< Esther 6 >
1 ON that night could not the king sleep, and he commanded to bring the book of records of the chronicles; and they were read before the king.
१उस रात राजा को नींद नहीं आई, इसलिए उसकी आज्ञा से इतिहास की पुस्तक लाई गई, और पढ़कर राजा को सुनाई गई।
2 And it was found written, that Mordecai had told of Bigthana and Teresh, two of the king’s chamberlains, the keepers of the door, who sought to lay hand on the king Ahasuerus.
२उसमें यह लिखा हुआ मिला, कि जब राजा क्षयर्ष के हाकिम जो द्वारपाल भी थे, उनमें से बिगताना और तेरेश नामक दो जनों ने उस पर हाथ चलाने की युक्ति की थी उसे मोर्दकै ने प्रगट किया था।
3 And the king said, What honour and dignity hath been done to Mordecai for this? Then said the king’s servants that ministered unto him, There is nothing done for him.
३तब राजा ने पूछा, “इसके बदले मोर्दकै की क्या प्रतिष्ठा और बड़ाई की गई?” राजा के जो सेवक उसकी सेवा टहल कर रहे थे, उन्होंने उसको उत्तर दिया, “उसके लिये कुछ भी नहीं किया गया।”
4 And the king said, Who is in the court? Now Haman was come into the outward court of the king’s house, to speak unto the king to hang Mordecai on the gallows that he had prepared for him.
४राजा ने पूछा, “आँगन में कौन है?” उसी समय हामान राजा के भवन से बाहरी आँगन में इस मनसा से आया था, कि जो खम्भा उसने मोर्दकै के लिये तैयार कराया था, उस पर उसको लटका देने की चर्चा राजा से करे।
5 And the king’s servants said unto him, Behold, Haman standeth in the court. And the king said, Let him come in.
५तब राजा के सेवकों ने उससे कहा, “आँगन में तो हामान खड़ा है।” राजा ने कहा, “उसे भीतर बुलवा लाओ।”
6 So Haman came in. And the king said unto him, What shall be done unto the man whom the king delighteth to honour? Now Haman thought in his heart, To whom would the king delight to do honour more than to myself?
६जब हामान भीतर आया, तब राजा ने उससे पूछा, “जिस मनुष्य की प्रतिष्ठा राजा करना चाहता हो तो उसके लिये क्या करना उचित होगा?” हामान ने यह सोचकर, कि मुझसे अधिक राजा किसकी प्रतिष्ठा करना चाहता होगा?
7 And Haman answered the king, For the man whom the king delighteth to honour,
७राजा को उत्तर दिया, “जिस मनुष्य की प्रतिष्ठा राजा करना चाहे,
8 Let the royal apparel be brought which the king useth to wear, and the horse that the king rideth upon, and the crown royal which is set upon his head:
८उसके लिये राजकीय वस्त्र लाया जाए, जो राजा पहनता है, और एक घोड़ा भी, जिस पर राजा सवार होता है, और उसके सिर पर जो राजकीय मुकुट धरा जाता है वह भी लाया जाए।
9 And let this apparel and horse be delivered to the hand of one of the king’s most noble princes, that they may array the man withal whom the king delighteth to honour, and bring him on horseback through the street of the city, and proclaim before him, Thus shall it be done to the man whom the king delighteth to honour.
९फिर वह वस्त्र, और वह घोड़ा राजा के किसी बड़े हाकिम को सौंपा जाए, और जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता हो, उसको वह वस्त्र पहनाया जाए, और उस घोड़े पर सवार करके, नगर के चौक में उसे फिराया जाए; और उसके आगे-आगे यह प्रचार किया जाए, ‘जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता है, उसके साथ ऐसा ही किया जाएगा।’”
10 Then the king said to Haman, Make haste, and take the apparel and the horse, as thou hast said, and do even so to Mordecai the Jew, that sitteth at the king’s gate: let nothing fail of all that thou hast spoken.
१०राजा ने हामान से कहा, “फुर्ती करके अपने कहने के अनुसार उस वस्त्र और उस घोड़े को लेकर, उस यहूदी मोर्दकै से जो राजभवन के फाटक में बैठा करता है, वैसा ही कर। जैसा तूने कहा है उसमें कुछ भी कमी होने न पाए।”
11 Then took Haman the apparel and the horse, and arrayed Mordecai, and brought him on horseback through the street of the city, and proclaimed before him, Thus shall it be done unto the man whom the king delighteth to honour.
११तब हामान ने उस वस्त्र, और उस घोड़े को लेकर, मोर्दकै को पहनाया, और उसे घोड़े पर चढ़ाकर, नगर के चौक में इस प्रकार पुकारता हुआ घुमाया, “जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता है उसके साथ ऐसा ही किया जाएगा।”
12 And Mordecai came again to the king’s gate. But Haman hasted to his house mourning, and having his head covered.
१२तब मोर्दकै तो राजभवन के फाटक में लौट गया परन्तु हामान शोक करता हुआ और सिर ढाँपे हुए झट अपने घर को गया।
13 And Haman told Zeresh his wife and all his friends every thing that had befallen him. Then said his wise men and Zeresh his wife unto him, If Mordecai be of the seed of the Jews, before whom thou hast begun to fall, thou shalt not prevail against him, but shalt surely fall before him.
१३हामान ने अपनी पत्नी जेरेश और अपने सब मित्रों से सब कुछ जो उस पर बीता था वर्णन किया। तब उसके बुद्धिमान मित्रों और उसकी पत्नी जेरेश ने उससे कहा, “मोर्दकै जिसे तू नीचा दिखाना चाहता है, यदि वह यहूदियों के वंश में का है, तो तू उस पर प्रबल न होने पाएगा उससे पूरी रीति नीचा हो जाएगा।”
14 And while they were yet talking with him, came the king’s chamberlains, and hasted to bring Haman unto the banquet that Esther had prepared.
१४वे उससे बातें कर ही रहे थे, कि राजा के खोजे आकर, हामान को एस्तेर के किए हुए भोज में फुर्ती से बुला ले गए।