< Hebrews 8 >
1 Now of the things which we have spoken this is the sum: We have such an high priest, who is set on the right hand of the throne of the Majesty in the heavens;
जो कुछ कह्य रह्यो हंय ओकी मुख्य बाते या हय: निश्चय हमरो जवर असो महायाजक हय, जो स्वर्ग म महान परमेश्वर को सिंहासन को दायो तरफ विराजमान हय,
2 A minister of the sanctuary, and of the true tabernacle, which the Lord pitched, and not man.
अऊर पवित्र जागा मतलब सच्चो तम्बू म परमेश्वर न स्थापित करयो होतो नहीं की आदमी न, ऊ जागा ऊ महायाजक को नाते सेवा करय हय।
3 For every high priest is ordained to offer gifts and sacrifices: why it is of necessity that this man have somewhat also to offer.
कहालीकि हर एक महायाजक दान अऊर बलिदान परमेश्वर ख चढ़ावन लायी ठहरायो जावय हय, यो वजह जरूरी हय कि यो याजक को जवर भी कुछ चढ़ावन लायी होना।
4 For if he were on earth, he should not be a priest, seeing that there are priests that offer gifts according to the law:
यदि ऊ धरती पर होतो त कभी याजक नहीं होतो, कहालीकि उत पहिले सीच असो याजक हय जो यहूदी व्यवस्था को अनुसार दान चढ़ावन वालो हंय।
5 Who serve to the example and shadow of heavenly things, as Moses was admonished of God when he was about to make the tabernacle: for, See, says he, that you make all things according to the pattern showed to you in the mount.
जो याजकपन को काम करय हय ऊ स्वर्ग म जो हय ओकी एक छाया अऊर प्रतिकृती आय। योच तरह हय जब मूसा पवित्र तम्बू ख बनावन वालो होतो तब परमेश्वर न ओको सी कह्यो होतो। “ध्यान रहे कि तय हर चिज ठीक उच प्रतिरूप को अनुसार बनाये जो तोख पहाड़ी पर दिखायो गयो होतो।”
6 But now has he obtained a more excellent ministry, by how much also he is the mediator of a better covenant, which was established on better promises.
पर अब जो याजकपन की सेवा यीशु ख प्राप्त भयी हय, ऊ उन्को सेवा काम सी श्रेष्ठ हय। कहालीकि ऊ जो वाचा को मध्यस्थ हय ऊ पूरानो वाचा सी अच्छो हय कहालीकि या अच्छी चिजों को प्रतिज्ञावों पर आधारित हय।
7 For if that first covenant had been faultless, then should no place have been sought for the second.
कहालीकि यदि वा पहिली वाचा म गलती नहीं होती, त दूसरी वाचा को लायी कोयी जरूरत नहीं होती।
8 For finding fault with them, he says, Behold, the days come, says the Lord, when I will make a new covenant with the house of Israel and with the house of Judah:
पर परमेश्वर ख उन लोगों म दोष मिल्यो अऊर ऊ कह्य हय, “प्रभु कह्य हय, देखो, ऊ दिन आवय हंय कि मय इस्राएल को घराना को संग, अऊर यहूदा को घराना को संग नयी वाचा बान्धू।
9 Not according to the covenant that I made with their fathers in the day when I took them by the hand to lead them out of the land of Egypt; because they continued not in my covenant, and I regarded them not, says the Lord.
यो ऊ वाचा को जसो नहीं होयेंन, जो मय न उन्को बापदादों को संग ऊ समय बान्धी होती, जब मय ओको हाथ पकड़ क उन्ख मिस्र देश सी निकाल लायो; कहालीकि हि मोरी वाचा सी विश्वास लायक नहीं रह्यो जसो मय न उन्को संग बान्धी होती, येकोलायी मय न उन पर ध्यान नहीं लगायो।
10 For this is the covenant that I will make with the house of Israel after those days, says the Lord; I will put my laws into their mind, and write them in their hearts: and I will be to them a God, and they shall be to me a people:
फिर प्रभु कह्य हय, कि जो वाचा मय उन दिनो को बाद इस्राएल को घराना को संग बान्धू, ऊ यो आय कि मय अपनी व्यवस्था ख उन्को मनों म डालू, अऊर मय उन्को दिलो पर लिखूं, अऊर मय उन्को परमेश्वर ठहरू अऊर हि मोरो लोग ठहरेंन।
11 And they shall not teach every man his neighbor, and every man his brother, saying, Know the Lord: for all shall know me, from the least to the greatest.
अऊर हर एक अपनो संगियों ख अऊर अपनो पड़ोसी ख यो शिक्षा मत देजो, कि तय प्रभु ख पहिचान, कहालीकि छोटो सी बड़ो तक सब मोख जान लेयेंन।
12 For I will be merciful to their unrighteousness, and their sins and their iniquities will I remember no more.
मय उन्को पापों ख माफ करू अऊर कभी उन्को पाप याद नहीं रखू।”
13 In that he says, A new covenant, he has made the first old. Now that which decays and waxes old is ready to vanish away.
या वाचा ख नयी वाचा कह्य क ओन पहिली वाचा ख पुरानी कर दियो अऊर जो पुरानी अऊर जीर्न होय जावय हय वा फिर जल्दीच मिट जावय हय।