< Psalms 18 >

1 I will love thee, O YHWH, my strength.
ऐ ख़ुदावन्द, ऐ मेरी ताक़त! मैं तुझसे मुहब्बत रखता हूँ।
2 YHWH is my rock, and my fortress, and my deliverer; my El, my strength, in whom I will trust; my buckler, and the horn of my salvation, and my high tower.
ख़ुदावन्द मेरी चट्टान, और मेरा किला और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ख़ुदा, मेरी चट्टान जिस पर मैं भरोसा रखूँगा, मेरी ढाल और मेरी नजात का सींग, मेरा ऊँचा बुर्ज।
3 I will call upon YHWH, who is worthy to be praised: so shall I be saved from mine enemies.
मैं ख़ुदावन्द को, जो सिताइश के लायक़ है पुकारूँगा। यूँ मैं अपने दुश्मनों से बचाया जाऊँगा।
4 The sorrows of death compassed me, and the floods of destruction made me afraid.
मौत की रस्सियों ने मुझे घेर लिया, और बेदीनी के सैलाबों ने मुझे डराया;
5 The sorrows of hell compassed me about: the snares of death prevented me. (Sheol h7585)
पाताल की रस्सियाँ मेरे चारों तरफ़ थीं, मौत के फंदे मुझ पर आ पड़े थे। (Sheol h7585)
6 In my distress I called upon YHWH, and cried unto my Elohim: he heard my voice out of his temple, and my cry came before him, even into his ears.
अपनी मुसीबत में मैंने ख़ुदावन्द को पुकाराः और अपने ख़ुदा से फ़रियाद की; उसने अपनी हैकल में से मेरी आवाज़ सुनी, और मेरी फ़रियाद जो उसके सामने थी, उसके कान में पहुँची।
7 Then the earth shook and trembled; the foundations also of the hills moved and were shaken, because he was wroth.
तब ज़मीन हिल गई और कॉप उठी, पहाड़ों की बुनियादों ने जुम्बिश खाई और हिल गई, इसलिए कि वह ग़ज़बनाक हुआ।
8 There went up a smoke out of his nostrils, and fire out of his mouth devoured: coals were kindled by it.
उसके नथनों से धुवाँ उठा, और उसके मुँह से आग निकलकर भसम करने लगी; कोयले उससे दहक उठे।
9 He bowed the heavens also, and came down: and darkness was under his feet.
उसने आसमानों को भी झुका दिया और नीचे उतर आया; और उसके पाँव तले गहरी तारीकी थी।
10 And he rode upon a cherub, and did fly: yea, he did fly upon the wings of the wind.
वह करूबी पर सवार होकर उड़ा, बल्कि वह तेज़ी से हवा के बाजू़ओं पर उड़ा।
11 He made darkness his secret place; his pavilion round about him were dark waters and thick clouds of the skies.
उसने ज़ुल्मत या'नी बादल की तारीकी और आसमान के दलदार बादलों को अपने चारों तरफ़अपने छिपने की जगह और अपना शामियाना बनाया।
12 At the brightness that was before him his thick clouds passed, hail stones and coals of fire.
उसकी हुज़ूरी की झलक से उसके दलदार बादल फट गए, ओले और अंगारे।
13 YHWH also thundered in the heavens, and the Highest gave his voice; hail stones and coals of fire.
और ख़ुदावन्द आसमान में गरजा, हक़ ता'ला ने अपनी आवाज़ सुनाई, ओले और अंगारे।
14 Yea, he sent out his arrows, and scattered them; and he shot out lightnings, and discomfited them.
उसने अपने तीर चलाकर उनको तितर बितर किया, बल्कि ताबड़ तोड़ बिजली से उनको शिकस्त दी।
15 Then the channels of waters were seen, and the foundations of the world were discovered at thy rebuke, O YHWH, at the blast of the breath of thy nostrils.
तब तेरी डाँट से ऐ ख़ुदावन्द! तेरे नथनों के दम के झोंके से, पानी की थाह दिखाई देने लगीऔर जहान की बुनियादें नमूदार हुई।
16 He sent from above, he took me, he drew me out of many waters.
उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और मुझे बहुत पानी में से खींचकर बाहर निकाला।
17 He delivered me from my strong enemy, and from them which hated me: for they were too strong for me.
उसने मेरे ताक़तवर दुश्मन और मेरे'अदावत रखने वालों से मुझे छुड़ा लिया, क्यूँकि वह मेरे लिए बहुत ही ज़बरदस्त थे।
18 They prevented me in the day of my calamity: but YHWH was my stay.
वह मेरी मुसीबत के दिन मुझ पर आ पड़े; लेकिन ख़ुदावन्द मेरा सहारा था।
19 He brought me forth also into a large place; he delivered me, because he delighted in me.
वह मुझे कुशादा जगह में निकाल भी लाया। उसने मुझे छुड़ाया, इसलिए कि वह मुझ से ख़ुश था।
20 YHWH rewarded me according to my righteousness; according to the cleanness of my hands hath he recompensed me.
ख़ुदावन्द ने मेरी रास्ती के मुवाफ़िक़ मुझे बदला दिया: और मेरे हाथों की पाकीज़गी के मुताबिक़ मुझे बदला दिया।
21 For I have kept the ways of YHWH, and have not wickedly departed from my Elohim.
क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द की राहों पर चलता रहा, और शरारत से अपने ख़ुदा से अलग न हुआ।
22 For all his judgments were before me, and I did not put away his statutes from me.
क्यूँकि उसके सब फ़ैसले मेरे सामने रहे, और मैं उसके आईन से नाफ़रमान न हुआ।
23 I was also upright before him, and I kept myself from mine iniquity.
मैं उसके सामने कामिल भी रहा, और अपने को अपनी बदकारी से रोके रख्खा।
24 Therefore hath YHWH recompensed me according to my righteousness, according to the cleanness of my hands in his eyesight.
ख़ुदावन्द ने मुझे मेरी रास्ती के मुवाफ़िक़ और मेरे हाथों की पाकीज़गी के मुताबिक़ जो उसके सामने थी बदला दिया।
25 With the merciful thou wilt shew thyself merciful; with an upright man thou wilt shew thyself upright;
रहम दिल के साथ तू रहीम होगा, और कामिल आदमी के साथ कामिल।
26 With the pure thou wilt shew thyself pure; and with the froward thou wilt shew thyself froward.
नेकोकार के साथ नेक होगा, और कजरों के साथ टेढ़ा।
27 For thou wilt save the afflicted people; but wilt bring down high looks.
क्यूँकि तू मुसीबत ज़दा लोगों को बचाएगा; लेकिन मग़रूरों की आँखों को नीचा करेगा।
28 For thou wilt light my candle: YHWH my Elohim will enlighten my darkness.
इसलिए के तू मेरे चराग़ को रौशन करेगा: ख़ुदावन्द मेरा ख़ुदा मेरे अंधेरे को उजाला कर देगा।
29 For by thee I have run through a troop; and by my Elohim have I leaped over a wall.
क्यूँकि तेरी बदौलत मैं फ़ौज पर धावा करता हूँ। और अपने ख़ुदा की बदौलत दीवार फाँद जाता हूँ।
30 As for El, his way is perfect: the word of YHWH is tried: he is a buckler to all those that trust in him.
लेकिन ख़ुदा की राह कामिल है; ख़ुदावन्द का कलाम ताया हुआ है; वह उन सबकी ढाल है जो उस पर भरोसा रखते हैं।
31 For who is Eloah save YHWH? or who is a rock save our Elohim?
क्यूँकि ख़ुदावन्द के अलावा और कौन ख़ुदा है? और हमारे ख़ुदा को छोड़कर और कौन चट्टान है?
32 It is El that girdeth me with strength, and maketh my way perfect.
ख़ुदा ही मुझे ताक़त से कमर बस्ता करता है, और मेरी राह को कामिल करता है।
33 He maketh my feet like hinds' feet, and setteth me upon my high places.
वही मेरे पाँव हिरनीयों के से बना देता है, और मुझे मेरी ऊँची जगहों में क़ाईम करता है।
34 He teacheth my hands to war, so that a bow of steel is broken by mine arms.
वह मेरे हाथों को जंग करना सिखाता है, यहाँ तक कि मेरे बाजू़ पीतल की कमान को झुका देते हैं।
35 Thou hast also given me the shield of thy salvation: and thy right hand hath holden me up, and thy gentleness hath made me great.
तूने मुझ को अपनी नजात की ढाल बख़्शी, और तेरे दहने हाथ ने मुझे संभाला, और तेरी नमी ने मुझे बुज़ूर्ग बनाया है।
36 Thou hast enlarged my steps under me, that my feet did not slip.
तूने मेरे नीचे, मेरे क़दम कुशादा कर दिए; और मेरे पाँव नहीं फिसले।
37 I have pursued mine enemies, and overtaken them: neither did I turn again till they were consumed.
मैं अपने दुश्मनों का पीछा करके उनको जा लूँगा; और जब तक वह फ़ना न हो जाएँ, वापस नहीं आऊँगा।
38 I have wounded them that they were not able to rise: they are fallen under my feet.
मैं उनको ऐसा छेदुँगा कि वह उठ न सकेंगे; वह मेरे पाँव के नीचे गिर पड़ेंगे।
39 For thou hast girded me with strength unto the battle: thou hast subdued under me those that rose up against me.
क्यूँकि तूने लड़ाई के लिए मुझे ताक़त से कमरबस्ता किया; और मेरे मुख़ालिफ़ों को मेरे सामने नीचा दिखाया।
40 Thou hast also given me the necks of mine enemies; that I might destroy them that hate me.
तूने मेरे दुश्मनों की नसल मेरी तरफ़ फेर दी, ताकि मैं अपने 'अदावत रखने वालों को काट डालूँ।
41 They cried, but there was none to save them: even unto YHWH, but he answered them not.
उन्होंने दुहाई दी लेकिन कोई न था जो बचाए, ख़ुदावन्द को भी पुकारा लेकिन उसने उनको जवाब न दिया।
42 Then did I beat them small as the dust before the wind: I did cast them out as the dirt in the streets.
तब मैंने उनको कूट कूट कर हवा में उड़ती हुई गर्द की तरह कर दिया; मैंने उनको गली कूचों की कीचड़ की तरह निकाल फेंका
43 Thou hast delivered me from the strivings of the people; and thou hast made me the head of the heathen: a people whom I have not known shall serve me.
तूने मुझे क़ौम के झगड़ों से भी छुड़ाया; तूने मुझे क़ौमों का सरदार बनाया है; जिस क़ौम से मैं वाक़िफ़ भी नहीं वह मेरी फ़र्माबरदार होगी।
44 As soon as they hear of me, they shall obey me: the strangers shall submit themselves unto me.
मेरा नाम सुनते ही वह मेरी फ़रमाबरदारी करेंगे; परदेसी मेरे ताबे' हो जाएँगे।
45 The strangers shall fade away, and be afraid out of their close places.
परदेसी मुरझा जाएँगे, और अपने क़िले' से थरथराते हुए निकलेंगे।
46 YHWH liveth; and blessed be my rock; and let the Elohim of my salvation be exalted.
ख़ुदावन्द ज़िन्दा है! मेरी चट्टान मुबारक हो, और मेरा नजात देने वाला ख़ुदा मुम्ताज़ हो।
47 It is El that avengeth me, and subdueth the people under me.
वही ख़ुदा जो मेरा इन्तक़ाम लेता है; और उम्मतों को मेरे सामने नीचा करता है।
48 He delivereth me from mine enemies: yea, thou liftest me up above those that rise up against me: thou hast delivered me from the violent man.
वह मुझे मेरे दुश्मनों से छुड़ाता है; बल्कि तू मुझे मेरे मुख़ालिफ़ों पर सरफ़राज़ करता है। तू मुझे टेढ़े आदमी से रिहाई देता है।
49 Therefore will I give thanks unto thee, O YHWH, among the heathen, and sing praises unto thy name.
इसलिए ऐ ख़ुदावन्द! मैं क़ौमों के बीच तेरी शुक्रगुज़ारी, और तेरे नाम की मदहसराई करूँगा।
50 Great deliverance giveth he to his king; and sheweth mercy to his anointed, to David, and to his seed for evermore.
वह अपने बादशाह को बड़ी नजात 'इनायत करता है, और अपने मम्सूह दाऊद और उसकी नसल पर हमेशा शफ़क़त करता है।

< Psalms 18 >