< Jeremiah 51 >

1 Thus saith the LORD: Behold, I will raise up against Babylon, and against them that dwell in Leb-kamai, a destroying wind.
यह याहवेह की वाणी है: “यह देखना मैं बाबेल के विरुद्ध तथा लेब-कोमाई के निवासियों के विरुद्ध एक विनाशक बवंडर उत्पन्‍न करने पर हूं.
2 And I will send unto Babylon strangers, that shall fan her, and they shall empty her land; for in the day of trouble they shall be against her round about.
मैं विदेशियों को बाबेल की ओर भेजूंगा, कि वे उसको सुनसान करें तथा उस देश को ध्वस्त कर दें; चारों ओर से वे उसका विरोध करेंगे यह उसके विनाश का दिन होगा.
3 Let the archer bend his bow against her, and let him lift himself up against her in his coat of mail; and spare ye not her young men, destroy ye utterly all her host.
वह, जो धनुर्धारी है, उसे न तो धनुष तानने दो, न ही उसे झिलम पहनकर खड़े होने दो. संक्षेप में, बाबेल के जवानों को किसी भी रीति से बचकर न जाने दो; बाबेल की संपूर्ण सेना को नष्ट कर दो.
4 And they shall fall down slain in the land of the Chaldeans, and thrust through in her streets.
वे कसदियों के देश में पृथ्वीशायी हो जाएंगे, वे अपनी ही सड़कों पर बर्छियों से बेधे जाएंगे.
5 For Israel is not widowed, nor Judah, of his God, of the LORD of hosts; for their land is full of guilt against the Holy One of Israel.
क्योंकि न तो इस्राएल और न यहूदिया को उनके परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह द्वारा परित्याग किया गया है, यद्यपि उनका देश इस्राएल के पवित्र परमेश्वर के समक्ष सहायकभाव से परिपूर्ण हो गया है.
6 Flee out of the midst of Babylon, and save every man his life, be not cut off in her iniquity; for it is the time of the LORD'S vengeance; He will render unto her a recompense.
“बाबेल के मध्य से पलायन करो! तुममें से हर एक अपना प्राण बचा ले! उसे दिए जा रहे दंड में तुम नष्ट न हो जाना. क्योंकि यह याहवेह के बदला लेने का अवसर होगा; वह उसे वही देंगे, जो उसे दिया जाना उपयुक्त है.
7 Babylon hath been a golden cup in LORD'S hand, that made all the earth drunken; the nations have drunk of her wine, therefore the nations are mad.
बाबेल याहवेह के हाथ में स्वर्ण कटोरा समान रहा है; इससे सारी पृथ्वी मतवाली की गयी है. राष्ट्रों ने उसकी मदिरा का सेवन किया है; इसलिये राष्ट्र मतवाले हुए जा रहे हैं.
8 Babylon is suddenly fallen and destroyed, wail for her; take balm for her pain, if so be she may be healed.
सहसा बाबेल का पतन हो गया है और वह चूर-चूर हो गया है. उसके लिए विलाप करो! उसके लिए दर्द मिटाने वाली औषधि ले आओ; संभव है उसकी वेदना का निवारण हो जाए.
9 We would have healed Babylon, but she is not healed; forsake her, and let us go every one into his own country; for her judgment reacheth unto heaven, and is lifted up even to the skies.
“‘हमने बाबेल का उपचार करना चाहा, किंतु हमारा प्रयास निष्फल रहा; उसे वैसा ही छोड़ दिया जाए और हम अपने-अपने देश को लौट चलें, क्योंकि उसका दंड स्वर्ग तक पहुंच रहा है, वह आकाश तक पहुंच चुका है.’
10 The LORD hath brought forth our victory; come, and let us declare in Zion the work of the LORD our God.
“‘याहवेह ने हमें निस्सहाय घोषित किया है; आओ, हम ज़ियोन में जाकर इसकी घोषणा करें कि यह याहवेह हमारे परमेश्वर द्वारा बनाया कृत्य है.’
11 Make bright the arrows, fill the quivers, the LORD hath roused the spirit of the kings of the Medes; because His device is against Babylon, to destroy it; for it is the vengeance of the LORD, the vengeance of His temple.
“बाणों की नोक की धार बना लो, ढालों को उठा लो! याहवेह ने मेदियों के राजाओं के उत्साह को उत्तेजित कर दिया है, क्योंकि वे बाबेल के विनाश के लिए तैयार हैं. यह याहवेह का बदला है, उनके मंदिर के लिए लिया गया बदला है.
12 Set up a standard against the walls of Babylon, make the watch strong, set the watchmen, prepare the ambushes; for the LORD hath both devised and done that which He spoke concerning the inhabitants of Babylon.
बाबेल शहरपनाह पर आक्रमण के लिए संकेत झंडा ऊंचा उठाओ! वहां एक सशक्त प्रहरी नियुक्त करो, संतरियों को भी नियुक्त किया जाए, कुछ योद्धा घात लगाकर छिप जाएं! क्योंकि याहवेह ने निर्धारित भी किया और निष्पादित भी, जिसकी पूर्ववाणी वह बाबेलवासियों के विषय में कर चुके थे.
13 O thou that dwellest upon many waters, abundant in treasures, thine end is come, the measure of thy covetousness.
तुम, जो महानद के निकट निवास करते हो, तुम, जो निधियों में सम्पन्‍न हो, तुम्हारा पतन बड़ा है, तुम्हारा जीवन सूत्र काटा जा चुका है.
14 The LORD of hosts hath sworn by Himself: Surely I will fill thee with men, as with the canker-worm, and they shall lift up a shout against thee.
सेनाओं के याहवेह ने अपनी ही जीवन की शपथ खायी है: निस्‍संदेह, मैं तुम्हारे मध्य टिड्डी दल सदृश एक जनसमूह ले आऊंगा, और वे तुम्हें पराजित कर जयघोष करेंगे.
15 He that hath made the earth by His power, that hath established the world by His wisdom, and hath stretched out the heavens by His discernment;
“याहवेह ही हैं जिन्होंने अपने सामर्थ्य से पृथ्वी की सृष्टि की; जिन्होंने विश्व को अपनी बुद्धि द्वारा प्रतिष्ठित किया है. अपनी सूझ-बूझ से उन्होंने आकाश को विस्तीर्ण कर दिया.
16 At the sound of His giving a multitude of waters in the heavens, He causeth the vapours to ascend from the ends of the earth; He maketh lightnings at the time of the rain, and bringeth forth the wind out of His treasuries;
उनके नाद उच्चारण से आकाश के जल में हलचल मच जाती है; वही हैं जो चारों ओर से मेघों का आरोहण बनाया करते हैं. वह वृष्टि के लिए बिजली को अधीन करते हैं तथा अपने भण्डारगृह से पवन को चलाते हैं.
17 Every man is proved to be brutish, for the knowledge — every goldsmith is put to shame by the graven image — that his molten image is falsehood, and there is no breath in them.
“हर एक मनुष्य मूर्ख है—ज्ञानहीन; हर एक स्वर्णशिल्पी अपनी ही कृति प्रतिमा द्वारा लज्जित किया जाता है. क्योंकि उसके द्वारा ढाली गई प्रतिमाएं धोखा हैं; उनमें जीवन-श्वास तो है ही नहीं.
18 They are vanity, a work of delusion; in the time of their visitation they shall perish,
ये प्रतिमाएं सर्वथा व्यर्थ हैं, ये हास्यपद कृति हैं; जब उन पर दंड का अवसर आएगा, वे नष्ट हो जाएंगी.
19 The portion of Jacob is not like these; for He is the former of all things, and Israel is the tribe of His inheritance; the LORD of hosts is His name.
याहवेह, जो याकोब की निधि हैं, इनके सदृश नहीं हैं, क्योंकि वे सभी के सृष्टिकर्ता हैं, उनके निज भाग इस कुल का भी; उनका नाम है सेनाओं का याहवेह.
20 Thou art My maul and weapons of war, and with thee will I shatter the nations, and with thee will I destroy kingdoms;
“उनका आश्वासन है, मेरे लिए तुम युद्ध के शस्त्र हो, तुम्हारे द्वारा मैं राष्ट्रों को चूर्ण कर देता हूं, तुम्हारे साथ मैं राज्यों को नष्ट कर देता हूं,
21 And with thee will I shatter the horse and his rider, and with thee will I shatter the chariot and him that rideth therein;
तुमसे मैं घोड़े तथा उसके सवार को नष्ट कर देता हूं, तुमसे ही मैं रथ तथा रथ नियंता को नष्ट कर देता हूं,
22 And with thee will I shatter man and woman, and with thee will I shatter the old man and the youth, and with thee will I shatter the young man and the maid;
तुमसे मैं पुरुष तथा स्त्री को नष्ट कर देता हूं, तथा तुमसे ही मैं वृद्ध तथा जवान को नष्ट कर देता हूं, तुमसे मैं नवयुवक को तथा कुंवारी कन्या को नष्ट कर देता हूं,
23 And with thee will I shatter the shepherd and his flock, and with thee will I shatter the husbandman and his yoke of oxen, and with thee will I shatter governors and deputies.
तुमसे मैं चरवाहे एवं भेड़-बकरियों को नष्ट करता हूं, तुमसे ही मैं किसान एवं उसके सहायकों को नष्ट करता हूं, तथा तुमसे ही मैं राज्यपालों एवं सेनापतियों को नष्ट करता हूं.
24 And I will render unto Babylon and to all the inhabitants of Chaldea all their evil that they have done in Zion, in your sight; saith the LORD.
“किंतु मैं तुम्हारी आंखों ही के समक्ष बाबेल तथा सारे कसदियावासियों से उनके द्वारा ज़ियोन में किए गए उनके सारे अधर्म का बदला लूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
25 Behold, I am against thee, O destroying mountain, saith the LORD, which destroyest all the earth; and I will stretch out My hand upon thee, and roll thee down from the rocks, and will make thee a burnt mountain.
“तुम यह समझ लो, विनाशक पर्वत, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, तुम, जो सारे पृथ्वी को नष्ट करते हो,” यह याहवेह की वाणी है. “मैं तुम्हारे विरुद्ध अपनी भुजा बढ़ाऊंगा, और तुम्हें ढलवां चट्टानों से लुढ़का दूंगा, और तब मैं तुम्हें भस्म हो चुका पर्वत बना छोड़ूंगा.
26 And they shall not take of thee a stone for a corner, nor a stone for foundations; but thou shalt be desolate for ever, saith the LORD.
तुममें से वे भवन के लिए कोने की शिला तक न निकालेंगे और न ही नींव के लिए कोई शिला: तुम तो सदा-सर्वदा के लिए उजाड़-निर्जन होकर रह जाओगे,” यह याहवेह की वाणी है.
27 Set ye up a standard in the land, blow the horn among the nations, prepare the nations against her, call together against her the kingdoms of Ararat, Minni, and Ashkenaz; appoint a marshal against her; cause the horses to come up as the rough canker-worm.
“सारे देश में चेतावनी का झंडा ऊंचा किया जाए! राष्ट्रों में नरसिंगा नाद किया जाए! राष्ट्रों को उसके विरुद्ध युद्ध के लिए नियुक्त करो; उसके विरुद्ध अरारात, मिन्‍नी तथा अश्केनाज राज्य एकत्र किए जाएं. घोड़ों को टिड्डी दल सदृश ले आओ; तथा उसके लिए सेनापति भी नियुक्त करो.
28 Prepare against her the nations, the kings of the Medes, the governors thereof, and all the deputies thereof, and all the land of his dominion.
राष्ट्रों को उसके विरुद्ध युद्ध के लिए नियुक्त करो— मेदियों के राजा, उनके राज्यपाल तथा उनके सेनापति, तथा उनके द्वारा शासित हर एक देश.
29 And the land quaketh and is in pain; for the purposes of the LORD are performed against Babylon, to make the land of Babylon a desolation, without inhabitant.
पृथ्वी कंपित होती तथा वेदना में ऐंठ रही है, क्योंकि बाबेल के विरुद्ध याहवेह का उद्देश्य अटल है— बाबेल देश को उजाड़ एवं निर्जन कर देना.
30 The mighty men of Babylon have forborne to fight, they remain in their strongholds; their might hath failed, they are become as women; her dwelling-places are set on fire; her bars are broken.
बाबेल के शूर योद्धाओं ने समर्पण कर दिया है; वे अपने दुर्गों से बाहर नहीं आ रहे. उनका बल क्षय हो चुका है; वस्तुतः वे अब स्त्रियां होकर रह गए है. उनके आवास अग्नि से ग्रसित हो चुके है; नगर प्रवेश द्वार की छड़ें टूट चुकी हैं.
31 One post runneth to meet another, and one messenger to meet an other, to tell the king of Babylon that his city is taken on every quarter;
एक समाचार का प्रेषक दौड़कर अन्य से मिलता है और एक संदेशवाहक अन्य से, कि बाबेल के राजा को यह संदेश दिया जाए: एक छोर से दूसरी छोर तक आपका नगर अधीन हो चुका है,
32 And the fords are seized, and the castles they have burned with fire, and the men of war are affrighted.
घाटों पर शत्रु का अधिकार हो चुका है, शत्रु ने तो दलदल-वन तक को दाह कर दिया है, योद्धा अत्यंत भयभीत हैं.”
33 For thus saith the LORD of hosts, the God of Israel: The daughter of Babylon is like a threshing-floor at the time when it is trodden; yet a little while, and the time of harvest shall come for her.
सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: “बाबेल की पुत्री दांवनी के खलिहान-सदृश है, जिस पर अन्‍न रौंदा जाता है; फिर भी शीघ्र ही उसे कटनी के अवसर का सामना करना पड़ेगा.”
34 Nebuchadrezzar the king of Babylon hath devoured me, he hath crushed me, he hath set me down as an empty vessel, he hath swallowed me up like a dragon, he hath filled his maw with my delicacies; he hath washed me clean.
ज़ियोनवासी कहेंगे, “बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने तो मुझे ग्रसित कर लिया है, तथा कुचल दिया है, उसने मुझे एक रिक्त बर्तन की स्थिति में लाकर छोड़ दिया है. उसने मुझे विकराल जंतु सदृश निगल लिया है, और वह मेरे उत्कृष्ट व्यंजनों का सेवन कर तृप्‍त हो चुका है, वह मानो मुझे बहाकर ले गया है.
35 'The violence done to me and to my flesh be upon Babylon', shall the inhabitant of Zion say; and: 'My blood be upon the inhabitants of Chaldea', shall Jerusalem say.
वह हिंसा, जो बाबेल द्वारा मुझ पर तथा मेरी देह पर की गई थी,” तब ज़ियोनवासी कहेंगे, वह उसी पर लौट पड़े. तथा येरूशलेम कहेगा, “मुझ पर की गई हिंसा का बदला कसदिया देश से लिया जाए,”
36 Therefore thus saith the LORD: Behold, I will plead thy cause, and take vengeance for thee; and I will dry up her sea, and make her fountain dry.
इसलिये याहवेह की वाणी यह है: “यह देख लेना, मैं तुम्हारे सहायक का प्रवक्ता हो जाऊंगा और तुम्हारे लिए भरपूर बदला प्रभावी करूंगा. मैं उसकी जल राशि को शुष्क कर दूंगा तथा उसके जल-स्रोत निर्जल बना दूंगा.
37 And Babylon shall become heaps, a dwelling-place for jackals, an astonishment, and a hissing, without inhabitant.
बाबेल खंडहरों का ढेर, तथा सियारों का बसेरा बन जाएगा, वह भय का पर्याय, निर्जन स्थान, तथा उपहास का विषय बन जाएगा.
38 They shall roar together like young lions; they shall growl as lions' whelps.
बाबेलवासी सशक्त सिंहों के समान दहाड़ेंगे, वे सिंह के शावकों के समान गुर्राएंगे.
39 With their poison I will prepare their feast, and I will make them drunken, that they may be convulsed, and sleep a perpetual sleep, and not wake, saith the LORD.
जब वे उतावला होंगे, मैं उनके लिए भोज आयोजित कर दूंगा और मैं उन्हें ऐसे मतवाले कर दूंगा, कि वे प्रमुदित हो जाएं और तब वे चिर-निद्रा में चले जाएंगे, कि वे कभी न जाग सकें,” यह याहवेह की वाणी है.
40 I will bring them down like lambs to the slaughter, like rams with he-goats.
“मैं उनकी स्थिति वध के लिए निर्धारित मेमनों के समान कर दूंगा, मेढ़ों तथा बकरों के सदृश.
41 How is Sheshach taken! and the praise of the whole earth seized! How is Babylon become an astonishment among the nations!
“कैसे शेशाख को बंदी बना लिया गया है, जिसे सारी पृथ्वी की प्रशंसा प्राप्‍त होती रहती थी! यह कैसे हुआ कि बाबेल राष्ट्रों के मध्य भय का विषय बन गया है!
42 The sea is come up upon Babylon; she is covered with the multitude of the waves thereof.
समुद्र जल स्तर ऊंचा होकर बाबेल तक पहुंच गया है; उसकी प्रचंड लहरों ने इसे ढांप लिया है.
43 Her cities are become a desolation, a dry land, and a desert, a land wherein no man dwelleth, neither doth any son of man pass thereby.
उसके नगर भयास्पद हो गए हैं, अनावृष्टि प्रभावित मरुभूमि सदृश ऐसा क्षेत्र जहां कोई मनुष्य निवास नहीं करता, जिसके मध्य से होकर कोई भी नहीं निकलता.
44 And I will punish Bel in Babylon, and I will bring forth out of his mouth that which he hath swallowed up, and the nations shall not flow any more unto him; yea, the wall of Babylon shall fall.
मैं बाबेल में ही बेल को दंड दूंगा, मैं उसके मुख से वही उगलवाऊंगा, जो उसने निगल लिया था. तब जनता उसकी ओर आकर्षित होना ही छोड़ देंगे. अब तो बाबेल की शहरपनाह भी ढह चुकी है.
45 My people, go ye out of the midst of her, and save yourselves every man from the fierce anger of the LORD.
“मेरी प्रजाजनो, वहां से निकल आओ! तुममें से हर एक याहवेह के प्रचंड प्रकोप से अपनी रक्षा करें.
46 And let not your heart faint, neither fear ye, for the rumour that shall be heard in the land; for a rumour shall come one year, and after that in another year a rumour, and violence in the land, ruler against ruler.
तुम्हारा हृदय मूर्छित न होने लगे तथा सारे देश में प्रसारित होते समाचार से तुम भयभीत न हो जाओ; क्योंकि एक समाचार इस वर्ष आएगा, तत्पश्चात अन्य समाचार अगले वर्ष, सारे देश में हिंसा भड़क रही होगी, उच्चाधिकारी ही उच्चाधिकारी के विरुद्ध हो जाएगा.
47 Therefore behold, the days come, that I will do judgment upon the graven images of Babylon, and her whole land shall be ashamed; and all her slain shall fall in the midst of her.
तब तुम यह देख लेना वे दिन आ रहे हैं, मैं बाबेल की प्रतिमाओं को दंड दूंगा; सारे देश के लिए यह लज्जा का विषय होगा घात किए हुओं के शव उसके मध्य में इधर-उधर पड़े पाए जाएंगे.
48 Then the heaven and the earth, and all that is therein, shall sing for joy over Babylon; for the spoilers shall come unto her from the north, saith the LORD.
तब स्वर्ग और पृथ्वी तथा इनके सारे निवासी बाबेल की इस स्थिति पर हर्षनाद करेंगे, क्योंकि उसके विनाशक उत्तर दिशा से आएंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
49 As Babylon hath caused the slain of Israel to fall, so at Babylon shall fall the slain of all the land.
“इस्राएल के लोगों के कारण बाबेल का पतन अनिवार्य है, ठीक जिस प्रकार सारी पृथ्वी पर के मारे गये लोग बाबेल के ही कारण मारे गये हैं.
50 Ye that have escaped the sword, go ye, stand not still; remember the LORD from afar, and let Jerusalem come into your mind.
तुम सभी, जो तलवार से बच निकले हो, यहां ठहरे न रहो, भागो यहां से! दूर ही दूर रहते हुए याहवेह को स्मरण कर लिया करो, येरूशलेम तुम्हारी स्मृति से दूर न रहे.”
51 'We are ashamed, because we have heard reproach, confusion hath covered our faces; for strangers are come into the sanctuaries of the LORD'S house.'
“निंदा सुनकर हम अत्यंत लज्जित हुए हैं हमारे मुखमंडल पर कलंक लग चुका है, क्योंकि याहवेह के पवित्र भवन में विदेशियों का प्रवेश हो चुका है.”
52 Wherefore, behold, the days come, saith the LORD, that I will do judgment upon her graven images; and through all her land the wounded shall groan.
“तब यह समझ लो: वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं उसकी प्रतिमाओं को दंड दूंगा, तब घातक प्रहार से पीड़ित, संपूर्ण देश में कराहते हुए पाए जाएंगे.
53 Though Babylon should mount up to heaven, and though she should fortify the height of her strength, yet from Me shall spoilers come unto her, saith the LORD.
चाहे बाबेल आकाश-सदृश ऊंचा हो जाए, चाहे वह अपने ऊंचे गढ़ सुदृढ़ बना ले, मेरे द्वारा भेजे गए विनाशक उसे जा पकड़ेंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
54 Hark! a cry from Babylon, and great destruction from the land of the Chaldeans!
“बाबेल में विलाप व्याप्‍त है, तथा कसदियों के देश में महाविनाश.
55 For the LORD spoileth Babylon, and destroyeth out of her the great voice; and their waves roar like many waters, the noise of their voice is uttered;
क्योंकि याहवेह बाबेल के विनाश के लिए तैयार हैं; वह उसकी उस उच्च आवाज को समाप्‍त कर देंगे. उसकी ध्वनि उग्र लहरों के सदृश है; नगर में आवाज गूंज रही है.
56 For the spoiler is come upon her, even upon Babylon, and her mighty men are taken, their bows are shattered; for the LORD is a God of recompenses, He will surely requite.
बाबेल पर विनाशक ने आक्रमण किया है; उसके सारे शूर योद्धा बंदी बनाए जाएंगे, उसके धनुष टूट चुके हैं. क्योंकि याहवेह बदला लेनेवाले परमेश्वर हैं; वह पूरा-पूरा बदला लेंगे.
57 And I will make drunk her princes and her wise men, her governors and her deputies, and her mighty men; and they shall sleep a perpetual sleep, and not wake, saith the King, whose name is the LORD of hosts.
मैं उसके उच्चाधिकारी तथा परामर्शकों को मदोन्मत बना दूंगा, उसके राज्यपालों, सेनापतियों तथा शूर योद्धाओं को भी; कि वे सभी चिर-निद्रा में सो जाएं, और फिर कभी न जागें!” यह उस राजा की वाणी है, जिनका नाम है सेनाओं के याहवेह.
58 Thus saith the LORD of hosts: The broad walls of Babylon shall be utterly overthrown, and her high gates shall be burned with fire; and the peoples shall labour for vanity, and the nations for the fire; and they shall be weary.
सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: “बाबेल की चौड़ी शहरपनाह पूर्णतः ध्वस्त कर दी जाएगी तथा उसके ऊंचे-ऊंचे प्रवेश द्वार अग्नि में दाह कर दिए जाएंगे; तब प्रजा का परिश्रम व्यर्थ रहेगा, तथा राष्ट्रों का सारा परिश्रम मात्र अग्नि में भस्म होने के लिए सिद्ध होगा.”
59 The word which Jeremiah the prophet commanded Seraiah the son of Neriah, the son of Mahseiah, when he went with Zedekiah the king of Judah to Babylon in the fourth year of his reign. Now Seraiah was quartermaster.
नेरियाह के पुत्र माहसेइयाह के पौत्र सेराइयाह को दिया गया भविष्यद्वक्ता येरेमियाह का आदेश यह है, यह उसे उस अवसर पर भेजा गया, जब वह यहूदिया के राजा सीदकियाहू के राज्य-काल के चौथे वर्ष में राजा के साथ बाबेल गया था, सेराइयाह वहां महलों का प्रबंधक था.
60 And Jeremiah wrote in one book all the evil that should come upon Babylon, even all these words that are written concerning Babylon.
येरेमियाह ने एक चर्म कुण्डलिका में उन सारे संकटों की एक सूची बना दी जो बाबेल के लिए निर्धारित किए गए थे, अर्थात् वे सभी भविष्यवाणी, जो बाबेल के विषय में की गई थी.
61 And Jeremiah said to Seraiah: 'When thou comest to Babylon, then see that thou read all these words,
तत्पश्चात येरेमियाह ने सेराइयाह को संबोधित कर कहा, “यह ध्यान रखना कि बाबेल पहुंचते ही तुम यह सब उच्च स्वर में सबके समक्ष पढ़ोगे.
62 and say: O LORD, Thou hast spoken concerning this place, to cut it off, that none shall dwell therein, neither man nor beast, but that it shall be desolate for ever.
फिर तुम यह भी कहना, ‘याहवेह ने इस स्थान के विषय में भविष्यवाणी की है, कि यह स्थान नष्ट कर दिया जाएगा, इस प्रकार कि इस स्थान पर कोई भी निवासी शेष न रह जाएगा; चाहे मनुष्य हो अथवा पशु और यह स्थायी उजाड़ हो जाएगा.’
63 And it shall be, when thou hast made an end of reading this book, that thou shalt bind a stone to it, and cast it into the midst of the Euphrates;
जैसे ही तुम इस चर्म कुण्डली को पढ़ना समाप्‍त करोगे, तुम एक पत्थर इसमें बांध देना और इसे फरात नदी के मध्य में फेंक देना.
64 and thou shalt say: Thus shall Babylon sink, and shall not rise again because of the evil that I will bring upon her; and they shall be weary.' Thus far are the words of Jeremiah.
उसे फेंकते हुए तुम यह कहना, ‘बाबेल इसी प्रकार डूब जाएगा और फिर कभी उठकर ऊपर न आएगा, क्योंकि मैं उस पर ऐसा संकट डालने पर हूं. और उसके लोग गिर जाएंगे.’” येरेमियाह के शब्द यहीं तक हैं.

< Jeremiah 51 >