< 1 Chronicles 27 >

1 Now the children of Israel after their number, to wit, the chief fathers and captains of thousands and hundreds, and their officers that served the king in any matter of the courses, which came in and went out month by month throughout all the months of the year, of every course were twenty and four thousand.
नीचे दी गई सूची इस्राएली परिवारों के प्रधानों और सहस्रपति और शतपति, सेनापतियों की और उनकी भी है, जो राजा की सेवा उनसे संबंधित सभी विषयों में करते रहते थे. हर एक टुकड़ी से यह उम्मीद की जाती थी कि साल में एक महीने सेवा करे. हर एक टुकड़ी की संख्या थी 24,000.
2 Over the first course for the first month was Jashobeam the son of Zabdiel: and in his course were twenty and four thousand.
ज़ाबदिएल का पुत्र यासोबअम पहली टुकड़ी का अधिकारी था, जिसे पहले महीने में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी. उसकी टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
3 Of the children of Perez was the chief of all the captains of the army for the first month.
वह पेरेज़ का वंशज था. वह पहले महीने में सभी सैन्य अधिकारियों का प्रमुख था.
4 And over the course of the second month was Dodai an Ahohite, and of his course was Mikloth also the ruler: in his course likewise were twenty and four thousand.
अहोही दोदाई दूसरे महीने के लिए ठहराई गई टुकड़ी का अधिकारी था; मिकलोथ उनका प्रमुख अधिकारी था. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
5 The third captain of the army for the third month was Benaiah the son of Jehoiada, a chief priest: and in his course were twenty and four thousand.
तीसरे महीने के लिए ठहराई गई टुकड़ी का अधिकारी था यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
6 This is that Benaiah, who was mighty among the thirty, and above the thirty: and in his course was Ammizabad his son.
यह वही बेनाइयाह था जो तीस वीरों में से एक वीर सैनिक था. उसके बाद उसका पुत्र अम्मीज़ाबाद इस समूह के सेनापति के रूप में चुना गया.
7 The fourth captain for the fourth month was Asahel the brother of Joab, and Zebadiah his son after him: and in his course were twenty and four thousand.
चौथे महीने, योआब का भाई आसाहेल. उसके बाद उसका पुत्र ज़ेबादिया सेनापति बना. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
8 The fifth captain for the fifth month was Shamhuth the Izrahite: and in his course were twenty and four thousand.
पांचवें महीने, इज़हार का वंशज समहूथ. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
9 The sixth captain for the sixth month was Ira the son of Ikkesh the Tekoite: and in his course were twenty and four thousand.
छठे महीने, तकोआवासी इक्‍केश का पुत्र ईरा. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
10 The seventh captain for the seventh month was Helez the Pelonite, of the children of Ephraim: and in his course were twenty and four thousand.
सातवें महीने, पेलोन नगर से एफ्राईमवासी हेलेस, इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
11 The eighth captain for the eighth month was Sibbecai the Hushathite, of the Zarhites: and in his course were twenty and four thousand.
आठवें महीने, हुशाथी नगर का सिब्बेकाई. वह यहूदाह गोत्र के ज़ेरा वंश का सदस्य था. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
12 The ninth captain for the ninth month was Abi–ezer the Anetothite, of the Benjamites: and in his course were twenty and four thousand.
नवें महीने, बिन्यामिन गोत्र के क्षेत्र के अनाथोथ नगर से अबीएज़ेर. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
13 The tenth captain for the tenth month was Maharai the Netophathite, of the Zarhites: and in his course were twenty and four thousand.
दसवें महीने, नेतोफ़ा नगर से माहाराई इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
14 The eleventh captain for the eleventh month was Benaiah the Pirathonite, of the children of Ephraim: and in his course were twenty and four thousand.
ग्यारहवें महीने, एफ्राईम गोत्र के प्रदेश के पिराथोन नगर का बेनाइयाह. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
15 The twelfth captain for the twelfth month was Heldai the Netophathite, of Othniel: and in his course were twenty and four thousand.
बारहवें महीने, नेतोफ़ा से हेल्दाई, जो ओथनीएल का वंशज था. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
16 Furthermore over the tribes of Israel: the ruler of the Reubenites was Eliezer the son of Zichri: of the Simeonites, Shephatiah the son of Maachah:
इस्राएल के गोत्रों का प्रबंधन: रियूबेन: ज़ीकरी का पुत्र एलिएज़र; शिमओन: माकाह का पुत्र शेपाथियाह;
17 Of the Levites, Hashabiah the son of Kemuel: of the Aaronites, Zadok:
लेवी: केमुएल का पुत्र हशाबियाह; अहरोन: ज़ादोक;
18 Of Judah, Elihu, one of the brethren of David: of Issachar, Omri the son of Michael:
यहूदाह: राजा दावीद का एक भाई एलिहू; इस्साखार: मिखाएल का पुत्र ओमरी;
19 Of Zebulun, Ishmaiah the son of Obadiah: of Naphtali, Jerimoth the son of Azriel:
ज़ेबुलून: ओबदयाह का पुत्र इशमाइया; नफताली: अज़रिएल का पुत्र येरीमोथ;
20 Of the children of Ephraim, Hoshea the son of Azaziah: of the half tribe of Manasseh, Joel the son of Pedaiah:
एफ्राईम: अज़रियाह का पुत्र होशिया; पश्चिमी मनश्शेह: पेदाइयाह का पुत्र योएल;
21 Of the half tribe of Manasseh in Gilead, Iddo the son of Zechariah: of Benjamin, Jaasiel the son of Abner:
पूर्वी (गिलआद) मनश्शेह: ज़करयाह का पुत्र इद्दो; बिन्यामिन: अबनेर का पुत्र यआसिएल;
22 Of Dan, Azareel the son of Jeroham. These were the princes of the tribes of Israel.
दान: येरोहाम का पुत्र अज़रेल. ये थे इस्राएल के गोत्रों के प्रमुख.
23 But David took not the number of them from twenty years old and under: because Yhwh had said he would increase Israel like to the stars of the heavens.
दावीद ने याहवेह की उस प्रतिज्ञा को याद करके, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस्राएल को आकाश के तारों के समान अनगिनत बना देंगे, गिनती में उन्हें शामिल नहीं किया था, जिनकी उम्र बीस साल या इससे कम थी.
24 Joab the son of Zeruiah began to number, but he finished not, because there fell wrath for it against Israel; neither was the number put in the account of the chronicles of king David.
ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब ने उन्हें शामिल करना शुरू किया ही था, मगर इसे पूरा नहीं किया. फिर भी इसके लिए इस्राएल परमेश्वर के क्रोध का शिकार बन गया. वास्तविक गिनती राजा दावीद के इतिहास की पुस्तक में शामिल न की जा सकी.
25 And over the king’s treasures was Azmaveth the son of Adiel: and over the storehouses in the fields, in the cities, and in the villages, and in the castles, was Jehonathan the son of Uzziah:
आदिएल का पुत्र अज़मावेथ राजा के राज भंड़ारों का अधीक्षक था. उज्जियाह का पुत्र योनातन छोटे नगरों के भंड़ारों, गांवों, खेतों और मीनारों का अधीक्षक था.
26 And over them that did the work of the field for tillage of the ground was Ezri the son of Chelub:
केलुब का पुत्र एज़री कृषि—मजदूरों का अधीक्षक था.
27 And over the vineyards was Shimei the Ramathite: over the increase of the vineyards for the wine cellars was Zabdi the Shiphmite:
रामाह का शिमेई अंगूर के खेतों का अधीक्षक था. शेफ़ामवासी ज़ब्दी अंगूर के खेतों से आनेवाली दाखमधु की देखभाल और भंड़ारण करने का अधीक्षक था.
28 And over the olive trees and the sycomore trees that were in the low plains was Baal–hanan the Gederite: and over the cellars of oil was Joash:
गेदेर का बाल-हनन पश्चिमी पहाड़ी प्रदेश में जैतून और देवदार वृक्षों का अधीक्षक था. योआश जैतून के तेल के भंडारण का अधीक्षक था.
29 And over the herds that fed in Sharon was Shitrai the Sharonite: and over the herds that were in the valleys was Shaphat the son of Adlai:
शारोन का शितराई शारोन क्षेत्र में पशुओं का अधीक्षक था. अदलाई का पुत्र शाफात घाटियों में पशुओं का अधीक्षक था.
30 Over the camels also was Obil the Ishmaelite: and over the donkeys was Jehdeiah the Meronothite:
इशमाएली व्यक्ति ओबिल ऊंटों का अधीक्षक था. मेरोनोथ का येहदेइया गधों का अधीक्षक था.
31 And over the flocks was Jaziz the Hagerite. All these were the rulers of the substance which was king David’s.
हग्रियों नगरवासी याज़ीज़ भेड़-बकरियों का अधीक्षक था. ये ही सब थे राजा दावीद के धन-संपत्ति के अधिकारी.
32 Also Jonathan David’s uncle was a counsellor, a wise man, and a scribe: and Jehiel the son of Hachmoni was with the king’s sons:
दावीद के चाचा योनातन उनके सलाहकार थे. उनमें सूझ-बूझ थी, वह लेखक भी थे. उनके अलावा हकमोनी का पुत्र येहिएल राजपुत्रों का शिक्षक था.
33 And Ahithophel was the king’s counsellor: and Hushai the Archite was the king’s companion:
अहीतोफ़ेल राजा का सलाहकार था. अर्की हुशाई राजा का सलाहकार मित्र था.
34 And after Ahithophel was Jehoiada the son of Benaiah, and Abiathar: and the general of the king’s army was Joab.
(बेनाइयाह का पुत्र यहोयादा और अबीयाथर अहीतोफ़ेल के बाद उनकी जगह पर सलाहकार हुए.) योआब राजा की सेना का सेनापति था.

< 1 Chronicles 27 >