< Jeremiah 5 >

1 Run ye to and fro through the streets of Jerusalem, and see now, and know, and seek in the broad places thereof, if ye can find a man, if there be any that doeth justly, that seeketh truth; and I will pardon her.
अब येरूशलेम की गलियों में इधर — उधर गश्त करो; और देखो और दरियाफ़्त करो, और उसके चौकों में ढूँडो, अगर कोई आदमी वहाँ मिले जो इन्साफ़ करनेवाला और सच्चाई का तालिब हो, तो मैं उसे मु'आफ़ करूँगा।
2 And though they say: 'As the LORD liveth', surely they swear falsely.
और अगरचे वह कहते हैं, ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम, तो भी यक़ीनन वह झूटी क़सम खाते हैं।
3 O LORD, are not Thine eyes upon truth? Thou hast stricken them, but they were not affected; Thou hast consumed them, but they have refused to receive correction; they have made their faces harder than a rock; they have refused to return.
ऐ ख़ुदावन्द, क्या तेरी आँखें सच्चाई पर नही हैं? तूने उनको मारा है, लेकिन उन्होंने अफ़सोस नहीं किया; तूने उनको बर्बाद किया, लेकिन वह तरबियत — पज़ीर न हुए; उन्होंने अपने चेहरों को चट्टान से भी ज़्यादा सख़्त बनाया, उन्होंने वापस आने से इन्कार किया है।
4 And I said: 'Surely these are poor, they are foolish, for they know not the way of the LORD, nor the ordinance of their God;
तब मैंने कहा कि “यक़ीनन ये बेचारे जाहिल हैं, क्यूँकि ये ख़ुदावन्द की राह और अपने ख़ुदा के हुक्मों को नहीं जानते।
5 I will get me unto the great men, and will speak unto them; for they know the way of the LORD, and the ordinance of their God.' But these had altogether broken the yoke, and burst the bands.
मैं बुज़ुर्गों के पास जाऊँगा, और उनसे कलाम करूँगा; क्यूँकि वह ख़ुदावन्द की राह और अपने ख़ुदा के हुक्मों को जानते हैं।” लेकिन इन्होंने जूआ बिल्कुल तोड़ डाला, और बन्धनों के टुकड़े कर डाले।
6 Wherefore a lion out of the forest doth slay them, a wolf of the deserts doth spoil them, a leopard watcheth over their cities, every one that goeth out thence is torn in pieces; because their transgressions are many, their backslidings are increased.
इसलिए जंगल का शेर — ए — बबर उनको फाड़ेगा वीराने का भेड़िया हलाक करेगा, चीता उनके शहरों की घात में बैठा रहेगा; जो कोई उनमें से निकले फाड़ा जाएगा, क्यूँकि उनकी सरकशी बहुत हुई और उनकी नाफ़रमानी बढ़ गई।
7 Wherefore should I pardon thee? The children have forsaken Me, and sworn by no-gods; and when I had fed them to the full, they committed adultery, and assembled themselves in troops at the harlots' houses.
मैं तुझे क्यूँकर मु'आफ़ करूँ? तेरे फ़र्ज़न्दों ने' मुझ को छोड़ा, और उनकी क़सम खाई जो ख़ुदा नहीं हैं। जब मैंने उनको सेर किया, तो उन्होंने बदकारी की और परे बाँधकर क़हबाख़ानों में इकट्ठे हुए।
8 They are become as well-fed horses, lusty stallions; every one neigheth after his neighbour's wife.
वह पेट भरे घोड़ों की तरह हो गए, हर एक सुबह के वक़्त अपने पड़ोसी की बीवी पर हिनहिनाने लगा।
9 Shall I not punish for these things? saith the LORD; and shall not My soul be avenged on such a nation as this?
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं इन बातों के लिए सज़ा न दूँगा, और क्या मेरी रूह ऐसी क़ौमों से इन्तक़ाम न लेगी?
10 Go ye up into her rows, and destroy, but make not a full end; take away her shoots; for they are not the LORD'S.
'उसकी दीवारों पर चढ़ जाओ और तोड़ डालो, लेकिन बिल्कुल बर्बाद न करो, उसकी शाख़ें काट दो, क्यूँकि वह ख़ुदावन्द की नहीं हैं।
11 For the house of Israel and the house of Judah have dealt very treacherously against Me, saith the LORD.
इसलिए कि ख़ुदावन्द फ़रमाता है, इस्राईल के घराने और यहूदाह के घराने ने मुझसे बहुत बेवफ़ाई की।
12 They have belied the LORD, and said: 'It is not He, neither shall evil come upon us; neither shall we see sword nor famine;
“उन्होंने ख़ुदावन्द का इन्कार किया और कहा कि 'वह नहीं है, हम पर हरगिज़ आफ़त न आएगी, और तलवार और काल को हम न देखेंगे;
13 And the prophets shall become wind, and the word is not in them; thus be it done unto them.'
और नबी महज़ हवा हो जाएँगे, और कलाम उनमें नहीं है; उनके साथ ऐसा ही होगा।”
14 Wherefore thus saith the LORD, the God of hosts: Because ye speak this word, behold, I will make My words in thy mouth fire, and this people wood, and it shall devour them.
फिर इसलिए कि तुम यूँ कहते हो, ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि, देख, मैं अपने कलाम को तेरे मुँह में आग और इन लोगों को लकड़ी बनाऊँगा और वह इनको भसम कर देगी।
15 Lo, I will bring a nation upon you from far, O house of Israel, saith the LORD; it is an enduring nation, it is an ancient nation, a nation whose language thou knowest not, neither understandest what they say.
ऐ इस्राईल के घराने, देख, मैं एक क़ौम को दूर से तुझ पर चढ़ा लाऊँगा ख़ुदावन्द फ़रमाता है वह ज़बरदस्त क़ौम है, वह क़दीम क़ौम है, वह ऐसी क़ौम है जिसकी ज़बान तू नहीं जानता और उनकी बात को तू नहीं समझता।
16 Their quiver is an open sepulchre, they are all mighty men.
उनके तरकश खुली क़ब्रे हैं, वह सब बहादुर मर्द हैं।
17 And they shall eat up thy harvest, and thy bread, they shall eat up thy sons and thy daughters, they shall eat up thy flocks and thy herds, they shall eat up thy vines and thy fig-trees; they shall batter thy fortified cities, wherein thou trusteth, with the sword.
और वह तेरी फ़सल का अनाज और तेरी रोटी, जो तेरे बेटों और बेटियों के खाने की थी, खा जाएँगे; तेरे गाय — बैल और तेरी भेड़ बकरियों को चट कर जाएँगे, तेरे अंगूर और अंजीर निगल जाएँगे, तेरे हसीन शहरों को जिन पर तेरा भरोसा है, तलवार से वीरान कर देंगे।
18 But even in those days, saith the LORD, I will not make a full end with you.
“लेकिन ख़ुदावन्द फ़रमाता है, उन दिनों में भी मैं तुम को बिल्कुल बर्बाद न करूँगा।
19 And it shall come to pass, when ye shall say: 'Wherefore hath the LORD our God done all these things unto us?' then shalt Thou say unto them: 'Like as ye have forsaken Me, and served strange gods in your land, so shall ye serve strangers in a land that is not yours.'
और यूँ होगा कि जब वह कहेंगे, 'ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने यह सब कुछ हम से क्यूँ किया?' तो तू उनसे कहेगा, जिस तरह तुम ने मुझे छोड़ दिया और अपने मुल्क में ग़ैर मा'बूदों की इबादत की, उसी तरह तुम उस मुल्क में जो तुम्हारा नहीं है, अजनबियों की ख़िदमत करोगे।”
20 Declare ye this in the house of Jacob, and announce it in Judah, saying:
या'क़ूब के घराने में इस बात का इश्तिहार दो, और यहूदाह में इसका 'ऐलान करो और कहो,
21 Hear now this, O foolish people, and without understanding, that have eyes, and see not, that have ears, and hear not:
“अब ज़रा सुनो, ऐ नादान और बे'अक़्ल लोगों, जो आँखें रखते हो लेकिन देखते नहीं, जो कान रखते हो लेकिन सुनते नहीं।
22 Fear ye not Me? saith the LORD; Will ye not tremble at My presence? Who have placed the sand for the bound of the sea, an everlasting ordinance, which it cannot pass; and though the waves thereof toss themselves, yet can they not prevail; though they roar, yet can they not pass over it.
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या तुम मुझसे नहीं डरते? क्या तुम मेरे सामने थरथराओगे नहीं, जिसने रेत को समन्दर की हद पर हमेशा के हुक्म से क़ाईम किया कि वह उससे आगे नहीं बढ़ सकता और हरचन्द उसकी लहरें उछलती हैं, तोभी ग़ालिब नहीं आतीं; और हरचन्द शोर करती हैं, तो भी उससे आगे नहीं बढ़ सकतीं।
23 But this people hath a revolting and a rebellious heart; they are revolted, and gone.
लेकिन इन लोगों के दिल बाग़ी और सरकश हैं; इन्होंने सरकशी की और दूर हो गए।
24 Neither say they in their heart: 'Let us now fear the LORD our God, that giveth the former rain, and the latter in due season; that keepeth for us the appointed weeks of the harvest.'
इन्होंने अपने दिल में न कहा कि हम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से डरें, जो पहली और पिछली बरसात वक़्त पर भेजता है, और फ़सल के मुक़र्ररा हफ़्तों को हमारे लिए मौजूद कर रखता है।
25 Your iniquities have turned away these things, and your sins have withholden good from you.
तुम्हारी बदकिरदारी ने इन चीज़ों को तुम से दूर कर दिया, और तुम्हारे गुनाहों ने अच्छी चीज़ों को तुम से बाज़ रखा'।
26 For among My people are found wicked men; they pry, as fowlers lie in wait; they set a trap, they catch men.
क्यूँकि मेरे लोगों में शरीर पाए जाते हैं; वह फन्दा लगाने वालों की तरह घात में बैठते हैं, वह जाल फैलाते और आदमियों को पकड़ते हैं।
27 As a cage is full of birds, so are their houses full of deceit; therefore they are become great, and waxen rich;
जैसे पिंजरा चिड़ियों से भरा हो, वैसे ही उनके घर फ़रेब से भरे हैं, तब वह बड़े और मालदार हो गए।
28 They are waxen fat, they are become sleek; yea, they overpass in deeds of wickedness; they plead not the cause, the cause of the fatherless, that they might make it to prosper; and the right of the needy do they not judge.
वह मोटे हो गए, वह चिकने हैं। वह बुरे कामों में सबक़त ले जाते हैं, वह फ़रियाद या'नी यतीमों की फ़रियाद, नहीं सुनते ताकि उनका भला हो और मोहताजों का इन्साफ़ नहीं करते।
29 Shall I not punish for these things? saith the LORD; Shall not My soul be avenged on such a nation as this?
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं इन बातों के लिए सज़ा न दूँगा? और क्या मेरी रूह ऐसी क़ौम से इन्तक़ाम न लेगी?”
30 An appalling and horrible thing is come to pass in the land:
मुल्क में एक हैरतअफ़ज़ा और हौलनाक बात हुई;
31 The prophets prophesy in the service of falsehood, and the priests bear rule at their beck; and My people love to have it so; What then will ye do in the end thereof?
नबी झूठी नबुव्वत करते हैं, और काहिन उनके वसीले से हुक्मरानी करते हैं, और मेरे लोग ऐसी हालत को पसन्द करते हैं, अब तुम इसके आख़िर में क्या करोगे?

< Jeremiah 5 >