto me, saying,
तो ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा,
18 Thou art to pass over through Ar, the coast of Moab, this day:
आज तुझे 'आर शहर से होकर जो मोआब की सरहद है गुज़रना है।
19 And [when] thou comest nigh over against the children of Ammon, distress them not, nor meddle with them: for I will not give thee of the land of the children of Ammon [any] possession; because I have given it unto the children of Lot [for] a possession.
और जब तू बनी 'अम्मोन के क़रीब जा पहुँचे, तो उन को मत सताना और न उनको छेड़ना, क्यूँकि मैं बनी 'अम्मोन की ज़मीन का कोई हिस्सा तुझे मीरास के तौर पर नहीं दूँगा इसलिए कि उसे मैंने बनी लूत को मीरास में दिया है।
20 (That also was accounted a land of giants: giants dwelt therein in old time; and the Ammonites call them Zamzummims;
वह मुल्क भी रिफ़ाईम का गिना जाता था, क्यूँकि पहले रफ़ाईम जिनको 'अम्मोनी लोग ज़मज़मीम कहते थे वहाँ बसे हुए थे।
21 A people great, and many, and tall, as the Anakims; but the LORD destroyed them before them; and they succeeded them, and dwelt in their stead:
यह लोग भी 'अनाक़ीम की तरह बड़े — बड़े और लम्बे — लम्बे और शुमार में बहुत थे, लेकिन ख़ुदावन्द ने उनको 'अम्मोनियों के सामने से हलाक किया, और वह उनको निकाल कर उनकी जगह आप बस गए।
22 As he did to the children of Esau, which dwelt in Seir, when he destroyed the Horims from before them; and they succeeded them, and dwelt in their stead even unto this day:
ठीक वैसे ही जैसे उसने बनी 'ऐसौ के सामने से जो श'ईर में रहते थे होरियों को हलाक किया, और वह उनको निकाल कर आज तक उन ही की जगह बसे हुए हैं।
23 And the Avims which dwelt in Hazerim, [even] unto Azzah, the Caphtorims, which came forth out of Caphtor, destroyed them, and dwelt in their stead.)
ऐसे ही 'अवियों को जो अपनी बस्तियों में ग़ज़्ज़ा तक बसे हुए थे, कफ़तूरियों ने जो कफ़तूरा से निकले थे हलाक किया और उनकी जगह आप बस गए
24 Rise ye up, take your journey, and pass over the river Arnon: behold, I have given into thine hand Sihon the Amorite, king of Heshbon, and his land: begin to possess [it], and contend with him in battle.
इसलिए उठो, और वादी — ए — अरनून के पार जाओ। देखो, मैंने हस्बोन के बादशाह सीहोन को, जो अमोरी है उसके मुल्क समेत तुम्हारे हाथ में कर दिया है; इसलिए उस पर क़ब्ज़ा करना शुरू' करो और उससे जंग छेड़ दो।
25 This day will I begin to put the dread of thee and the fear of thee upon the nations [that are] under the whole heaven, who shall hear report of thee, and shall tremble, and be in anguish because of thee.
मैं आज ही से तुम्हारा ख़ौफ़ और रौब उन क़ौमों के दिल में डालना शुरू' करूँगा जो इस ज़मीन पर रहती हैं, वह तुम्हारी ख़बर सुनेंगी और काँपेंगी, और तुम्हारी वजह से बेताब हो जाएँगी।
26 And I sent messengers out of the wilderness of Kedemoth unto Sihon king of Heshbon with words of peace, saying,
“और मैंने दश्त — ए — क़दीमात से हस्बोन के बादशाह सीहोन के पास सुलह के पैग़ाम के साथ क़ासिद रवाना किए और कहला भेजा, कि
27 Let me pass through thy land: I will go along by the high way, I will neither turn unto the right hand nor to the left.
मुझे अपने मुल्क से गुज़र जाने दे; मैं शाहराह से होकर चलूँगा और दहने और बाएँ हाथ नहीं मुड़ूँगा
28 Thou shalt sell me meat for money, that I may eat; and give me water for money, that I may drink: only I will pass through on my feet;
तू रुपये लेकर मेरे हाथ मेरे खाने के लिए ख़ुराक बेचना, और मेरे पीने के लिए पानी भी मुझे रुपया लेकर देना; सिर्फ़ मुझे पाँव — पाँव निकल जाने दे,
29 (As the children of Esau which dwell in Seir, and the Moabites which dwell in Ar, did unto me; ) until I shall pass over Jordan into the land which the LORD our God giveth us.
जैसे बनी 'ऐसौ ने जो श'ईर में रहते हैं, और मोआबियों ने जो 'आर शहर में बसते हैं। मेरे साथ किया; जब तक कि मैं यरदन को उबूर करके उस मुल्क में पहुँच न जाऊँ जो ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा हमको देता है।
30 But Sihon king of Heshbon would not let us pass by him: for the LORD thy God hardened his spirit, and made his heart obstinate, that he might deliver him into thy hand, as [appeareth] this day.
लेकिन हस्बोन के बादशाह सीहोन ने हमको अपने हाँ से गुज़रने न दिया; क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने उसका मिज़ाज कड़ा और उसका दिल सख़्त कर दिया ताकि उसे तेरे हाथ में हवाले कर दे, जैसा आज ज़ाहिर है।
31 And the LORD said unto me, Behold, I have begun to give Sihon and his land before thee: begin to possess, that thou mayest inherit his land.
और ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा, देख, मैं सीहोन और उसके मुल्क को तेरे हाथ में हवाले करने को हूँ, इसलिए तू उस पर क़ब्ज़ा करना शुरू' कर, ताकि वह तेरी मीरास ठहरे।
32 Then Sihon came out against us, he and all his people, to fight at Jahaz.
तब सीहोन अपने सब आदमियों को लेकर हमारे मुक़ाबले में निकला और जंग करने के लिए यहज़ में आया।
33 And the LORD our God delivered him before us; and we smote him, and his sons, and all his people.
और ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने उसे हमारे हवाले कर दिया; और हमने उसे, और उसके बेटों को, और उसके सब आदमियों को मार लिया।
34 And we took all his cities at that time, and utterly destroyed the men, and the women, and the little ones, of every city, we left none to remain:
और हमने उसी वक़्त उसके सब शहरों को ले लिया, और हर आबाद शहर को 'औरतों और बच्चों समेत बिल्कुल नाबूद कर दिया और किसी को बाक़ी न छोड़ा;
35 Only the cattle we took for a prey unto ourselves, and the spoil of the cities which we took.
लेकिन चौपायों को और शहरों के माल को जो हमारे हाथ लगा लूट कर हमने अपने लिए रख लिया।
36 From Aroer, which [is] by the brink of the river of Arnon, and [from] the city that [is] by the river, even unto Gilead, there was not one city too strong for us: the LORD our God delivered all unto us:
और 'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनोन के किनारे है, और उस शहर से जो वादी में है, जिल'आद तक ऐसा कोई शहर न था जिसको सर करना हमारे लिए मुश्किल हुआ; ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने सबको हमारे क़ब्ज़े में कर दिया।
37 Only unto the land of the children of Ammon thou camest not, [nor] unto any place of the river Jabbok, nor unto the cities in the mountains, nor unto whatsoever the LORD our God forbad us.
लेकिन बनी 'अम्मोन के मुल्क के नज़दीक और दरिया — ए — यबोक़ का 'इलाक़ा और कोहिस्तान के शहरों में और जहाँ — जहाँ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने हमको मना' किया था तो नहीं गया।