< Isaiah 28 >

1 Woe to the crown of pride of the drunkards of Ephraim, and to the fading flower of his glorious beauty, which is on the head of the fat valley of them that are smitten down with wine!
घमंड का मुकुट जो एफ्राईम के मतवालों का है, उनकी सुंदरता पर, जो मुर्झाने वाला फूल है, जो उपजाऊ तराई के सिरे पर— दाखमधु से मतवालों की है!
2 Behold, the Lord hath a mighty and strong one, as a storm of hail, a tempest of destruction, as a storm of mighty waters overflowing, that casteth down to the earth with violence.
देखो, याहवेह के पास एक है जो शक्तिशाली और मजबूत है, जिसने एक शक्तिशाली ओलावृष्टि और एक मूसलाधार बारिश की तरह, विनाश की आंधी और बाढ़ से, पृथ्वी को नुकसान पहुंचाया है.
3 The crown of pride of the drunkards of Ephraim shall be trodden under foot;
एफ्राईम मतवालों के अहंकारी मुकुट को, पैरों तले रौंद दिया गया है.
4 And the fading flower of his glorious beauty, which is on the head of the fat valley, shall be as the first-ripe fig before the summer, which when one looketh upon it, while it is yet in his hand he eateth it up.
इसकी सुंदरता मुरझाया हुआ फूल, जो उपजाऊ घाटी के ऊंचाई पर स्थित है, और वह जैसे ग्रीष्मकाल से पहले पके अंजीर के समान होगा— जिसे देखते ही जल्दी खा जाते हैं.
5 In that day shall the LORD of hosts be for a crown of glory, and for a diadem of beauty, unto the residue of His people;
उस दिन सर्वशक्तिमान याहवेह अपनी प्रजा के बचे हुओं के लिए, एक प्रतापी और सुंदर मुकुट ठहराएगा.
6 And for a spirit of judgment to him that sitteth in judgment, and for strength to them that turn back the battle at the gate.
और जो न्याय-सिंहासन पर बैठा होता है उसके लिए न्याय की आत्मा, हां, जो फाटक से शत्रुओं को पीछे धकेलते हैं उनके लिये वह ढाल ठहरेगा.
7 But these also reel through wine, and stagger through strong drink; the priest and the prophet reel through strong drink, they are confused because of wine, they stagger because of strong drink; they reel in vision, they totter in judgment.
पुरोहित और भविष्यद्वक्ता भी दाखमधु पीकर डगमगाते हैं, वे मधु से बेहाल होकर नीचे गिर पड़ते हैं, वे मधु से लड़खड़ाते हैं. भविष्यद्वक्ता जब अपने दर्शन देखते हैं, तभी भी वे पिए हुए होते हैं, और दर्शन पाकर भी भटक जाते हैं, न्यायाधीश जब न्याय करते हैं तो वे नशे में डूबे हुए होकर न्याय में गलती करते हैं.
8 For all tables are full of filthy vomit, and no place is clean.
क्योंकि भोजन करने की जगह गंदगी से भरी हुई हैं और कहीं भी सफाई नहीं है.
9 Whom shall one teach knowledge? And whom shall one make to understand the message? Them that are weaned from the milk, them that are drawn from the breasts?
“किसको सिखाएं और किसको समझाएं? क्या उन्हें, जो अभी-अभी दूध छुड़ाए गये बच्‍चे हैं, जो मां के स्तन से अलग किए गए हैं?
10 For it is precept by precept, precept by precept, line by line, line by line; here a little, there a little.
आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम; थोड़ा यहां, थोड़ा वहां.”
11 For with stammering lips and with a strange tongue shall it be spoken to this people;
परमेश्वर इन लोगों को हकलाते हुए होंठों और विदेशी भाषा वालों के द्वारा बात करेंगे,
12 To whom it was said: 'This is the rest, give ye rest to the weary; and this is the refreshing'; yet they would not hear.
जिन्होंने उन्हें इस प्रकार कहा, “विश्राम यहां है, जो थके हैं उन्हें आराम दो”; “विश्राम यहीं है”— किंतु वे नहीं सुनेंगे.
13 And so the word of the LORD is unto them precept by precept, precept by precept, line by line, line by line; here a little, there a little; that they may go, and fall backward, and be broken, and snared, and taken.
तब उनके लिए याहवेह ने उनसे कहा: आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम; थोड़ा यहां, थोड़ा वहां— जिससे वे ठोकर खाकर गिरकर घायल हो जायें और; जाल में फंसकर पकडे जाएं.
14 Wherefore hear the word of the LORD, ye scoffers, the ballad-mongers of this people which is in Jerusalem:
इस कारण हे ठट्ठा करनेवालो, याहवेह की बात सुनो, वह जो इस प्रजा पर शासन करते हैं वे येरूशलेम में रहते हैं.
15 Because ye have said: 'We have made a covenant with death, and with the nether-world are we at agreement; when the scouring scourge shall pass through, it shall not come unto us; for we have made lies our refuge, and in falsehood have we hid ourselves'; (Sheol h7585)
क्योंकि तुमने कहा है, “हमने मृत्यु से एक वाचा बांधी है और अधोलोक से एक समझौता किया है. जब यह कष्ट बढ़ जाये, तब यह हम तक नहीं पहुंच पाएगा, क्योंकि हमने झूठ को अपना शरणस्थान बनाया है और झूठ की आड़ में हमने अपने आपको छिपा रखा है.” (Sheol h7585)
16 Therefore thus saith the Lord GOD: Behold, I lay in Zion for a foundation a stone, a tried stone, a costly corner-stone of sure foundation; he that believeth shall not make haste.
इसलिये याहवेह यों कहते हैं: “देखो, मैंने ज़ियोन में एक पत्थर, एक परखा हुआ पत्थर, नींव के लिए एक मूल्यवान कोने का पत्थर रखा है.
17 And I will make justice the line, and righteousness the plummet; and the hail shall sweep away the refuge of lies, and the waters shall overflow the hiding-place.
मैं न्याय को नाप की डोरी और धर्मी को साहुल बनाऊंगा; तब झूठ का शरणस्थान ओलों से बह जाएगा, और छिपने की जगह डूब जाएगी.
18 And your covenant with death shall be disannulled and your agreement with the nether-world shall not stand; when the scouring scourge shall pass through, then ye shall be trodden down by it, (Sheol h7585)
मृत्यु से तुम्हारी वाचा टूट जाएगी; और अधोलोक से तुम्हारा समझौता सिद्ध न होगा. जब विपत्ति दंड के रूप में निकलेगी, तब तुम कुचल दिए जाओगे. (Sheol h7585)
19 As often as it passeth through, it shall take you; for morning by morning shall it pass through, by day and by night; and it shall be sheer terror to understand the message.
जितना तुम बढ़ोगे वह तुम्हें दबा देगी; क्योंकि हर दिन और हर रात किसी भी समय होकर वह निकलेगा, और इस बात से तुम डर जाओगे.”
20 For the bed is too short for a man to stretch himself; and the covering too narrow when he gathereth himself up.
किसी को फैलकर सोने के लिए बिछौना छोटा पड़ जाता है, और किसी को ओढ़ने के लिए चादर संकरी.
21 For the LORD will rise up as in mount Perazim, He will be wroth as in the valley of Gibeon; that He may do His work, strange is His work, and bring to pass His act, strange is His act.
क्योंकि याहवेह उसी प्रकार खड़े हो जाएंगे जिस प्रकार वह पराज़ीम पर्वत पर खड़े हुए थे, और वह उसी प्रकार क्रोधित होंगे जैसे वह गिबयोन की घाटी में क्रोधित हुए थे— फिर से वह अपना काम करेगा, जो अद्भुत और अचंभित है.
22 Now therefore be ye not scoffers, lest your bands be made strong; for an extermination wholly determined have I heard from the Lord, the GOD of hosts, upon the whole land.
इसलिये अब ठट्ठा करनेवालों के समान मत बनो, नहीं तो तुम्हारी बेड़ियों को और अधिक मजबूत कर दिया जाएगा; क्योंकि प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह से मैंने सारी पृथ्वी पर विनाश के विषय में सुना है.
23 Give ye ear, and hear my voice; attend, and hear my speech.
ध्यान दो और सुनो सचेत हो जाओ; और मेरी बातों पर ध्यान दो.
24 Is the plowman never done with plowing to sow, with the opening and harrowing of his ground?
क्या बीज बोने वाले के लिए एक किसान भूमि को जोतता रहता है? क्या वह भूमि को निरंतर पलटता और सींचता रहता है?
25 When he hath made plain the face thereof, doth he not cast abroad the black cummin, and scatter the cummin, and put in the wheat in rows and the barley in the appointed place and the spelt in the border thereof?
क्या वह इसे समतल नहीं बनाता और इसमें सौंफ उगाता, जीरे को छितराता, पंक्तियों में गेहूं उगाता, जौ और बाजरे को उसके स्थान पर नहीं बोता?
26 For He doth instruct him aright; his God doth teach him.
क्योंकि उसे बताये गए हैं, और परमेश्वर उसे सिखा देते हैं.
27 For the black cummin is not threshed with a threshing-sledge, neither is a cart-wheel turned about upon the cummin; but the black cummin is beaten out with a staff, and the cummin with a rod.
सौंफ की दंवरी पटरे से नहीं की जाती, और न ही जीरे के ऊपर गाड़ी का पहिया चलाया जाता है; किंतु सौंफ की दंवरी तो लाठी से और जीरे की मुगदर से की जाती है.
28 Is bread corn crushed? Nay, he will not ever be threshing it; and though the roller of his wagon and its sharp edges move noisily, he doth not crush it.
क्या दंवरी में रोटी के लिए अन्‍न को चूर-चूर किया जाता है; नहीं, किसान इसकी दंवरी सर्वदा नहीं करता रहता. जब वह अपनी गाड़ी के पहिए को घोड़ों के द्वारा इसके ऊपर चलाता है, वह इसे चूर-चूर नहीं करता.
29 This also cometh forth from the LORD of hosts: Wonderful is His counsel, and great His wisdom.
इसे नियुक्त करनेवाला भी सर्वशक्तिमान याहवेह ही, अद्भुत युक्ति वाला और महा बुद्धिमान है.

< Isaiah 28 >